शीघ्र विवाह के लिए नवरात्रि में जरूर करें ये उपाय, पूरी होगी मनोकामना 


शारदीय नवरात्रि  का समय बेहद शुभ माना जाता है. इस नवरात्रि को आश्विन का महीना भी कहते हैं. यह महीना सबसे पवित्र माना जाता है. देवी की उपासना से इस समय हर मनोकामना पूरी की जा सकती है.

शीघ्र विवाह के लिए नवरात्र में मां कात्यायनी की उपासना की जाती है. मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए माता गौरी की उपासना की जाती है. यानी नवदुर्गा के दो रूप ऐसे हैं, जिनकी उपासना से शीघ्र विवाह का वरदान मिल सकता है. नवरात्र में अगर आप मां दुर्गा की पूजा पूरे विधि विधान से करें तो शीघ्र विवाह को साथ-साथ वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां भी दूर हो जाती है.

नवरात्रि में किसी भी दिन लाल कपड़े पहनकर मां दुर्गा को अपनी उम्र के हिसाब लौंग चढ़ाएं. जिस दिन ये अर्पित करेंगे, उस दिन वहीं बैठकर "ऊं दुंग दुर्गाय नम: " इस मंत्र का जितना हो सकें जप करें. पूजा के बाद इस लौंग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें. नवरात्रि के किसी भी अगर ये उपाय आप कर लेते हैं तो अगली नवरात्रि तक आपका विवाह तय होने की संभावना है.

नवरात्रि के दौरान लाल वस्त्र धारण करके मां दुर्गा की उपासना कीजिए. इसके बाद माता को तीन लाल फूल अर्पित करें और फिर मां कात्यायनी के मंत्रों का जाप करें-" ऊं हृंग कात्यायनी दैवीय नम:". इसका प्रयोग लगातार नवरात्रि में तीन रातों तक करना है.

मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप के रूप में मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इनकी गोद में कार्तिकेय बैठे होते हैं. इसलिए माता के साथ भगवान कार्तिकेय की पूजा भी की जाती है. जिन लोगों को संतान प्राप्ति नहीं होती है. उन्हें मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए. या संतान पक्ष से कोई कष्ट है तो इनकी पूजा करनी चाहिए. ध्यान रहें की इनकी आराधना पीले फूलों और फलों से ही करनी है.

अगर आपकी उम्र 30 वर्ष से ज्यादा हो तो नवरात्रि की आखिरी रात को देवी के समक्ष बैठें. एक लाल रंग की चुनरी ले लें. उसमें हल्दी की दो गांठ और चांदी का एक सिक्का रखें. इसको देवी को समर्पित कर दें. इसके बाद दुर्गा सप्तशती के चतुर्थ अध्याय का पाठ करें. विवाह की प्रार्थना करें. पाठ के बाद हल्दी की गांठ और चांदी के सिक्के को उसी चुनरी में लपेटकर अपने शयनकक्ष में रख लें.


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