जौनपुर। शायरों ने पेश किया नाते नबी का कलाम

जौनपुर। माहे रबीउल अव्वल का चांद के बाद से ही पूरे शहर में जश्ने ईद मिलादुन्नबी की तैयारियां शुरू हो गई है। विद्युत की आकर्षक झालरों और रंग-बिरंगी पन्नियों से शहर को दुल्हन की तरह सजाया व संवारा जा रहा है। 
      
10 अक्टूबर को ईद मिलादुन्नबी पूरे अकीदत व शानो शौकत के साथ मनाया जाएगा। सीरत कमेटी के तत्वावधान में कोतवाली चौराहा स्थित मरकजी सीरत कमेटी के कैंप कार्यालय पर शनिवार को मिलाद शरीफ़ व नाते नबी जलसा सीरतुन्नबी का आयोजन हुआ। मिलाद के दसवें दिन जलसे की शुरुआत तिलावते कलाम ए पाक से कारी जिया जौनपुरी पेश इमाम शेर मस्जिद शाही पुल ने किया। जिसमें उलमा ए इकराम ने दिल ईमान अफरोज तकरीर किया। नातिया शायरों ने नाते नबी का कलाम पेश किया। सरवरे कायनात पर दुरुद व सलाम भेजा गया। मिलाद की महफिल को खिताब करते हुए मौलाना कयामुद्दीन ने कहा कि हमारे नबी किसी एक कौम के लिए नहीं आए। आप को सारी इंसानियत के लिए भेजा गया। हम सभी उनके बताए हुए तरीकों पर चलते हुए पांच वक्त की नमाज कसरत से पढ़ने की मौलाना ने सलाह दी। पूरी दुनिया में जाहिलियत् का दौर था आका के आने के बाद गुमराही का अंधेरा छटा दीन की रोशनी सारे जहां में फैली और बुराइयों का खात्मा हुआ।

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