उतरौला तहसील क्षेत्र में बाढ़ का प्रकोप आये लभभग एक पखवारा बीतने को है आज तक ग्रामीण इलाकों मे लोगों को बिजली मयस्सर नहीं हो पाई है। गांवों की आपूर्ति पिछले 12 दिनों से ठप हो गई है।जिससे लाखों की आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली ना होने से लोगों के घरों के टंकियों में पानी खत्म हो चुका है। उन्हें हैंडपंप से बाल्टी भरकर दो तीन महलों तक ले जाना पड़ रहा है।बिजली न होने से टीवी, फ्रिज, पखां, एसी, कूलर, वाशिंग मशीन मिक्सर समेत सभी इलेक्ट्रिक उपकरण बेकार पड़े हैं। हालत यह है कि कई दिनों से लोगों के मोबाइल तक चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। मोबाइल चार्ज न होने के कारण लोगों का एक दूसरे से संपर्क कट गया है।वहीं बिजली न होने से शाम होते ही गांव अंधेरे में डूब जाते हैं। लल्लू राम का कहना है कि पहले लालटेन जलाकर घर में रोशनी कर लेते थे अब मिट्टी का तेल भी नहीं मिल रहा है चार्जिंग लाइट बिजली न आने से बेकार पड़े हैं जिससे दुश्वारियां बढ़ गई है। राम चन्दर बताते हैं कि बिजली की कमी बहुत खल रही है 15दिन से बिना प्रेस के कपड़ा पहनना पड़ रहा है दिन डूबते ही घर में अंधेरा छा जाता है। अंधेरा होने से विषैले जानवरों का भय बना रहता है।पारस राम बताते हैं कि एक पखवारे से बिजली न आने से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ गई हैं ई रिक्शा चालक भी भाड़े किराये में वृध्दि कर दिए हैं जनरेटर के माध्यम से चार्जिंग कर किसी तरह काम चला रहे हैं। लाल बाबू बताते हैं कि उतरौला के आवाम को इस बार बाढ़ की त्रास्दी झैलने के साथ साथ बिजली की समस्या से भी जूझना पड़ा है जिससे लोगों की और दुश्वारियां बढ़ा दी है। कुछ लोग आपदा मेंअवसर तलाशने लगे हैं बिजली न आने पर अपने घरों में रोशनी करने के लिए मोमबत्ती खरीदारी करने गया तो दुकानदार ने उसकी कीमत पहले से बढ़ा दी है यहां तक कि मोबाइल चार्ज करने की कीमत 40 से 50 रूपये कर दिए हैं बिजली की किल्लत ने सारी मुसीबत बढ़ा दी है।गुल मोहम्मद ने कहा कि अब तक क्षेत्र मे अनगिनत बार बाढ़ आई लेकिन कभी भी इतने दिनो तक बिजली गुल नही हुई।
हमेशा बाढ़ आने पर वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए बिजली बहाल कर दी जाती थी। बिजली विभाग को चाहिए कि हर साल बाढ़ से पूर्व वैकल्पिक व्यवस्था बना कर रखनी चाहिए जिससे दोहरी मार से लोगों को निजात मिल सके।
असगर अली
उतरौला
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