मदरसों के छात्र-छात्राओं को एनसीईआरटी की किताबें क्रय करने हेतु धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजी जायेंगी
गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का उद्देश्य सूचना संकलित कर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराना है
मदरसों के एनईईटी परीक्षा उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जायेगा
मदरसों की शिक्षा को गुणवत्तायुक्त एवं आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अनुरूप बनाना राज्य सरकार का उद्देश्य
-श्री धर्मपाल सिंह
लखनऊः 26 सितम्बर, 2022
उत्तर प्रदेश के पशुधन, दुग्ध विकास, अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ एवं हज विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री धर्मपाल सिंह जी की अध्यक्षता में विधानभवन स्थित उनके कार्यालय कक्ष में मदरसा शिक्षा को बेहतर करने तथा मदरसों के सर्वे के सम्बन्ध में बैठक आहूत की गई। बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने मदरसों में एनसीईआरटी पुस्तकों के वितरण के विषय में निर्देश दिये कि मदरसों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को डयरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से खातों में धनराशि अंतरित कर दी जाए। जिससे छात्र-छात्रायें सुविधानुसार किताबों का क्रय कर सकें। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा को बेहतर बनाने एवं उसके आधुनिकीकरण की दिशा में यह निर्णय अत्यन्त महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराये जाने की प्रगति की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिये कि सर्वे कार्य के संबंध में समस्त जनपदों से सर्वे कार्य की प्रगति का पर्यवेक्षण नियमित रूप से किया जाए तथा सर्वे को लेकर किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। उन्होंने कहा कि सर्वे कार्य केवल गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की सूचना संकलित किये जाने के उद्देश्य से कराया जा रहा है न कि किसी प्रकार की जॉच आदि से संबंधित है। उन्होंने कहा कि मदरसों की शिक्षा को गुणवत्तायुक्त एवं आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अनुरूप बनाना राज्य सरकार का उद्देश्य है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने राजस्व नियमों के अनुकूल न होने के कारण राजस्व अनुभाग-9 द्वारा अपने शासनादेश दिनांक 08.08.2022 द्वारा शासनादेश दिनांक 07.04.1989 को निरसित कर दिये जाने के उपरान्त अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग-2 उ0प्र0 शासन द्वारा निर्गत शासनादेश 07.09.2022 के विषय में भी निर्देश दिये गये कि स्थिति स्पष्ट की जाय कि उक्त शासनादेश का संबंध वक्फ सम्पत्तियों के पुनः सर्वेक्षण से नहीं है। बल्कि राजस्व अभिलेखों के दुरूस्तीकरण से है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि मदरसे के कुछ प्रतिभाशाली बच्चे जिन्होंने एनईईटी परीक्षा उत्तीर्ण की है, उन्हें सम्मानित किया जाए ताकि अन्य बच्चों में उच्च शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो और मदरसों के बच्चों में आगे बढ़ने व पढ़ने की प्रेरणा जगाई जा सके। उन्होंने कहा कि मदरसों की शिक्षा के आधुनिकीरण से छात्र एवं छात्रायें राज्य सरकार की मंशा के अनुसार डॉक्टर, इंजीनियर, आई०ए०एस० व उच्च पदों पर चयनित हो सकेंगे। उन्होंने मदरसें के बच्चों को एनसीआरटी की पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिये।
श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मदरसों के सर्वे के संबंध में यथाशीघ्र सर्वे कार्य पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिये ताकि सर्वे से प्राप्त परिणामों के आधार पर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करते हुए मदरसा शिक्षा को और बेहतर बनाया जा सके ताकि अल्पसंख्यक समाज के अधिक से अधिक छात्र एवं छात्राएं लाभान्वित हो सकें। बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्रीमती मोनिका एस०गर्ग, विशेष सचिव श्री आनन्द कुमार, एवं विशेष सचिव श्री अनिल कुमार, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण श्रीमती इन्दुमति, रजिस्ट्रार उ0 प्र0 मदरसा शिक्षा परिषद के श्री जगमोहन सिंह एवं अध्यक्ष उ0 प्र0 मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा० इफ्तेखार अहमद जावेद, उपसचिव श्री शकील अहमद सिद्दीकी उपस्थित थे।
सम्पर्क सूत्र- निधि वर्मा
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