मथुरा।।
वृन्दावन। जगन्नाथ घाट स्थित छत्तीसगढ़ कुंज में  कुंज के श्रीमहंत साकेतवासी राम बली दास शास्त्री महाराज की शोक श्रृद्धांजलि सभा आयोजित की गई।जिसमें छत्तीसगढ़ कुंज के उत्तराधिकारी महामंडलेश्वर बालयोगी गोपीकृष्ण दास महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव श्रीमहंत राम बली दास शास्त्री महाराज श्रीपंच हरिव्यासी महानिर्वाणी अखाड़ा से सम्बद्ध थे।वह परम भजनानंदी व विरक्त संत थे।उन जैसा कर्मठ संत मेंने अपने जीवन में कभी व कहीं नहीं देखा।
ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि पूज्य राम बली दास शास्त्री महाराज सहजता, सरलता, उदारता और परोपकारिता की प्रतिमूर्ति थे।उन जैसी विभूतियों का अब युग ही समाप्त होता चला जा रहा है।
आचार्य रामविलास चतुर्वेदी व आचार्य बद्रीश महाराज ने कहा कि श्रीमहंत राम बली दास शास्त्री महाराज की संत सेवा, गौ सेवा, विप्र सेवा एवं निर्धन निराश्रित सेवा आदि में अपार निष्ठा थी।इसी सब के चलते उन्होंने अपना समूचा जीवन व्यतीत किया।
जगन्नाथ घाट मन्दिर के महंत ज्ञान दास महाराज एवं युवा साहित्यकार डॉ राधाकांत शर्मा ने कहा कि श्रीमहंत राम बली दास शास्त्री महाराज समन्वयवादी व निस्पृह संत थे।सभी संप्रदायों के संत व महंत उन्हें आदर व सम्मान देते थे।
श्रृद्धांजलि सभा में आचार्य पीठाधीश्वर यदुनंदनाचार्य महाराज,जमुना दास महाराज,ब्रजेश कुमार गिरि,महंत रामदास शास्त्री, वीरेंद्र शर्मा, नमो नारायण तिवारी,कमल दास,महंत अशोक दास,सुखराम दास,विष्णु प्रसाद, कन्हैया दास, शिवम, पंडित अभिषेक कृष्ण आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कर महाराजश्री को अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की। संचालन आचार्य रामविलास चतुर्वेदी ने किया।


राजकुमार गुप्ता 

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