अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन आज


          गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों 
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान आफ एक्शन 2022-23 के. अनुपालन में श्री पद्म नारायण मिश्र, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 11.10.2022 को आर०बी०एस०पी०, इंग्लिश एकेडमी, बुढाईपुर, निकट मारूती ऐजेंसी, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कोविड- 19 महामारी के दृष्टिगत शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत सावधानीपूर्वक किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में श्रीमती अंशु शुक्ला सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, सुश्री सविस्ता प्रवीन, खण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड-कटेहरी, अम्बेडकरनगर श्री रामचन्द्र वर्मा, नामिका अधिवक्ता, आर०बी०एस०पी०, इंग्लिश एकेडमी के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। शिविर को सम्बोधित करते हुये श्रीमती अंशु शुक्ला, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर

ने बताया कि अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस प्रत्येक वर्ष 11 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य है बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को खत्म करना, उनके अधिकारों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना उनके सशक्तीकरण को बल देना तथा उनके मानवाधिकारों की पूर्ति में मदद करना, उनकी शिक्षा, कौशल विकास, प्रशिक्षण, आदि में भेदभाव की नीति को समाप्त करना, बालिकाओं के लिये नकारात्मक सांस्कृतिक दृष्टिकोण को समाप्त करना, जीवन के सभी क्षेत्रों में बालिकाओं की रक्षा करना, उनके लिये उत्तम स्वास्थय एवं पोषण की व्यवस्था करना, बालिकाओं के बाल श्रम एवं आर्थिक शोषण को समाप्त करना, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन में लड़कियों को जागरूक करना एवं उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना। यह दिन इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बालिकाओं की लिंग आधारित चुनौतियों को समाप्त करता है, जिसका सामना दुनिया भर में लड़कियां करती है जिसमें बाल विवाह, कन्याओं के प्रति भेद-भाव और हिंसा आदि शामिल है। संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर 2011 को इस प्रस्ताव को पारित किया और इसके लिये 11 अक्टूबर का दिन चुना, प्रथम बालिका दिवस 11 अक्टूबर 2012 को मनाया गया और इसका थीम था "बाल विवाह को समाप्त करना" भारत सरकार भी इस दिशा में बढ़-चढ़कर काम कर रही है बालिकाओं के लिये कई योजनायें लागू की जा रही है, लड़कियों के प्रति होने वाली लैंगिक असामानताओं को समाप्त करने के बारे में जागरूकता फैलाने में इसकी मदद ली जा रही है राष्ट्रीय स्तर पर बालिका दिवस प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को मानाया जाता है इसकी शुरुआत भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने वर्ष 2008 में की थी। इस कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सहित अन्य कई योजनायें सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। प्रत्येक वर्ष इस दिवस को मनाने की थीम रखी जाती है, इस वर्ष की थीम है (Our Time is now our rights, our Future) "हमारा समय अभी है हमारे अधिकार हमारा भविष्य इस दिन कई कार्यक्रम, शिविर एवं भाषण आदि का आयोजन किया जाता है जिसमें समाज में बालिकाओं की आवश्यकताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है। राजनीतिक एवं सामुदायिक स्तर पर बालिकाओं की समान शिक्षा बुनियादी स्वतंत्रता, एवं उनके अधिकारों के विषय में बात की जाती है।

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