राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला क्षयरोग केन्द्र पर जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ अनुपम सिंह की उपस्थिति में शुक्रवार को रामा पैथोलॉजी लैब के संस्थापक डॉ सी.बी.सिंह एवं महेश कृपलानी व परेश कृपलानी द्वारा नि:क्षय मित्र बनकर क्षय रोगियों को गोद लिया गया | डॉ सी.बी.सिंह ने 100 तथा महेश कृपलानी व परेश कृपलानी द्वारा 10 क्षय रोगियों को गोद लिया गया | साथ ही इन क्षय रोगियों को पोषण पोटली भी वितरित की गई |
इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि जिला क्षय रोग अधिकारी डा.आर.वी.सिंह बताते हैं कि टीबी किसी को भी हो सकती है लेकिन ऐसे लोग जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है वह टीबी की गिरफ्त में आसानी से आ सकते हैं | इसलिए टीबी के इलाज के साथ पौष्टिक भोजन का सेवन भी जरूरी होता है | पोषण पोटली में गुड़, चना, सत्तू फल, दलिया और मूंगफली है |
इसके साथ ही टीबी मरीज को इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत पोषण के लिए 500 रुपये की धनराशि सीधे उसके खाते में भेजी जाती है |
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि दो हफ्ते से ज्यादा लगातार खांसी और बुखार आ रहा हो, लगातार वजन कम हो रहा हो, आए तो तुरंत ही पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं और टीबी की पुष्टि होने पर छह माह तक नियमित इलाज कराएं | सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच और इलाज निःशुल्क उपलब्ध है | उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों को गोद लेकर प्रधानमंत्री जी का टीबी मुक्त भारत का सपना साकार करने में लोग सहयोग प्रदान करें।
गोद लिए गए क्षय रोगी विनोद कुमार (परिवर्तित नाम) ने कहा कि सरकार द्वारा टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जो सुविधा मुझे मिल रही हैं उसके लिए मैं प्रधानमंत्री का ज़िन्दगी भर आभारी रहूंगा।
परवीन बानो (परिवर्तित नाम) ने कहा कि सरकार द्वारा जो दवाएं एवं जन सहभागिता से मिले पुष्टाहार से मुझे बहुत ही आराम मिल रहा है। इस पहल की प्रशंसा करती हूं।
इस मौके पर उप जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. शम्स रिज़वान जिला कार्यक्रम समन्वयक अभय मिश्रा, जिला पीपीएम समन्वय मनीष श्रीवास्तव,कोआंडिनेटर अतुल कुमार, वरिष्ठ उपचार पर्वेक्षक अलंकार शर्मा, के.के. श्रीवास्तव एवं समस्त टीबी क्लिनिक के कर्मचारी उपस्थित रहे |
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