सीएम फेलोशिप के शोधार्थियों को सरकारी सेवा में मिलेगा वेटेज : सीएम


मुख्यमंत्री ने सीएम फेलोशिप कार्यक्रम में चयनित शोधार्थी टैबेलट्स वितरण

कार्यक्रम में की महत्वपूर्ण घोषणा


जो अच्छा काम करेगा वो सरकारी सेवा में लिया जाएगा: सीएम


शोधार्थी काम के साथ ग्रामीण विकास पर तैयार करें डॉक्यूमेंट: सीएम


लखनऊ, 20 अक्टूबर: मुख्यमंत्री फेलोशिप के सभी 100 शोधार्थी अपने

आकांक्षात्मक विकासखंडों में काम करने के साथ ग्रामीण विकास पर एक ग्रंथ

लिखें ताकि लोग इसे करीब से जान सकें। सरकार का यह फेलोशिप कार्यक्रम

नए प्रयोग के रूप में उभरकर सामने आएगा। इसके लिए जो भी शोधार्थी दो-

तीन साल बाद शासकीय सेवा में आना चाहें सरकार उन्हें वेटेज देगी क्योंकि

उनके पास काम का एक अच्छा अनुभव हो चुका होगा। इन शोधार्थियों को एज

रिलैक्सेशन और एक्स्ट्रा वेटेज देकर सरकारी सेवा में अवसर दिया जाएगा। ये

घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित

मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के तहत नवचयनित शोधार्थियों को टैबलेट्स

वितरण कार्यक्रम के दौरान की। इस दौरान उन्होंने शोधार्थियों को टैबलेट्स भी

वितरित किए।


प्रदेश के विकास की यात्रा में सहभागी बनेंगे शोधार्थी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन प्रदेश के लिए ग्रामीण

विकास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश देश की


आबादी का सबसे बड़ा राज्य है। वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ग्रामीण

अर्थव्यवस्था है। प्रदेश में एक लाख से अधिक राजस्व गांव, 58 हजार से अधिक

ग्राम पंचायतें, 75 जनपद और 826 विकासखंड हैं। पूरे देश में उत्तर प्रदेश ही

ऐसा राज्य हैं जहां 75 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है। यहां की

अर्थव्यवस्था का आधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था ही है। ऐसे में प्रदेश के उन 100

विकासखंडों को आकांक्षात्मक विकासखंड में चुना गया है जो विकास की प्रक्रिया

में पीछे छूट गए थे। उन्हे सामान्य जनपदों की सामान्य विकासखंडों की तर्ज

पर विकसित करने के लिए जो कार्यक्रम बनाया गया है उसके लिए 100

मुख्यमंत्री फेलोशिप शोधार्थियों को आज तैनाती दी जा रही है, जो अगले कुछ

वर्षों के अंदर अपना परिणाम देकर प्रदेश सरकार के विकास की यात्रा में

सहभागी बनेंगे।


आकांक्षात्मक जनपदों में टॉप टेन में छाए प्रदेश के आठों जनपद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने

नीति आयोग को आदेश दिया था कि वो पता लगाए की देश के अंदर 600

जनपदों में से कितने ऐसे जनपद हैं जो आकांक्षात्मक हैं। इसके लिए कुछ

पैरामीटर तय किए गए थे। उनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, जल संसाधन,

स्किल डेवलपमेंट, वित्त समावेश को शामिल किया गया था। इसके लिए 75

इंडीकेटर के रूप में नीति आयोग ने एक व्यवस्था बनाई थी, जिनमें पूरे देश से

112 जनपदों का चयन किया गया था। इन जनपदों में 8 उत्तर प्रदेश के थे।

सीएम योगी ने कहा कि ऐसे में इन जनपदों के विकास के लिए सबसे पहले

वहां की मैनपॉवर की कमी को पूरा किया गया, जिसके परिणाम सामने आए

और देश में जिन 10 जनपदों ने सबसे अच्छा काम किया, उनमें टॉप टेन में

पहले पांच जनपद उत्तर प्रदेश के थे और टॉप 20 में प्रदेश के सभी 8 जनपद

थे। हमने इससे प्रेरणा लेकर 826 विकासखंडों में 100 ऐसे विकासखंड तय किए

जो इन सभी पैरामीटर में पीछे छूट गए थे। इसके लिए सीएम फेलोशिप


कार्यक्रम की शुरुआत की गई और शोधार्थियों के चयन की प्रक्रिया प्रारंभ की

गई, जिसमें 26 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया। चयनित सभी 100

शोधार्थियाें को सरकार निश्चित मानदेय देगी, लेकिन उन्हे अपनी हर दिन की

प्रगति रिपोर्ट को अपलोड करना होगा।


शोधार्थियों को डाटा कलेक्शन के साथ डॉक्यूूमेंटेंशन पर करना होगा फोकस

सीएम योगी ने कहा कि गांव में जाति और धर्म अलग-अलग हो सकते हैं,

लेकिन वहां पर सभी परिवार की तरह काम करते हैं। आज भी गांव में देखने में

आता है कि किसी के पास जमीन है तो किसी के पास स्किल। ऐसे में दोनों

साथ में मिलकर काम करते है और उसके बेहतर परिणाम सामने आते हैं। वहीं

इससे पूरा गांव आत्मनिर्भर इकाई के रूप में विकसित होकर आत्मनिर्भरता के

लक्ष्य को प्राप्त करता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज्य की

परिकल्पना यही थी। उस आत्मनिर्भरता को प्राप्त करने के लिए ही प्रधानमंत्री

के मार्गदर्शन में प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की यूनीक योजना प्रारंभ की

गई, जो अभी जनपद स्तर पर है। इसके विस्तार के लिए भी काम किया जा

रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी शोधार्थियों को अपने विकासखंडों में काम

करने के साथ डाटा कलेक्शन और डाॅक्यूमेंटेंशन की कार्यवाही करनी होगी।


शिक्षकों को जनगणना और मतदाता सूची कार्यक्रम में जरूर होना चाहिए

शामिल

सीएम ने कहा कि प्रदेश के विकास कार्य की समीक्षा के लिए मंत्रियों का समूह

बनाया गया, जिसमें 25 जिले मेरे पास हैं और 25-25 जिलों की जिम्मेदारी दोनों

डिप्टी सीएम क्रमश: केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के पास है। सभी

अपनी समीक्षा की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजते हैं, जिसके परिणाम

काफी अच्छे आए। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अपने 25 जिलों के कार्यों के

डाटा को संकलित कर उसकी थीसिस बनाई और मुझे दिखाई, जो डाॅक्यूमेंटेंशन


का अच्छा उहाहरण है। इस पर चाहें तो वह एक किताब भी लिख सकते हैं।

सीएम ने कहा कि प्रदेश के शिक्षकों को शैक्षिक कार्य के साथ गांव की

जनगणना, मतदाता सूची के लिए जरूर जाना चाहिए क्योंकि उन्हे गांव की

सामाजिक और आर्थिक परिस्थिति की पूरी जानकारी होती है। वह गांव की पूरी

जानकारी शासन को उपलब्ध कराएंगे ताकि वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को और

मजबूत किया जा सके।

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