जौनपुर। पंचतत्व में विलीन हुए संपादक कामेश्वनाथ श्रीवास्तव, पत्रकारिता जगत में शोक की लहर
जौनपुर। जौनपुर हिंदी दैनिक जौनपुर समाचार के पूर्व संपादक एवं संरक्षक कामेश्वर नाथ श्रीवास्तव का बुधवार की सुबह रामघाट स्थित शवदाह गृह पर सनातन परंपरा के अनुरूप अंतिम संस्कार कर दिया गया। श्री श्रीवास्तव का निधन मंगलवार की शाम सड़क पर गिर जाने के कारण लगी चोट से हो गया था।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि हमेशा की तरह इस बार भी शारदीय नवरात्र के अवसर पर उन्होंने पूरे 9 दिन का व्रत रखा था। कल शाम पूजन और जलपान के बाद हमेशा की तरह घर से सैर के लिए निकले थे। सैर पूरी कर लौटते समय अचानक सड़क पर गिर गए और आस-पास के लोगों की सूचना पर परिजन उन्हें उठाकर घर ले आए। हालत गंभीर देखकर नजदीक के एक निजी चिकित्सक को इलाज के लिए बुलाया गया। उन्होंने परीक्षण के बाद पूर्व संपादक जी को मृत घोषित कर दिया।
नगर क्षेत्र के वंशगोपालपुर निवासी जगदंबा प्रसाद श्रीवास्तव के चौथे पुत्र कामेश्वर नाथ श्रीवस्तव 82 वर्ष के थे। उन्होंने लगभग 4 दशकों तक निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता की। ईमानदारी, जनसेवा और पत्रकारिता के लिए अपने समर्पण और व्यक्तिगत जीवन में सादगी के कारण वे अपने साथियों सहकर्मियों और आम जनमानस के बीच गांधी के रूप में जाने जाते थे। निधन की सूचना मिलते ही पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई। बड़ी संख्या में पत्रकारा, राजनीतिज्ञ, अधिवक्ता, समाजसेवी उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंचने लगे। दूसरे दिन मंगलवार की सुबह पैतृक निवास बंशगोपालपुर से शवयात्रा निकाली गई जो आदि गंगा गोमती के किनारे स्थित रामघाट पर पहुंची। इसके बाद उनके पुत्र संदीप श्रीवास्तव ने मुखाग्रि दी। दाहसंस्कार में परिवारीजन के अलावा सगे संबंधी, अधिवक्ता, पत्रकार और व्यवसायी शामिल रहे।
ज्ञातव्य हो कि कामेश्वनाथ आजादी के बाद 1960 के दशक से पत्रकारिता की शुरूआत किए थे और प्रदेश के प्रमुख अखबार दैनिक जागरण, दैनिक लीडर के बाद जनपद से प्रकाशित सांध्य हिंदी दैनिक जौनपुर समाचार के संपादक मुद्रक व स्वतत्वाधिकारी के रूप में कार्य करते रहे।
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