*95% स्ववित्तपोषित शिक्षकों के पारिश्रमिक कटौती(TWS) से निर्मित शिक्षक संघ भवन पर 5% का एकाधिकार बर्दाश्त नहीं :* डॉ जितेन्द्र त्रिपाठी
*शिक्षक संघ भवन पर जल्द होगी स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ की दोनों ईकाईयों की संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस :* डॉ अनन्त राम सिंह
*शिक्षक अनुमोदन फर्जीवाड़ा, मानकविहीन महाविद्यालय सम्बद्धता व मान्यता पैनल में शामिल शिक्षको पर अविलंब हो कार्यवाही :* डॉ नीरज बाजपेई
अयोध्या : दिनांक 19.09.2022 को अवध विश्वविद्यालय परिसर स्थित अनुदानित महाविद्यालय शिक्षक संघ भवन पर विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो वीपी सिंह के द्वारा अपनी मनमानी अहंकार व निजी स्वार्थ के वशीभूत होकर किया गया *तथाकथित कृत्य (प्रेस कॉन्फ्रेंस) न केवल विश्वविद्यालय के इतिहास में शिक्षकों को शर्मसार करने वाला रहा बल्कि विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक शिक्षक संघ की मर्यादा व शिक्षकों के सम्मान को तार तार कर दिया गया !!!* ऐसा कभी नहीं हुआ था कि विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ द्वारा शिक्षक संघ के *सम्मानित अध्यक्ष के ही विश्वविद्यालय प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग किया गया हो।*
आखिर शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रो वीपी सिंह की वो कौन सी मजबूरी थी कि अभी एक ही वर्ष पूर्व तक कुलसचिव व कुलपति के साथ गलबहियां कर कदमताल करने वाले, पूर्व कुलपतियो से मिलीभगत कर शिक्षक अहित में मुख्य परीक्षा में केन्द्राध्यक्ष नामित करने की व्यवस्था समाप्त करवाने वाले, वर्तमान *कुलपति प्रोफेसर अखिलेश से मिली भगत कर स्ववित्तपोषित शिक्षकों को सचल दल से हटवाने वाले* अध्यक्ष महोदय की आखिर वो कौन सी गोट यकायक फंस गयी कि विश्वविद्यालय के *कुलसचिव में भ्रष्टाचार का चांद दिख गया।* जिसके लिए अध्यक्ष महोदय ने शिक्षक संघ कार्यकारिणी को भी विश्वास में लेने की जहमत नहीं उठाई यहां तक कि तथाकथित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिक्षक संघ के मुख्य पदाधिकारी तक नजर नहीं आये। कार्यकारिणी व पदाधिकारियों द्वारा उक्त पीसी का तिरस्कार करना नि:सन्देह यह साबित करता है कि प्रो वीपी सिंह के द्वारा उक्त पीसी न तो विश्वविद्यालय में पारदर्शिता के निमित्त की गयी थी और न ही शिक्षक हित में बल्कि सम्भवतः अध्यक्ष जी के गले में जो बहराइच व बीकापुर की, मछली जो अटक गयी है वो अब न निगलते बन रही है और न ही उगलते !!! स्वयं जो व्यक्ति शिक्षक हित की तिलांजलि देकर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ हो वही विश्वविद्यालय में शिक्षक हित के नाम पर पारदर्शिता का संगीत सुनाये, तो हास्यास्पद के सिवाय और कुछ नहीं है।
आज अध्यक्ष महोदय के अन्दर शिक्षक हित इतना कुलांचे मार रहा है, लेकिन जब व्यक्तिगत खुन्नस में कुलपति से मिलीभगत कर साकेत महाविद्यालय के एक स्थायी वित्तपोषित शिक्षक की पीएचडी थिसिस की जांच के नाम पर पेंट पर लात मरवाने का कुचक्र रचा गया था तब शिक्षक हित कहा था ? या उसी साकेत महाविद्यालय के तीन वित्तपोषित व एक स्ववित्तपोषित शिक्षक को एसिड देने के मामले में शिक्षक हितैषी अध्यक्ष प्रो वीपी सिंह ने आज तक कहां कहां प्रेस कॉन्फ्रेंस किया ?
