हर साल की तरह इस साल भी सोमवार शाम को इन्तेजामिया कमेटी सदस्य हाजी सगीर, लाल मोहम्मद, मोईन सिद्दीकी द्वारा सुन्नी जामा मस्जिद के सामने जश्ने ईद मिलादुन्नबी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जश्ने ईद मिलादुन्नबी की शुरुआत कारी मुबस्सिर कुरान पाक की तिलावत से हुआ।
शायरे इस्लाम सोहेल जाफराबादी, सद्दाम उतरौलवी, रिजवान जिआई, द्वारा नबी की शान में पढ़ी गई नात को सुनकर पूरा मजमा झूम उठा और नारे तकबीर अल्लाह हू अकबर कि सदाओं से महफि गूंज उठा।
लखनऊ से मुफ्ती कमालुद्दीन ने खिताब फरमाते हुए कहा कि अल्लाह से डरो। कुरान के कथन को अपने जीवन में उतारो । नमाज, रोजा, हज, जकात पर कायम रहो। प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्ललाहो अलैहि वसल्लम के साथ-साथ अल्लाह के सभी वलियों एवं बुजुर्गोंने दीन से मोहब्बत करो उनके जीने का तौर तरीका रहन सहन खान पान को अपने जीवन में उतार लो जिंदगी संवर जाएगी।
हाफिज दाऊद ने कहा कि झूठ, फरेब, धोखा, बेईमानी, मक्कारी से बचो क्योंकि ऐसा करने वालों की बख्शीश हरगिज ना होगी। शादी विवाह में होने वाले तमाम फिजूल खर्च तामझाम को बंद कर नबी के रास्ते पर चलते हुए निकाह को इतना सस्ता और आसान बना दो कि किसी बाप को अपनी बेटियां बोझ ना लगे। क्योंकि बेटियां अल्लाह की रहमत है।
मौलाना अख़्तर रज़ा ने कहा कि आज से 14 सौ साल पहले नबी ए करीम मोहम्मद रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा था कि इल्म हासिल करने के लिए अगर चीन जाना पड़े तो जाओ इससे यह साबित होता है कि हमें दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम को भी हासिल कर देश के विकास की मुख्यधारा से जुड़ अपने देश व कौम का नाम रोशन करें।
मौलाना रेहान ने कहा कि हमेशा अपने पड़ोसियों का ख्याल रखें कोई ऐसा काम ना करें कि आपके पड़ोसी को तकलीफ हो। ऐसा हरगिज़ ना हो कि आपका पेट भरा हो और आपका पड़ोसी भूखा सोया हो। महिलाओं को सबसे ज्यादा सम्मान इस्लाम में दिया गया है। जहां एक तरफ बेटी घर की रहमत है तो दूसरी तरफ दूसरे रूप में मां के कदमों में जन्नत है। हमेशा अपने मां बाप का ख्याल रखें फरमा बरदारी करें।
सलातो सलाम के बाद गरीब ,मजलूम, बेवा, बेसहारा, बीमार, परेशान, कौम, मुल्क की तरक्की, खुशहाली, अमन, शांति भाईचारा कायम रहने की दुआ कर उर्स का समापन किया गया।
उर्स में कमेटी सदस्य हसीब शेख, हाजी मुजम्मिल, हाजी निजामुद्दीन, उलमाय कराम के साथ भारी तादाद में अकीदतमंद मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला
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