यूपी में ई-व्हीकल खरीदने पर मिलेगी भारी सब्सिडी, 10 लाख लोगों को
मिलेगा रोजगार
योगी सरकार ने नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति- 2022
पर लगायी मुहर
पहले दो लाख दो पहिया, 50 हजार तीन-पहिया और 25 हजार चार पहिया
वाहनों पर भारी छूट
यूपी में ई-व्हीकल निर्माण उद्योग के लिए 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश का
लक्ष्य
तकरीबन 10 लाख लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर लेकर आयी नई ईवी
पॉलिसी
यूपी में पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली को विकसित करने का लक्ष्य
इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्यूफैक्चरिंग के लिए उत्तर प्रदेश को वैश्विक केंद्र बनाने की
योजना
लखनऊ, 13 अक्टूबर।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नई
इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति- 2022 को मंजूरी मिल गई
है। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर प्रदेश सरकार की ओर से भारी
सब्सिडी दी जाएगी। सरकार ने इसके लिए प्रदेश में 30 हजार करोड़ रुपये के
निवेश का लक्ष्य रखा है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में तकरीबन 10 लाख
लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति का उद्देश्य
न केवल राज्य में पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली को विकसित करना है,
बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी एवं संबंधित उपकरणों के मैन्यूफैक्चरिंग के लिए
उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक केंद्र भी बनाना है।
त्रिआयामी प्रोत्साहन व्यवस्था
नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति– 2022 में
त्रिआयामी प्रोत्साहन व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। इसके तहत
उपभोक्ताओं द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी के लिए, इलेक्ट्रिक वाहनों के
निर्माण के लिए, चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग सेवाओं के लिए प्रावधान किये गए
हैं। नई नीति की प्रभावी अवधि के पहले तीन वर्षों के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों
की सभी श्रेणियों की खरीद पर 100 प्रतिशत रोड टैक्स एवं पंजीकरण शुल्क में
छूट रहेगी। यदि इलेक्ट्रिक वाहन का निर्माण राज्य में किया गया है तो समान
छूट चौथे व पांचवे वर्ष में भी जारी रहेगी।
ई-व्हीकल की खरीद पर मिलेगी भारी छूट
प्रदेश में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों के फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की
सब्सिडी दी जाएगी। इसमें पहले दो लाख दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच
हजार रुपये प्रति वाहन, पहले 50,000 तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर
अधिकतम 12,000 रुपये तक, पहले 25,000 चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के
लिए प्रति वाहन पर एक लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, प्रदेश में
खरीदी गई पहली 400 बसों पर प्रति ई-बस 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी
जाएगी। साथ ही अधिकतम 1000 ई गुड्स कैरियर्स को प्रति वाहन 1,00,000
तक की सब्सिडी दी जाएगी।
ईवी चार्जिंग एवं बैटरी स्वैपिंग सेवा प्रदाताओं को मिलेगी सब्सिडी
इस नीति के तहत राज्य में दो हजार चार्जिंग एवं बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं
को विकसित करने वाले सर्विस प्रोवाइडर्स को प्रति प्रोजेक्ट अधिकतम 10 लाख
रुपए सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। वहीं एक हजार ऐसे स्वैपिंग
स्टेशनों की सुविधाओं को विकसित करने वाले सर्विस प्रोवाइडर्स को पांच लाख
रुपए प्रति स्वैपिंग स्टेशन तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान है।
मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने में भी भारी सब्सिडी देगी सरकार
इसी प्रकार, राज्य में आरएंडडी एवं परीक्षण सुविधाओं सहित इलेक्ट्रिक
वाहन, ईवी बैटरी और संबंधित कंपोनेंट के सेंट्रलाइज्ड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट
स्थापित करने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये या उससे अधिक का निवेश करने
वाली पहली पांच ईवी परियोजनाओं को अधिकतम पांच सौ करोड़ रुपये प्रति
प्रोजेक्ट के अंतर्गत 20 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
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