पिछड़े और दलितों को समर्पित रहा लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जीवन:
अमित शाह
छपरा में आयोजित लोकनायक जयप्रकाश नारायण जयंती समारोह में शामिल
हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री बोले, इमरजेंसी भी जेपी के जज्बे को न रोक सकी
छपरा/लखनऊ, 11 अक्टूबर।
जो आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सिद्धांतों को छोड़कर कांग्रेस
की गोद में जाकर बैठ गए हैं, उनके खिलाफ दिल खोलकर नारा लगाइए। मैं
जयप्रकाश नारायण जी की इस महान जन्मभूमि पर आया हूं। यहां जो आदमकद
से भी ऊंची मूर्ति लगाई गई है, उसका प्रण हमारी सरकार ने किया था और
इसका कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया। आज वह प्रण जेपी जी की जयंती पर पूरा
हो रहा है। ये बातें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छपरा में आयोजित लोकनायक
जयप्रकाश नारायण जयंती के अवसर पर उनकी मूर्ति के अनावरण और जनसभा
में कहीं।
जेपी जी के नेतृत्व में पहली बार देश में गैर कांग्रेसी सरकार बनी
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जेपी जी सारी जिंदगी देश की
आजादी के लिए लड़े। उनका पूरा जीवन भूमिहीन, पिछड़े, दलितों के हितों के
लिए समर्पित रहा। वहीं जब सत्ता लेने की बात आई तो उन्होंने उसे छोड़ दिया।
70 के दशक में सत्ता में चूर सरकार ने देश में इमरजेंसी लगाई तो जेपी ने इसके
खिलाफ आवाज उठाई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 1973 में गुजरात में इंदिरा
गांधी की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार थी, जिसके मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल
थे, वहीं बिहार में अब्दुल गफ्फार मुख्यमंत्री थे। उस समय भ्रष्टाचार को रोकने के
लिए गुजरात के विद्यार्थियों ने आंदोलन शुरू किया, उसका नेतृत्व जेपी जी ने
किया और गुजरात में सत्ता बदल दी। इसके बाद बिहार के गांधी मैदान में
आंदोलन किया, जहां की भीड़ देखकर इंदिरा गांधी के पसीने छूट गए और
उन्होंने देश में इमरजेंसी लगाकर जेपी जी को जेल में डाल दिया। वर्ष 1942 के
आंदोलन में जिस व्यक्ति को हजारीबाग की जेल न रोक सकी, उस जेपी को
इंदिरा गांधी की तत्कालीन सरकार भी नहीं रोक सकी। जब इमरजेंसी खत्म हुई
तो जेपी जी ने पूरे विपक्ष को एक किया और पहली बार देश में गैर कांग्रेसी
सरकार बनाने का काम किया।
मोदी सरकार ने अपनाए जेपी के सिद्धांत
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जेपी और विनोबा जी के सर्वोदय के सिद्धांत को
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपना रही है। हर घर में राशन,
बिजली, गैस कनेक्शन और हर गांव को सड़क से जोड़ने का काम मोदी सरकार
कर रही है। जेपी जी के सम्पूर्ण क्रांति के नारे को सफल बनाने का काम
प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में गरीबों के जीवन स्तर को उठाने का
कार्य किया जा रहा है। वर्ष 1974 में जेपी जी ने बिहार में राजनीतिक आंदोलन
किया तो सभी विचारधारा के विद्यार्थियों ने उस आंदोलन में सहयोग किया।
आज मैं बिहार से पूछ रहा हूं कि जेपी जी के आंदोलन से निकल कर राजनीति
करने वाले नेता आज सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में बैठ गए, क्या आप उनसे
सहमत हैं? ऐसे में बिहार की जनता को तय करना है कि जेपी जी के सिद्धांतों
पर चलने वाली प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सरकार चाहिए या जेपी जी के
सिद्धांतों से भटक कर सत्ता के लिए समाधान करनी वाली गठजोड़ की सरकार
चाहिए।
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