वाराणसी से विदेशी मेहमानों को लेकर राजमहल क्रूज बुधवार को दोपहर में चुनार पहुंचा। बीच गंगा में क्रूज ने लंगर डाला। इसके बाद 18 सदस्यीय विदेशी पर्यटकों का दल छोटी मोटर बोट में सवार होकर गंगा किनारे पहुंचा। यहां से दल में शामिल सदस्य टूरिज्म बस से नगर भ्रमण के लिए निकले।
भ्रमण के दौरान विदेशी पर्यटकों का दल ऐतिहासिक चुनार दुर्ग पहुंचा। जहां पर्यटकों ने रानी सोनवा का मंडप, राजा भतृहरि नाथ की समाधि व विशालकाय बावली का भ्रमण कर जायजा लिया। यहां से लौटते समय दुर्ग जाने वाले मार्ग पर गंगा किनारे स्थित ब्रिटिश कालीन कब्रिस्तान को भी देखा। यहां आसपास झाड़ियां व गंदगी देख दल के सदस्यों ने दुख व्यक्त किया। इसके बाद वे दरगाह शरीफ स्थित बाबा हजरत कासिम सुलेमानी की दरगाह पहुंचे। जहां उन्होंने स्थानीय दरी बुनकरों से मिलकर हथकरघा व बुनकरी आदि के बारे में जानकारी ली। पर्यटकों के दल ने बुनकरों द्वारा तैयार की गयी दरी की प्रशंसा भी की। इसके बाद वे चुनार पाटरी सेंटर पहुंचे। यहां आसपास के दुकानों में बेची जा रही चीनी मिट्टी के गमले, बर्तन, फूलदान व मूर्तियां देखी। मं बाजार में चुनार निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां व खिलौनों आदि को देखकर कलाकारी की सराहना की। विदेशी मेहमानों ने दुर्ग में स्थित रानी सोनवा मंडप व दरगाह में पत्थरों पर की गई नक्काशी की सराहना की। पर्यटकों की टीम में 11 ब्रिटिश, चार जर्मन, एक स्काटिश व दो भारतीय शामिल हैं। विदेशी मेहमानों के साथ टूरिज्म गाइड कुणाल सिंह, अखिलेश कुमार मौजूद रहे।
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