और तो और तथाकथित पीसी में अध्यक्ष महोदय ने कहा कि *स्ववित्तपोषित शिक्षक हमारे छोटे भाई के समान है।* लेकिन दशकों से सचल दल में चल रहे इन्हीं छोटे भाइयों को कुलपति से सांठगांठ कर सचल दल से हटवा कर अध्यक्ष महोदय द्वारा *राम और भरत का आदर्श प्रस्तुत किया या दुर्योधन और युधिष्ठिर का ??*
आखिर दशकों से अवध विश्वविद्यालय से सम्बद्ध तीनों शिक्षक संघ ईकाईयां शांति के साथ साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में रही, लेकिन अध्यक्ष प्रो वीपी सिंह के अहंकार व स्ववित्तपोषित शिक्षक विनाश व बहिष्कार की नीति ने आज तीनों शिक्षक संघ ईकाईयों को आपने सामने खड़ा कर दिया है।
एक तरफ जहां अनुदानित महाविद्यालय स्ववित्तपोषित अनुमोदित शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी व स्ववित्तपोषित महाविद्यालय शिक्षक संघ के संरक्षक डॉ नीरज बाजपेई ने एलान कर दिया है कि विश्वविद्यालय परिसर स्थित *शिक्षक संघ भवन का निर्माण शिक्षक कल्याण कोष से हुआ है जिसके 95% स्ववित्तपोषित शिक्षकों के पारिश्रमिक से की गरी कटौती शामिल है उस मात्र 05% वित्तपोषित शिक्षक संघ के एकाधिकार* को अब किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, शिक्षक संघ भवन में स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ ईकाईयों का अधिकार ले कर रहेंगे। दूसरी तरफ स्ववित्तपोषित महाविद्यालय शिक्षक संघ ने मांग किया है कि विश्वविद्यालय स्तर पर अनुमोदन घोटाला, शिक्षक प्राचार्य विहीनता, अवस्थापना सुविधा हीनता एवं मानकविहीन महाविद्यालयो पर कार्यवाही के पूर्व स्ववित्तपोषित शिक्षक अनुमोदन व महाविद्यालय सम्बद्धता व मान्यता पैनल में शामिल रहे शिक्षकों पर कार्यवाही किया जाय, जो लोग लिफाफे की लालसा में अंधे होकर ऐसे महाविद्यालयों में फर्जी ढंग से अनुमोदन व सम्बद्धता एवं मान्यता की संस्तुति किये है। ऐसे पैनलधारी शिक्षकों पर विधिक कार्यवाही के बाद ही सम्बन्धित महाविद्यालयों कार्यवाही किया जाना चाहिए।
शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रो वीपी सिंह की बेसहूरी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते स्ववित्तपोषित शिक्षक व राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के शिक्षक प्रकोष्ठ अयोध्या के अध्यक्ष डॉ अनन्त राम सिंह ने एलान किया है कि कुलपति के साथ मिलीभगत कर शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रो वीपी सिंह द्वारा निरन्तर स्ववित्तपोषित शिक्षकों का उत्पीड़न करवाया जा रहा है यही नहीं सुनने में आ रहा है कि आगामी परीक्षाओं में आन्तरिक व बाह्य परीक्षकत्व से विरत करने का कुचक्र किया जा रहा है। इस प्रकार आये दिन अपने स्वार्थ पूर्ति में दशकों से विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न कार्यों में सफल दायित्व का निर्वाह कर रहे स्ववित्तपोषित शिक्षकों को तथाकथित पारदर्शिता के नाम विरत करवाया जा रहा है वो ऐसे कुलपति जी के आदेश व निर्देश पर जिसके स्वयं के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय प्रयागराज में जहां एक ही स्ववित्तपोषित शिक्षक को 59 प्रेक्टिकल परीक्षा एलाट किया गया हो उन्ही कुलपति जी का अवध विश्वविद्यालय में वित्तपोषित शिक्षक संघ द्वारा कान भर कर तथाकथित पारदर्शिता का सुनहरा संगीत सुनवाया जा रहा है।
अवध विश्वविद्यालय परिक्षेत्र की दोनों स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ से अपील है कि एक सुनिश्चित तिथि निर्धारण कर जल्द से जल्द विश्वविद्यालय परिसर स्थित शिक्षक संघ भवन पर ही संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर शिक्षक संघ भवन का एकाधिकार समाप्त करने व स्ववित्तपोषित शिक्षकों की विभिन्न मांगों की पूर्ति हेतु सभी शिक्षक बन्धु अपनी ताकत का एहसास कराये।
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