*ट्रेन सामने आती देख मची रहती है रेलवे क्रासिंग पार करने होड़*
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सोहावल में रेलवे फाटक बंद होते लगता है लम्बा जाम
रात को गेट मैन फाटक खुलवाने को लेकर सुनते है शराबी वाहन चालकों की गाली
अयोध्या -सोहावल क्षेत्र में ट्रेन सामने आती देख भी जल्दबाजी के चक्कर में रेलवे क्रॉसिंग पार करने की होड़ मची रहती है। वही रेलवे फाटक बंद होने से लंबा जाम भी लगता है। जिसकी वजह से लोगों में अपने गंतव्य को जल्द पहुंचने के लिए आपाधापी मची रहती। जबकि सुचित्तागंज बाजार में रेलवे फाटक बंद होने पर जाम इस कदर लगता है कि जल्दबाजी के चक्कर में लोगों के बीच कहासुनी की भी नौबत बन जाती है। बंद रेलवे क्रॉसिंग की समस्या से गुजर रहे लोग रेलवे विभाग से अंडर बाईपास बनवाने की मांग कर रहे हैं।
सालारपुर रेलवे स्टेशन के बाद सोहावल क्षेत्र की अंतिम सीमा तक चिर्रा मोहम्मदपुर,रसूलपुर सकरावल,सोहावल,परशुरामपुर, लखौरी,अंजनाइतारा, पिलखावां, डेरमूसी, बड़ागांव सहित बंद और ट्राफिक गेट मिलाकर
लगभग दस रेलवे क्रासिंग है। जबकि सबसे ज्यादा जाम और गेट बंद होने के बावजूद जल्दबाजी के चक्कर में 130 बी सोहावल रेलवे स्टेशन के पास सुचित्तागंज बाजार स्थित रेलवे फाटक पर लंबा जाम लगता है। गेट मैन पूर्व सैनिक लालजी यादव की माने तो ट्रेन आने से करीब 6 मिनट पहले गेट बंद कर दिया जाता है। लेकिन बाहरी लखनऊ, गोंडा, सुल्तानपुर, बाराबंकी आदि जनपदों के इस रेलवे क्रासिंग से गुजरने वाले चार पहिया वाहनों की वजह से रेलवे क्रासिंग के दोनो तरफ करीब पांच सौ मीटर तक लंबा जाम लग जाता है। जिसकी वजह से दो पहिया वाहनों में शामिल बाइक और साइकिल सवार ट्रेन सामने आती देखकर भी रेलवे क्रासिंग के अगल-बगल से निकलते रहते है। यहां गेट बंद होने के बावजूद लोगों में रेलवे क्रासिंग पार करने की होड़ मची रहती है। जबकि गेट मैन लालजी यादव बताते हैं कि वैसे तो ट्रेन आने से दस मिनट पहले गेट बंद करने का नियम है। लेकिन ट्रेन की लोकेशन मिलने और जाम की समस्याओं को देखते हुए लगभग छः मिनट पहले गेट बंद कर दिया जाता है। जबकि ट्रेन गुजरने के दो मिनट बाद गेट खोलने का नियम है। फिर भी दो मिनट में ही लोग इतना हॉर्न बजा देते है कि उबन सी महसूस होने लगती है। वहीं गेट संख्या 131 पर तैनात गेट मैन बैजनाथ निषाद कहते है कि रात में सबसे अधिक संख्या में ट्रक जैसे भारी वाहन गुजरते है। जबकि रात में ट्रैक पर ट्रेनों के गुजरने की संख्या भी अधिक रहती है। इस बीच गेट बंद देख शराबी वाहन चालक गाली भी दे देते है। लेकिन रात के सन्नाटे में अकेले रहकर सुनना भी पड़ता है। जबकि ट्रेन गुजरने के बाद भी रेलवे फाटक खुलने का लोग इंतजार नही करते। तुरंत लोग जल्दाबजी मचा देते है। जिसकी वजह से रेलवे ट्रैक पर जाम लग जाता है। इस जाम की वजह से सुचित्तागंज बाजार के व्यापारियों को बड़ी समस्या उत्पन्न होती है। यहां के व्यापारी कहते है। रेलवे क्रासिंग की वजह से लगने वाले जाम से दुकानों के सामने खड़े वाहन की वजह से व्यापार प्रभावित होता है।
वहीं काफी संख्या में बातचीत के दौरान स्थानीय लोगों की मांग है की रेलवे विभाग सभी रेलवे क्रासिंग पर अंडर पास बनवा दे। तो जाम और वाहनों के पास होने की समस्या से निजात मिल सकता है।
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