मुख्यमंत्री ने अयोध्या में स्वामी रामानुजाचार्य जी की
प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ डिग्निटी-मर्यादा मूर्ति’ का अनावरण किया

1000 वर्ष पहले लोक कल्याण के लिए स्वामी रामानुजाचार्य जी
महाराज इस धराधाम पर अवतरित हुए थे

भारतीय परम्पराएं प्रेरणा की स्रोत, यह हमें लोक कल्याण
के मार्ग पर चलने की ओर अग्रसर करती हैं: मुख्यमंत्री

पूज्य संतों का अनुसरण कर उनके मार्ग पर
चलना चाहिए, यह हमें एक नई दृष्टि दे सकता है

सनातन धर्म को मजबूत करके ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’
एवं विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने मेें सफल होंगे

दुनिया में भारत ज्ञान की भूमि, वेदों की परम्परा ज्ञान का
साक्षात दर्शन कराती, वेदों के मंत्रों को अपौरुषेय कहा गया

भारतीय परम्परा में द्वैत, अद्वैत, विशिष्टाद्वैत लक्ष्य तक पहुंचने के अलग-अलग मार्ग है,
किसी भी मार्ग का अनुसरण करने पर लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है

‘एकम् सत् विप्रा बहुधा वदन्ति’, सत्य एक है, सत्य की मंजिल एक

देश अपने पूज्य संतों की परम्परा पर गौरव की अनुभूति करता है

श्री यदुगिरी यतिराज परम्परा ने सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत को अक्षुण्ण बनाये रखा

योगी आदित्यनाथ जी एक आदर्श मुख्यमंत्री, इन्होंने अपने जीवन को राष्ट्र निर्माण के
 लिए समर्पित किया: श्री श्री यदुगिरि यतिराज नारायण रामानुजा जीयर स्वामी जी

