मुख्यमंत्री फेलोशिप के अन्तर्गत नवचयनित 100 शोधार्थियों को
टैबलेट वितरण कार्यक्रम, मुख्यमंत्री ने 05 शोधार्थियों को टैबलेट प्रदान किये
विकास की प्रक्रिया में पीछे छूट गये विकास खण्डों में से 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों का चयन करके उन्हें सामान्य विकास खण्ड की तर्ज पर विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के तहत 100 नवचयनित शोधार्थियों की तैनाती की जा रही: मुख्यमंत्री
100 नवचयनित शोधार्थी जिनकी आज प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डांे में तैनाती की जा रही, उन्हें इन विकास खण्डों को एक नई ऊँचाई तक पहुंचाना है
प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष 2018 में महत्वाकांक्षी जनपद कार्यक्रम प्रारम्भ, इसमें देश के
112 सबसे कम विकसित जनपदों का चयन नीति आयोग द्वारा किया गया
देश के कुल 112 आकांक्षात्मक जनपदों में से शीर्ष 10 महत्वाकांक्षी जनपदों में
प्रदेश के 6 जनपद तथा शीर्ष 20 महत्वाकांक्षी जनपदों में प्रदेश के सभी 8 जनपद
प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार द्वारा 100 आकांक्षात्मक विकास
खण्डों का चयन, जिससे इन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ने तथा
सामान्य विकास खण्डों की तर्ज पर विकसित किया जा सके
प्रदेश के 34 जनपदों में स्थित इन 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों के विकास
के लिए सम्बन्धित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया
26 हजार से अधिक अभ्यर्थियों में से 100 शोधार्थियों का चयन
कार्य के दौरान शोधार्थियों को निश्चित मानदेय मिलेगा,
शोधार्थियों को प्रत्येक दिन की गतिविधि को अपडेट करना होगा
शोधार्थियों द्वारा विकास खण्ड में कार्य करने के दौरान
डाटा कलेक्शन एवं अपने कार्याें का डॉक्यूमेंटेशन करना होगा
यह शोधार्थियों ग्रामीण विकास में शोध का एक अवसर,
ग्रामीण विकास में शोध के लिए इससे अच्छा मॉडल नहीं हो सकता
अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों एवं विभागाध्यक्षों को आकांक्षात्मक
विकास खण्डों में मैन पावर की कमी न होने देने के निर्देश
सभी 100 शोधार्थियों में से जो भी बाद में शासकीय सेवा में आना चाहेगा,
उनको एक निश्चित वेटेज एवं आयु में रिलैक्सेशन दिया जाएगा
प्रदेश में अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार से शोधार्थियों को जोड़ने का कार्य किया जाए
ग्रामीण क्षेत्र को मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम से जोड़ा गया,
नगर विकास के क्षेत्र को भी इस प्रकार के कार्यक्रम से जोड़ा जाए
औद्योगिक विकास विभाग को भी निवेश प्रक्रिया के सम्बन्ध में कुछ ऐसे शोधार्थी
रखने चाहिए, जो आई0आई0एम0, आई0आई0टी0 एवं विश्वविद्यालय से जुड़े हों
गांव का विकास होगा, तो प्रदेश का विकास होगा, प्रदेश का विकास होगा
तो देश का विकास होगा: उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य
वर्ष 2017 से मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में सभी क्षेत्रों में
क्रान्तिकारी विकास किया: उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक
प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी जिस उद्देश्य से देश व प्रदेश की सेवा कर रहें,
उसमें सभी को सहयोग करना चाहिए: वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना
लखनऊ: 21 अक्टूबर, 2022
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज का दिन उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था ग्रामीण अर्थव्यवस्था है। प्रदेश की लगभग 75 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है। प्रदेश के ऐसे विकास खण्ड जो विकास की प्रक्रिया में पीछे छूट गये, उनमें से 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों का चयन करके उन्हें सामान्य विकास खण्ड की तर्ज पर विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के तहत 100 नवचयनित शोधार्थियों की तैनाती की जा रही है। यह शोधार्थी प्रदेश की विकास यात्रा में सहभागी बनेंगे।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आयोजित मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के अन्तर्गत नवचयनित शोधार्थियों को टैबलेट वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने नवचयनित 100 शोधार्थियों में से 05 शोधार्थियों-सुश्री श्वेता सिंह, सुश्री नेहा सेठ, श्री समर्थ शर्मा, श्री पंकज वर्मा, श्री उपकारी नाथ त्रिपाठी को अपने कर-कमलों से टैबलेट वितरित किया। उन्होंने कहा कि 100 नवचयनित शोधार्थी, जिनकी आज प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डांे में तैनाती की जा रही है। उन्हें इन विकास खण्डों को एक नई ऊँचाई तक पहुंचाना है। उन्होंने सभी 100 नवचयनित शोधार्थियों को विकास खण्डों में जाकर अपने कौशल का परिचय देने हेतु शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा वर्ष 2018 में महत्वाकांक्षी जनपद कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया था। इसके अन्तर्गत देश के 112 सबसे कम विकसित जनपदों का चयन नीति आयोग द्वारा आकांक्षात्मक जनपद के रूप मंे किया गया। इन आकांक्षात्मक जनपदों के लिए कुछ पैरामीटर तय किये गये थे। शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, कृषि एवं जल संसाधन, स्किल डेवलपमेंट, वित्तीय समावेशन तथा आधारभूत संरचना के कुल 75 संकेतकों के साथ नीति आयोग ने एक व्यवस्था बनायी, जिससे इन जनपदों को सहयोग देकर सामान्य जनपदों की श्रेणी में लाया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के 112 आकांक्षात्मक जनपदों में 8 जनपद उत्तर प्रदेश के हैं। इन 8 आकांक्षात्मक जनपदों को सामान्य जनपदों की तर्ज पर आगे बढ़ाने का कार्य करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नीति आयोग के साथ बैठक की गयी। प्रदेश मंत्रिमण्डल के सदस्यों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गयी। समीक्षा बैठक के दौरान यह निश्चित किया गया कि इन आकांक्षात्मक जनपदों में मैनपावर एवं अधिकारियों की कमी न हो। स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रम चलाये गये। वित्तीय समावेशन के लिए बैंकों के साथ नियमित बैठक की गयी। इन जनपदों के समग्र विकास हेतु अधिकारियों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया। इसके परिणामस्वरूप देश के कुल 112 आकांक्षात्मक जनपदों में से शीर्ष 10 महत्वाकांक्षी जनपदों में प्रदेश के 6 जनपद तथा शीर्ष 20 महत्वाकांक्षी जनपदों में प्रदेश के सभी 8 जनपद सम्मिलित हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में बिना अतिरिक्त धनराशि दिये इन जनपदों में कन्वर्जेन्स व नियमित मॉनीटरिंग के माध्यम से कार्य किये गये, जिसके परिणाम सामने हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 826 विकास खण्डों में से 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों का चयन किया गया, ताकि इन विकास खण्डों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के साथ-साथ सामान्य विकास खण्डों की तर्ज पर विकसित किया जा सके। प्रदेश के 34 जनपदों में स्थित इन 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों के विकास के लिए सम्बन्धित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस पर कार्य प्रारम्भ करने के लिए राज्य सरकार ने नियोजन विभाग में एक डैशबोर्ड बनाया। शोधार्थियों के चयन की प्रक्रिया प्रारम्भ की। इस चयन प्रक्रिया में 26 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया, जिसमें 100 अभ्यर्थियों का चयन होना था। सभी अभ्यर्थी यह जानते थे कि चयन के पश्चात उन्हें शोधार्थी के रूप में स्वतंत्र रूप से कार्य करने के बजाय विकास खण्ड की टीम के साथ कार्य करना है। उनको अपने कार्य के दौरान शासन से एक निश्चित मानदेय मिलेगा। अपने कार्य के दौरान शोधार्थियों को प्रत्येक दिन की प्रत्येक गतिविधि को अपडेट करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के अन्तर्गत नवचयनित शोधार्थियों को पं0 दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्रामीण विकास संस्थान में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इसके