बीकापुर :नलकूप विभाग में समय पर नहीं पहुंचते हैं अधिकारी और कर्मचारी
▪️ नलकूप विभाग की उदासीनता के चलते किसानों को फसलों की सिंचाई करने में होती है दिक्कत
 ▪️राजकीय नलकूप की अधिकांश नालियां छतिग्रस्त नहीं होती है मरम्मत
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#बीकापुर_अयोध्या 
============= नलकूप विभाग की उदासीनता के चलते किसानों को फसलों की सिंचाई करने में दिक्कत आ रही है। एक तरफ जहां पर्याप्त बारिश न होने से किसान परेशान है। वहीं दूसरी तरफ समय पर राजकीय नलकूपों की जली मोटर न बदले जाने तथा यांत्रिक खराबी को ना दूूर किए जाने से किसानों के गन्ना और धान के फसल की सिंचाई होने में दिक्कत हो रही है। 
     किसानोंं द्वारा नलकूप विभाग पर उदासीनता का आरोप लगाया गया है। क्षेत्र के तमाम किसानों ने बताया कि नलकूप विभाग के कार्यालय बीकापुर में समस्या दर्ज कराने के लिए जाने पर अक्सर वहां सहायक अभियंता एसडीओ, अवर अभियंता सहित अन्य अधिकारी नहीं मिलते हैं। दोपहर करीब 12 बजे तक अधिकारी ड्यूटी पर पहुंचते ही नहीं हैं। या तो कुर्सियां खाली रहती हैं अथवा ताला बंद रहता है। जबकि कार्यालय का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित है।
       बीकापुर विकासखंड क्षेत्र के पूरे नंदा तिवारी, बल्लीपुर, बैती कला, मंगारी, न्यूना पूरब, रामनगर, मलेथू कनक, प्रतापपुर बरहूंपुर सहित अन्य कई स्थानों पर स्थापित राजकीय नलकूपों के मोटर जल जाने अथवा यांत्रिक खराबी से बंद पड़े हैं। जबकि अधिकांश नलकूपों के कुलाबा और नालियां क्षतिग्रस्त हो जानेे से भी किसानों को फसलों की सिंचाई करनेे में दिक्कत होती है। बरसों से सफाई और मरम्मत न होने से राजकीय नलकूपों का पूरा पानी खेत में जाने के बजाए नलकूप की नालियों के किनारे स्थित बागो और गड्ढों में भर जाता है।  जिसके चलते पानी की भी बर्बादी होती है। 
       क्षेत्र के जागरूक लोगों कहना है कि नलकूप विभाग के मिस्त्री और नलकूप चालक भी कई कई दिनों तक नलकूप पर नहीं आते हैं। राजकीय नलकूप की क्षतिग्रस्त नालियों की साफ-सफाई और मरम्मत के लिए भारी भरकम हर वर्ष बजट जारी होता है। कागजों में अधिकांश नलकूप को चालू दिखाया जाता है। जबकि धरातल पर जमीनी हकीकत कुछ और होती है। 
      बीकापुर नलकूप उपखंड कार्यालय के अधीन नलकूप खंड द्वितीय और पंचम के करीब 400 राजकीय नलकूप संचालित हैं। नलकूप खंड द्वितीय में बीकापुर विकासखंड क्षेत्र के अलावा हरिगटन गंज विकासखंड क्षेत्र के भी राजकीय नलकूप शामिल हैं। जबकि नलकूप खंड पंचम के तहत तारुन विकासखंड क्षेत्र के राजकीय नलकूप शामिल हैं। तारुन और हरिगटन गंज विकासखंड क्षेत्र के भी दर्जनभर से अधिक राजकीय नलकूप विद्युत मोटर जल जानेे अथवा अथवा यांत्रिक खराबी के चलते बंद पड़ेे हैं। कई किसानों द्वारा बताया गया कि मोटर दुरुस्त होने के लिए जिला मुख्यालय के वर्कशॉप में भेजा गया है। लेकिन वापस नहींं आया। नलकूप खंड पंचम में शामिल तारुन विकासखंड क्षेत्र के भी कई नलकूप विद्युत मोटर जल जाने और यांत्रिक खराबी के चलते बंद पड़े हैं। एक तरफ जहां पर्याप्त बारिश न होने से किसान परेशान है। वहीं दूसरी तरफ राजकीय नलकूपों की जली मोटर न बदले जाने तथा यांत्रिक खराबी को ना दूूर किए जाने से किसानों के गन्ना और धान के फसल की सिंचाई होने में दिक्कत हो रही है। किसानोंं द्वारा नलकूप विभाग पर उदासीनता का आरोप लगाया गया है।

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