 लखनऊ: 12 अक्टूबर, 2022

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भारतीय परम्पराएं प्रेरणा की स्रोत हैं। यह हमें एक नई दृष्टि प्रदान कर लोक कल्याण के मार्ग पर चलने की ओर अग्रसर करती हैं। हमें अपनी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक परम्परा पर गौरव की अनुभूति होती है। वेद, उपनिषद, संतों के दिखाये गये मार्ग, विभिन्न प्रकार के दर्शन भारत को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं। यह सभी के लिए सौभाग्य की बात है कि 1000 वर्ष पहले लोक कल्याण के लिए स्वामी रामानुजाचार्य जी महाराज इस धराधाम पर अवतरित हुए थे। वह शेषावतार माने जाते हैं। अयोध्या धाम में आज भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर निर्माण के पूर्व उनके अनुज स्वामी रामानुजाचार्य की प्रतिमा का अनावरण भव्यता के साथ हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद अयोध्या में श्री यदुगिरी यतिराज मठ में स्वामी रामानुजाचार्य जी की प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ डिग्निटी-मर्यादा मूर्ति’ का अनावरण करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पावन धराधाम पर पूज्य संत स्वामी रामानुजाचार्य की प्रतिमा का अनावरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने स्वामी रामानुजाचार्य की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम हेतु अयोध्यावासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह नया भारत है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा कल उज्जैन के महाकाल मन्दिर के भव्य स्वरूप के प्रथम चरण का लोकार्पण किया गया। इसके पहले प्रधानमंत्री जी द्वारा दिसम्बर, 2021 में काशी में काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण एवं केदारनाथ धाम के पुनरुद्धार कार्य का अनावरण सम्पन्न हुआ था। प्रधानमंत्री जी ने कि इनसे पूर्व अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर के निर्माण कार्य का शुभारम्भ किया था।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें पूज्य संतों का अनुसरण कर उनके मार्ग पर चलना चाहिए, यह हमें एक नई दृष्टि दे सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी धर्मस्थल एवं भक्तजन सनातन धर्म के मूल्यों का अनुसरण करते हुए लोक कल्याण के लिए उस परम्परा से जुड़कर इस कार्यक्रम को वृहद स्तर पर आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। सनातन धर्म को मजबूत करके ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ एवं विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने मेें सफल होंगे। इससे आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत अक्षुण्ण बनी रहेगी। अयोध्या की इस परम्परा के साथ जुड़ करके अयोध्या को दुनिया की सबसे भव्यतम नगरी के रूप में स्थापित करने में योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया में भारत ज्ञान की भूमि है। वेदों की परम्परा ज्ञान का साक्षात दर्शन कराती है। वेदों के मंत्रों को अपौरुषेय कहा गया है। वैदिक मंत्रों को वैदिक मंत्र दृष्टा ऋषियों ने उद्घाटित किया था। वह अपने आपको मंत्र दृष्टा कहते थे, मंत्र सृष्टा नहीं। यही भारत की परम्परा है। इस परम्परा के साथ जुड़कर समय-समय पर आध्यात्मिक दृष्टि से परिपूर्ण इन संतों और ऋषियों का सान्निध्य भारत के धराधाम को मिला है। उन्होंने कहा कि भारतीय परम्परा में द्वैत, अद्वैत, विशिष्टाद्वैत लक्ष्य तक पहुंचने के अलग-अलग मार्ग हैं। किसी भी मार्ग का अनुसरण करने पर लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय सनातन परम्परा में ऋषि-संतों ने कहा है कि ‘महाजनो येन गतः स पन्थाः’ महापुरुषों द्वारा बताया गया जो मार्ग है वही धर्म है। ‘एकम् सत् विप्रा बहुधा वदन्ति’, सत्य एक है। विद्वान उस सत्य की व्याख्या अलग-अलग प्रकार से कर मार्ग दिखाते हैं। सत्य की मंजिल एक ही है। आज से 1000 वर्ष पूर्व पूज्य स्वामी रामानुजाचार्य जी ने लोक कल्याण का मार्ग दिखाया था। उस समय आक्रान्ताआंे से त्रस्त भारत की धरती को नया जीवन प्रदान करने के लिए रामानुजाचार्य जी ने विशिष्टाद्वैत की राह दिखाई थी। इनसे पहले महान संत शंकराचार्य जी ने अद्वैत मार्ग का अनुसरण करने की नई प्रेरणा दी थी। कालान्तर में हर कालखण्ड में अनेक पूज्य संतों का मार्गदर्शन व सान्निध्य देश को प्राप्त हुआ। यही दर्शन क्रमिक विकास की प्रक्रिया का एक हिस्सा बना। यह सभी दर्शन सनातन धर्म को मजबूत करते हुए एक दूसरे को पुष्ट एवं परिपुष्ट करते हुए समाज को आगे बढ़ने का मार्गदर्शन करते रहे। देश आज अपने पूज्य संतों की इस परम्परा पर गौरव की अनुभूति करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री यदुगिरी यतिराज परम्परा ने सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत को अक्षुण्ण बनाये रखा है। श्री यदुगिरी यतिराज मठ कर्नाटक द्वारा अनेक लोक कल्याण कार्यक्रमों को आगे बढ़ाए जाने का कार्य किया जा रहा है। मठ द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम जनता की सेवा का कार्य किया जा रहा है। इनमें गरीबों को अन्न तथा पंेशन वितरण, गरीब कन्याओं का विवाह, गोरक्षा कार्यक्रम वनों का पुनरुद्धार कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। भारत के पूज्य संतों की परम्परा ने हमें ‘जाति-पाति पूछे नहीं कोई, हरि को भजे सो हरि का होई’ की प्रेरणा दी है। हम जब इस मार्ग से हटे तो हमें विदेशी आक्रांताओं की क्रूरता को देखने के लिए मजबूर होना पड़ा, जब तक पूज्य संतों के मार्गाें पर आगे बढ़ते रहे, भारतीय परम्परा सुरक्षित रही।
कार्यक्रम में श्री श्री यदुगिरि यतिराज नारायण रामानुजा जीयर स्वामी जी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी एक आदर्श मुख्यमंत्री हैं। हमें गर्व एवं आनन्द है कि पूरे देश में एक सन्यासी मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने अपने जीवन को राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित किया है।
इस अवसर पर संत श्री धाराचार्य, श्री राघवाचार्य, संत कमलनयन दास, श्री राजकुमार दास, श्री सुरेश दास, सांसद श्री लल्लू सिंह, विधायक श्री वेद प्रकाश गुप्ता, श्री रामचन्दर यादव, मेयर श्री ऋषिकेश उपाध्याय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रोली सिंह सहित अन्य संत, जनप्रतिनिधिगण व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
-------

--

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने