अयोध्या का विकास, दीपोत्सव चहुँओर फैला रहा प्रकाश


2017 में योगी सरकार ने देखा था सपना, रामनगरी में किया जा रहा

साकार


राम नगरी में दिख रहा अध्यात्म, संस्कृति व विकास का नया संगम


हाइवे पर लगीं श्रीराम व ऋषि मुनियों की मूर्तियां बता रहीं अयोध्या

की गौरव गाथा


एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी से भी जुड़ेंगे कई शहर, आर्थिक रूप से भी

समृद्ध करने की तैयारियों को मिल रहा बल


लखनऊ, 20 अक्टूबर। अयोध्या का दीपोत्सव चहुँओर प्रकाश फैला रहा

है। इसके सृजनकर्ता योगी आदित्यनाथ की सरकार रामनगरी में

अध्यात्म, संस्कृति व विकास का नया संगम बना रही है। त्रेतायुग के

धरोहरों को कलियुग में भी संवारने के लिए सरकार कृत संकल्पित है।

यहां बन रहा राम मंदिर जहां गौरवशाली परंपरा का वाहक बन रहा है,

वहीं दीपोत्सव सांस्कृतिक गाथा की कहानी कह रहा है। एयरपोर्ट,

मेडिकल कॉलेज, आवासीय विद्यालय यहां के सम्पूर्ण भौतिक विकास

को परिलक्षित कर रहा है।


2017 में सरकार बनने के बाद योगी सरकार ने यहां के अतीत को

जोड़कर वर्तमान को समृद्धशाली बनाने का सपना देखा था। इसके

लिए सबसे पहले करोड़ों लोगों की आस्था के मद्देनजर सरकार ने

दीपोत्सव का आयोजन कराया। यह आयोजन बदलते वर्ष की भांति

नित नई ऊंचाइयां छूने लगा।


सांस्कृतिक प्रकाश से भी जगमगाने लगी अयोध्या

योगी सरकार ने राम की अयोध्या को सबसे पहले सांस्कृतिक प्रकाश

से प्रज्ज्वलित किया। 2017 में यहां दीपोत्सव का आयोजन किया

गया। उस समय लगभग 1.71 लाख, 2018 में लगभग 3.01 लाख,

2019 में लगभग 4.04 लाख, 2020 में 6.06 लाख और 2021 में 12

लाख से अधिक दीपों से अयोध्या जगमग होती रही। इस बार यह

आंकड़ा 18 लाख का है। वहीं बीते 28 सितंबर को स्वर कोकिला लता

मंगेशकर के जन्मदिवस पर यहां 14 टन की वीणा रखकर योगी

सरकार ने उनके नाम पर चौक का निर्माण कराकर संदेश दिया कि

सरकार राम की नगरी में मां शारदे के स्वरूप में संस्कृति का भी

प्रकाश बिखेरेगी। यहाँ के कई द्वारों का नामकरण त्रेता के धरोहरों की

याद दिलाएगा। अयोध्या-लखनऊ-गोरखपुर राजमार्ग पर भगवान राम

और ऋषि-मुनियों की लगी प्रतिमा इस बात का द्योतक है कि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न सिर्फ आज बल्कि आने वाली भावी

पीढ़ी के रोम-रोम में राम के आदर्शों को उतारना चाहते हैं।


आध्यात्मिक विकास और आर्थिक स्वावलम्बन की भी राह दिखा रही

योगी सरकार

सरकार यहां का आध्यात्मिक विकास कराने के लिए भी पुरजोर

कोशिश कर रही है। रामलला मंदिर में विराजमान हों, इसके लिए तेजी

से काम किया जा रहा है। रामलला सम्पूर्ण जगत का कल्याण करें,

यह भावना सन्त व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ की है।

उन्होंने अयोध्या की पावनी सरयू के निर्मल बनाने के साथ यहां के

घाटों का पुनरुद्धार कराया। राम की पैड़ी, सूर्यकुंड घाट, गुप्तार घाट

आदि स्थानों को संवारने का भी सरकार ने कार्य किया।


भौतिक विकास की भी नई कहानी कहेगा अयोध्या

योगी सरकार अयोध्या को भौतिक दृष्टि से भी समृद्ध करने में पीछे

नहीं है। यहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डे के 50 फीसदी कार्य

हो चुका है। 2023 से यहाँ उड़ानें शुरू करने का उद्देश्य है। रेलवे

स्टेशन का पुनर्विकास तेजी से कराया जा रहा है। वहीं अयोध्या

अकबरपुर बसखारी मार्ग फोर लेन निर्माण, इस मार्ग पर गोसाईगंज,

माया बाजार आद्वि के नवनिर्माण के जरिये सुगम यातायात पर भी

सरकार की जड़ है। शिक्षा के क्षेत्र में 66.44 करोड़ से सरकार श्रद्धेय

अटल जी के नाम पर आवासीय विद्यालय का निर्माण कर रही है।

इसका 85 फीसदी कार्य भी हो चुका है। राम पथ का कार्य प्रगति पर

है। चिकित्सा को ध्यान में रखते हुए राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज

का मुख्य भवन बन गया है। अन्य कार्य हो रहे हैं। वहीं डॉ


बृजकिशोर होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज का कार्य भी तेजी से हो रहा

है।


पर्यटन के नए आयाम गढ़ रही अयोध्या

अयोध्या पर्यटन की दृष्टि से भी काफी समृद्ध हो गयी। यहां निवेश

के लिहाज से देश- प्रदेश के साथ विदेशी कंपनियों की भी नजर है।

सितंबर में विदेशी प्रतिनिधि मंडल ने यहां के विकास को देख निवेश

की संभावना जताई। वहीं 2017 में यहां लगभग 1 करोड़78 लाख से

अधिक पर्यटक आये। 2018 में 1 करोड़ 95 लाख पर्यटकों ने अयोध्या

के विकास को देखा, जो 2019 में यह आंकड़ा 2 करोड़ को पार कर

गया। दीपोत्सव ने इन पर्यटकों को नई उड़ान दी, जिससे 2022 के

महज 6 महीने में 2 करोड़ 21 लाख 38 हजार से अधिक पर्यटकों ने

राम नगरी में शीश झुकाया, जिससे स्थानीय व फुटकर व्यापारियों ने

हर महीने अपने जीवन में खुशी के पल महसूस किए।


यानी योगी आदित्यनाथ की सरकार अयोध्या को अध्यात्म, संस्कृति,

शिक्षा, चिकित्सा, उड्डयन, रेलवे है दृष्टि से समृद्ध कर रही है।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने