गंगा का पानी खतरे के निशान 77.724 से 1.544 मीटर नीचे आ गया है। पानी घटने के साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खेत और सिवानों में उठ रहे दुर्गंध से संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ गया है। उधर, बृहस्पतिवार को शाम चार बजे प्रति घंटे आठ सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में कमी आने का सिलसिला जारी रहा। बाढ़ का खतरा टलने के बाद अब किसानों ने प्रभावित लोगों को मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।
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