उपरान्त उन्हें टैबलेट वितरण के साथ ही नियुक्ति के लिए अधिकृत किया जा रहा है। यह शोधार्थी निर्धारित विकास खण्ड में जाकर नियोजन विभाग के मार्गदर्शन में कार्य करेंगे। शोधार्थियों को खण्ड विकास अधिकारी और उनकी पूरी टीम के साथ काम करना है। अपने कार्य के परिणाम को प्रतिदिन नियोजन विभाग के डैशबोर्ड के माध्यम से अपलोड करना है। डैशबोर्ड के माध्यम से प्रतिदिन अवलोकन किया जा सकता है। किस विकास खण्ड की क्या रैंकिंग है, उसमें क्या सुधार हुआ है। प्रतिदिन की प्रगति के आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाएगी। आकांक्षात्मक विकास खण्डों को अतिरिक्त तौर पर इन्सेंटिव देने की कार्यवाही भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने सभी 100 शोधार्थियों से कहा कि उनके लिए ग्रामीण विकास में शोध का एक अवसर है। शोध करने के लिए उनको पूरा विकास खण्ड मिलेगा। ग्रामीण विकास में शोध के लिए इससे अच्छा मॉडल नहीं हो सकता। शोधार्थियों द्वारा अपने विकास खण्ड में कार्य करने के दौरान डाटा कलेक्शन एवं अपने कार्याें का डॉक्यूमेंटेशन करना होगा। डाटा कलेक्शन एवं डॉक्यूमेंटेशन के अभाव में अच्छा शोध पत्र तैयार नहीं हो सकता है। भारत की परम्परा कहती है कि ‘आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः’ अर्थात ज्ञान जहां से भी आ सके, हमें ज्ञान की उस धारा के साथ अपने आपको जोड़ना चाहिए। ज्ञान की उस धारा के साथ जुड़कर आने वाली पीढ़ी को बहुत कुछ दिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनपदों की समीक्षा हेतु मंत्री समूहों का गठन किया गया है। यह समूह जनपदों की समीक्षा कर नियमित रूप से अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध करवाते हैं। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में से 25 जनपद वे स्वयं, 25-25 जनपद उप मुख्यमंत्री द्वय को विजिट करने का दायित्व दिया गया था। उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक द्वारा उन्हें आवंटित 25 जनपदों की विजिट का डॉक्यूमेन्टेशन किया गया। यह डॉक्यूमेन्टेशन अपने आप में एक थीसिस है। इसमें उनके द्वारा विभिन्न जनपदों में विभिन्न समूहों के साथ की गयी बैठकों एवं कार्याें का उल्लेख है। इसके आधार पर एक अच्छी पुस्तक लिखी जा सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों एवं विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि इन विकास खण्डों में मैन पावर की कमी न हो। 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों में शोधार्थियों के लिए आवासीय व्यवस्था, जिला प्रशासन द्वारा विकास खण्ड मुख्यालयों पर की जाए। वहां पर उनको एक सुरक्षित और अच्छा वातावरण प्रदान किया जाए, जिससे वे विकास खण्ड की टीम के साथ एवं अकेले भी जाकर कार्य कर सकें। सभी 100 शोधार्थियों में से जो भी बाद में शासकीय सेवा में आना चाहेगा, उनको एक निश्चित वेटेज एवं आयु में रिलैक्सेशन देने का कार्य किया जाएगा, क्योंकि इनके पास कार्य का एक अनुभव भी हो चुका होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार से शोधार्थियों को जोड़ने का कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र को मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम से जोड़ा गया है। नगर विकास के क्षेत्र को भी इस प्रकार के कार्यक्रम से जोड़ा जाए। देश में सबसे अधिक अर्बन बॉडीज उत्तर प्रदेश में है। प्रदेश में 763 नगरीय निकाय हैं। इन नगर निकायों को आत्मनिर्भर बनाने एवं जनता को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की दृष्टि से कार्य किया जाएगा। औद्योगिक विकास विभाग को भी निवेश प्रक्रिया के सम्बन्ध में कुछ ऐसे शोधार्थी रखने चाहिए, जो आई0आई0एम0, आई0आई0टी0 एवं विश्वविद्यालय से जुड़े हों। इन शोधार्थियों को एक-एक निवेशकों के साथ जोड़ा जाए। निवेशकों द्वारा निवेश हेतु आवेदन कार्य करने के उपरान्त निवेश प्रक्रिया सम्बन्धी शेष कार्य शोधार्थियों द्वारा किया जाए। जब तक कि निवेशक की फैक्ट्री का भूमि पूजन या शुभारम्भ का कार्य सम्पन्न न हो जाए, शोधार्थी