जौनपुर। कब्रिस्तान की जमीन से फलफूल रहा है कारोबार

जौनपुर। शाहगंज में जनहित और गरीब परिवारों की मदद के लिए बनाई गई कमेटी द्वारा कब्रिस्तान की जमीन पर दुकानों का निर्माण तो करा दिया, लेकिन उसकी आय से किसको कितना लाभ पहुंचा इसकी जानकारी देना जिम्मेदारों को गंवारा नही है। समाजसेवी द्वारा इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गई। जिसकी जांच में कमेटी के जिम्मेदार ने लिखित रूप से पत्र देकर कहा कि कमेटी प्राइवेट है इसलिए आय व्यय की जानकारी नहीं दी जाएगी। बताते हैं कि शाहगंज कोतवाली के पीछे पुराने समय में जमीनदार रहे अकबर, जाफर व इलाही आदि ने कब्रिस्तान के लिए जमीन दी थी। नगर के बीच की जमीन वर्तमान समय में बेशकीमती है। कब्रिस्तान के एक हिस्से में काफी पहले दुकानों का निर्माण किया गया था। जो जर्जर होने के बाद वर्ष 2014 में अंजुमन अजान शहीद सोशल सोसायटी के नाम से कमेटी का पंजीकरण कराकर जिम्मेदारों ने कुल 39 दुकानों का निर्माण कराया। इसी बीच कमेटी के लोगों में आपसी विवाद की स्थिति उत्पन्न होने पर वर्ष 2022 में पुनः इसी नाम से दूसरी बार पंजीयन कराया गया। ज़न कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष समाजसेवी अफजल खान ने मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ पर प्रार्थना पत्र देकर कमेटी के लोगों की जांच और वर्षाे से हो रहे आय व्यय के विवरण को सार्वजनिक करने की अपील की। मामले की जांच में कमेटी के अध्यक्ष हसन राईन ने जांच अधिकारी को लिखित रूप से बताया कि सोसायटी प्राइवेट है इसके लिए इसकी कोई डिटेल देने के लिए बाध्य नहीं है। समाजसेवी अफजल खान ने बताया कि अबतक जितनी भी कमेटी बनी किसी का न तो पैन कार्ड है न ही बैंक खाता। दुकानदारों से लाखों में लिया गया एडवान्स, नगर के लोगों से ली गई आर्थिक मदद और एक लाख रुपये से अधिक आने वाला मानसिक किराया कहां जा रहा है। इसमें सरकार को टैक्स के रूप में कितना मिला और कितने गरीबों का भला हुआ इसे समाज हित और जनहित में सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

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