वृन्दावन।सेवाकुंज-इमली तला क्षेत्र स्थित आचार्य पीठ में श्रीमद्भागवत सेवा संस्थान के तत्वावधान में चल रहे अष्टदिवसीय श्रीमद्भागवत जयंती एवं श्रीराधा जन्म महोत्सव में प्रवचन करते हुए आचार्य पीठाधीश्वर भागवत भूषण स्वामी यदुनंदनाचार्य महाराज ने कहा कि ब्रज के रसिकों व संतों की वाणियों में श्रीराधा रानी को अखिल ब्रह्मांड नायक की आल्हादिनी शक्ति कहा गया है।सम्पूर्ण ब्रज मंडल में चहुओर उन्ही का साम्राज्य है।वह ब्रजवासियों को प्राणाधार हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत ग्रंथ में सभी पुराणों का सार निहित है।इसीलिए इसे पंचम वेद माना गया है।यह प्रत्येक व्यक्ति की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला ग्रंथ है।इस ग्रंथ का अध्ययन,श्रवण व वाचन तीनों ही कल्याण कारी हैं।इसीलिए असंख्य व्यक्ति इसका आश्रय ग्रहण करते हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीरामानुज सम्प्रदायाचार्य बैकुंठवासी स्वामी किशोरी रमणाचार्य महाराज श्रीधाम वृन्दावन के भूषण थे।उन्ही ने आज से 48 वर्ष पूर्व आचार्य पीठ में श्रीराधा जन्म महोत्सव एवं श्रीमद्भागवत जयंती महोत्सव मनाए जाने की आधार शिला रखी थी।जो कि आज विशाल वट वृक्ष का स्वरूप धारण कर चुकी है।
महोत्सव में युवराज वेदांत आचार्य,रंगलक्ष्मी संस्कृत महाविद्यालय के पूर्वप्राचार्य आचार्य रामसुदर्शन मिश्र, आचार्य रामकृपालु त्रिपाठी, आचार्य बल्लभ महाराज,संगीताचार्य स्वामी देवकीनंदन शर्मा, पंडित बिहारीलाल शास्त्री, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,किशोरी शरण भक्तमाली, पुंडरीक महाराज,रमाशंकर शास्त्री,रमेशचंद्र विधिशास्त्री, मधुमंगल शरण शुक्ल,बलरामाचार्य, पंडित विजय मिश्र, रासाचार्य स्वामी रामशरण शर्मा,धर्मवीर शास्त्री, मोहनानंद लालबाबा,सत्यनारायण शास्त्री,आचार्य युगलकिशोर कटारे, भजन गायक विष्णु बावरा, संत रामकृपाल दास भक्तमाली आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।धन्यवाद ज्ञापन युवराज वेदांत आचार्य ने किया।
राजकुमार गुप्ता
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