प्रस्ताव की निगरानी व अपडेट करने का कार्य करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। राज्य में 01 लाख से अधिक राजस्व ग्राम, 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतें, 826 विकास खण्ड व 75 जनपद हैं। ऐसे में हमें निर्णय लेने की प्रकृति के साथ आगे बढ़ना होगा। अपनी युवा पीढ़ी की ऊर्जा का लाभ लेना होगा। जब प्रदेश को अपनी प्रतिभावान युवा शक्ति का लाभ प्राप्त होगा, तो प्रदेश को देश में नम्बर-1 अर्थव्यवस्था बनने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि सभी शोधार्थियों में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित हो। कार्य करने की उम्मीद वहीं होती है, जहां पर पहले कार्य न हुआ हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षकों को पठन-पाठन के अलावा उनको गांव की जनगणना के साथ-साथ मतदाता सूची का कार्य जरूर करना चाहिए। इससे शिक्षकों को गांव की सामाजिक, आर्थिक परिस्थिति की पूरी जानकारी होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा वह है जो हमें सैद्धान्तिक ज्ञान के साथ ही व्यावहारिक जानकारी दे। व्यावहारिक ज्ञान के बिना शिक्षा का कोई मतलब नहीं है। जिस गांव में हम पढ़ा रहे हैं, हमें उस गांव की पूरी जानकारी होनी चाहिए। गांव में कितने परिवार रह रहे हैं, उन परिवारों की आर्थिक स्थिति क्या है, कितने लोग सरकारी नौकरी, कृषि, व्यापार, श्रमिक, स्ट्रीट वेण्डर, पशु-पालक हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को हम साकार कर सकते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था किसी काल खण्ड में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार हुआ करती थी। गांवों में सभी तबके के व्यक्ति चाहे वह किसी जाति, मत, मजहब के रहते हों, उनकी पूजा पद्धति अलग हो, पूरा गांव एक परिवार की भांति कार्य करता हुआ दिखायी देता था। गांव में किसी के पास जमीन तो किसी के पास कौशल होता था, दोनों मिलकर कार्य करते थे। ग्राम पंचायत अपने स्वयं के स्तर से गांव में ही खेती, बीज के साथ ही बाजार तक की व्यवस्था उपलब्ध कराती थी। पूरा गांव अपने आपमें आत्मनिर्भर इकाई के रूप में कार्य करता था। यही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना थी। उस आत्मनिर्भरता को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ प्रारम्भ की गयी। इस योजना के विस्तार पर भी कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आज आजाद हिन्द फौज का स्थापना दिवस एवं पुलिस स्मृति दिवस है। आप जिस कार्य के लिए चयनित हुए हैं, वह एक बहुत बड़ा काम है। आपको उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ‘जय विज्ञान’ का नारा दिया था। वर्तमान प्रधानमंत्री जी ने ‘जय अनुसंधान’ का नारा दिया है। विश्व में कोई देश शोध कार्य कर रहा है, तो वह भारत के युवाओं की सहभागिता के बिना सफल नहीं है। गांव का विकास होगा, तो प्रदेश का विकास होगा, प्रदेश का विकास होगा तो देश का विकास होगा।
उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। वर्ष 2017 से मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में सभी क्षेत्रों में क्रान्तिकारी विकास किया है। प्रदेश में जहां भी विकास की धारा नहीं बही, वहां पर प्रदेश सरकार द्वारा विकास सम्बन्धी कार्य किया जा रहा है।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि बिना तकनीक के अपेक्षित लक्ष्य को नहीं पाया जा सकता। तकनीक के माध्यम से ही विकास की गति को बढ़ाया जा सकता है। प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी जिस उद्देश्य से देश व प्रदेश की सेवा कर रहे हैं, उसमें आप सभी को सहयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर सचिव नियोजन श्री आलोक कुमार ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत एवं विशेष सचिव नियोजन श्री अमित सिंह बंसल ने आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री अवनीश कुमार अवस्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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