देवताओं के गुरु बृहस्पति आपको विशेष लाभ कब देंगें?

सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल 
इंटरनेशनल वास्तु अकडेमी 
सिटी प्रेजिडेंट कोलकाता 
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शुक्र सुख के कारक ग्रह हैं और बृहस्पति सफलता के कारक ग्रह हैं। देव गुरु बृहस्पति की कृपा पाने के लिए ज्योतिष जगत 'पुखराज, पुष्पराग या येलो सफायर धारण करने की सलाह दी जाती है। यह एक अनमोल रत्न है और धार्मिकता, धर्मपरायणता और सत्यवादिता को दर्शाता है। यह अक्सर आर्थिक समृद्धि के लिए धारण किया जाता है। पुखराज राजनीतिक और बौद्धिक सफलता के लिए लाभदायक होता है। पुखराज का धारण करना व्यक्ति को एक अत्यधिक पवित्र और धार्मिक व्यक्ति में बदल देता है, पहनने वाले को गलत विचारों से बचाता है, लंबी यात्राओं के दौरान नुकसान होने से बचाव करता है। गुरु की कृपा से संतान की प्राप्ति होती है। कन्या के लिए उचित वर और विवाह के लिए पुखराज धारण किया जाता है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि भौतिक जगत में सुख-साधनों का होना आवश्यक है और साधनों के लिए रुपए-पैसों से समृद्ध होना आवश्यक है। देव गुरु बृहस्पति इन्हीं चीजों के कारक हैं। यह हमारे कार्य क्षेत्र में चाहे वह नौकरीपेशा हों या व्यवसाय, दोनों को बढ़ावा देता है।

विभिन्न लग्न के लिए पुखराज : 

मेष लग्न के लिए पुखराज योगकारक ग्रह हैं। पुखराज मेष लग्न के व्यक्ति को बौद्धिक, परोपकारी बनाता है और उसे सौभाग्य प्रदान करता है। बृहस्पति की दशा के दौरान पुखराज पहनने पर व्यक्ति अपने जीवन में शीर्ष स्तर पर पहुंचता है। वृषभ लग्न के लिए पुखराज अशुभ अतः धारण नहीं करना चाहिए।

मिथुन लग्न में गुरु केन्द्राधिपति दोष से ग्रस्त हैं, इसलिए पुखराज पहनने से पहले आपको ज्योतिषी सलाह की आवश्यकता है। कर्क लग्न में गुरु भाग्य के स्वामी हैं। 
कर्क लग्न के लिए हमेशा पुखराज पहनना चाहिए। पुखराज उच्च शिक्षा, नाम, यश, धन और अच्छी संतान देगा। सिंह लग्न में माणिक्य को पहना जाना चाहिए, लेकिन बृहस्पति योगकारक ग्रह है और पुखराज व्यक्ति को बृहस्पति दशा के दौरान शुभ परिणाम देंगे।
कन्या लग्न में बृहस्पति केन्द्राधिपति दोष से ग्रस्त हैं, लेकिन अन्य मापदण्डों की जांच करने के लिए पुखराज हनने से पहले ज्योतिषी से परामर्श किया जाना चाहिए। 
तुला लग्न में बृहस्पति शुभ ग्रह नहीं हैं, इसलिए सामान्य रूप से तुला लग्न वालो को पुखराज पहनने से बचना चाहिए। 

वृश्चिक लग्न में बृहस्पति शुभ है और अनुकूल परिणामों के लिए पुखराज पहनें सर्वोत्तम परिणामों के लिए पुखराज के साथ लाल मूंगा भी पहनें। 

धनु लग्न में हमेशा पुखराज पहनें और सर्वोत्तम परिणामों के लिए माणिक्य के साथ पुखराज पहनें। 
मकर लग्न में बृहस्पति शुभ ग्रह नहीं है और पुखराज को कभी नहीं पहनना चाहिए।

कुंभ लग्न में पुखराज धारण नहीं करना चाहिए। 
मीन लग्न में बृहस्पति एक शुभ ग्रह है और सफलता के लिए पुखराज को बृहस्पति की दशा के दौरान पहना जाना चाहिए, इससे अनुकूल परिणाम मिलेंगे। मीन लग्न के लिए पुखराज और लाल मूंगा दोनों पहनने से उत्तम परिणाम प्राप्त होंगे। 

बृहस्पति ग्रह बहुत सी बीमारियों के निवारण में जबरदस्त योगदान देते हैं। ज्योतिष जगत में यह माना जाता है कि बृहस्पति आयु की रक्षा करते हैं और जब-जब बृहस्पति लग्न के साथ कोई सम्बन्ध बनाते हैं तो जातक की आयु सुरक्षित रहती है। 
बीमारी और पुखराज :अगर किसी को जॉन्डिस या पीलिया हो जाए तो उन्हें 5 रत्ती से बड़ा पुखराज पहनाएं। रक्त की कमी या मूत्राशय रोग, इम्पोटेंसी में पुखराज और रेड कोरल लाभदायक है। हर्निया में सोने में पुखराज और रेड कोरल कॉपर में धारण करें। स्किन की समस्या जैसे कि एक्जिमा में पुखराज और वाइट कोरल पहनें नर्वस सिस्टम डिसआर्डर / मिर्गी में पुखराज, पन्ना और मोती विशेष लाभ देते हैं।

बृहस्पति का रत्न पुखराज जब भी पहनें 3 रती से ऊपर होना चाहिए, कभी भी 6/11/15 रती नहीं होना चाहिए। पुष्य नक्षत्र में सोने में बना पुखराज जादुई परिणाम देता है जो भी पुखराज पहनने में असमर्थ है और बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करना चाहते है तो शुभ परिणाम के लिए 19,000 बार  बृहस्पति मंत्र का जाप करना चाहिए ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः। गुरु के यन्त्र का १०८ मंत्र और पिले फल से पूजन करें।

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