मोदी के रूप में देश को मिला है अपनी विरासत पर गर्व करने वाला प्रधानमंत्री
: योगी आदित्यनाथ
- वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का
उद्बोधन
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया मोदी@20 पुस्तक का विमोचन
- पीएम मोदी के 20 वर्ष के प्रशासनिक कार्यकाल पर लिखी गयी है पुस्तक
- दिग्गज बुद्धिजीवियों ने पुस्तक में की है पीएम मोदी की प्रशासनिक क्षमता
की प्रशंसा
- बोले, कोरोना काल में दुनिया ने माना भारत के पीएम मोदी का लोहा
- कहा, जनमानस महसूस कर रहा कि मोदी है तो मुमकिन है
- विपरीत परिस्थितयों में भी देश को आगे ले जाने वाले पीएम हैं मोदी
वाराणसी, 9 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में देश को एक ऐसा
प्रधानमंत्री मिला है, जो अपनी विरासत से जुड़कर ना सिर्फ गर्व की अनुभूति
करता है बल्कि भारत को एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए संकल्पित भी
है। हमने ऐसा भी प्रधानमंत्री देखा है जो सोमनाथ के मंदिर के जीर्णोद्धार में
देश के राष्ट्रपति को भेजने के खिलाफ था और आज हम ऐसे प्रधानमंत्री को भी
देख रहे हैं जो अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य का खुद अपने
कर कमलों से शुभारंभ करते हैं। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
शुक्रवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित मोदी@20 पुस्तक के विमोचन
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर अपने उद्बोधन के दौरान कही।
खचाखच भरे रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सीएम योगी ने अपने उद्बोधन के दौरान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशासनिक क्षमता के हर पहलू पर विचार व्यक्त
किया। उन्होंने कहा कि हम सब गौरावान्वित हैं कि हमारे प्रधानमंत्री आज
दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शुमार हैं। नरेन्द्र मोदी जी के 20 वर्ष की
प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर आधारित इस पुस्तक को समाज के अलग अलग
तबके से जुड़ी हुई विभूतियों ने अपने अनुभवों के आधार पर देश के सामने
प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक के हिन्दी संस्करण का विमोचन आज काशी में
संपन्न हो रहा है, जिसके लिए काशीवासियों को हृदय से बधाई देता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत पूरे विश्वास के साथ एक यशस्वी नेतृत्व में
उठ खड़ा हुआ है। आज पूरी दुनिया में जहां पर भी विश्व मानवता के लिए कोइ
नीति निर्धारित हो रही है, वह भारत के बगैर क्रियान्वित नहीं हो सकती है।
2019 में लोकसभ चुनाव के दौरान जब पीएम के नेतृत्व में भाजपा दूसरी बार
मैदान में उतरी थी तो उस समय भारतीय जन मानस की ओर से एक स्लोगन
दिया गया था, जो स्वाभाविक रूप से निकलकर सामने आया था कि 'मोदी है
तो मुमकिन है'। पिछले 20 साल के प्रशासनिक कार्यकाल में नरेन्द्र मोदी ने यह
हर स्तर पर साबित करके दिखाया है।
आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। भारत इस
पायदान पर उस ब्रिटेन को पछाड़कर पहुंचा है, जिसने हमपर लगभग दौ सौ
साल तक शासन किया। यही नहीं भारत को ये गौरव तब प्राप्त हो रहा है जब
हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। सरकारी आयोजन को जन
सरोकार से कैसे जोड़ा जा सकता है इसका जीता जाता उदाहरण अमृत महोत्सव
के रूप में हम सबने देखा है। हर घर तिरंगा अभियान इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है,
कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर कैसे देश के हर घर पर राष्ट्रध्वज फहराया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की योग्यता की कसौटी को जांचना
हो तो उसके लिए सबसे अच्छा अवसर होता है, संकट के समय उसकी क्षमता
और योग्यता को माप लिया जाए। निर्णय लेन की क्षमता, कार्यपद्धति और धैर्य
की परीक्षा ही उसकी योग्यता की कसौटी के मानक बन सकते हैं। सामान्य
दिनों में तो कोई भी कुछ बोल सकता है, सफलता प्राप्त कर सकता है, मगर
पीएम मोदी ने हमेशा प्रतिकूल परिस्थति में दुनिया के सामने प्रतिमान स्थापित
किया है। कोराना महामारी के दौरान पीएम मोदी अकेले राजनेता थे जिन्होंने
परिणाम की चिंता किए बगैर पहले दिन से ही देश को मंत्र देने का कार्य किया।
दुनिया ने देखा कि भारत ने कैसे महामारी की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना
किया। जिस कोरोना से दुनिया परेशान थी और इस बात के लिए सशंकित थी
कि भारत का क्या होगा, वही भारत दुनिया को संजीवनी का डोज देने वाला देश
साबित हुआ।
मुख्यमंत्री ने इन्सेफलाइटिस बीमारी का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्वी यूपी में
गोरखपुर, बस्ती, देवी पाटन मंडल से लेकर सहारनपुर में हर साल जुलाई से
नवंबर माह तक इन्सेफलाइटिस से हजारों बच्चे काल के ग्रास बनते थे। उसकी
वैक्सीन जापान ने 1905 में ही बना ली थी, लेकिन भारत में लगभग 100 साल
के बाद 2006 में हमें वो वैक्सीन प्राप्त हुई। मगर कोरोना में हम सबने देखा
कि कैसे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मात्र 9 महीने में ही हम एक नहीं बल्कि दो-दो
वैक्सीन तैयार कर चुके थे। आज देश में 200 करोड़ वैक्सन की डोज लगायी जा
चुकी है। साथ ही दुनिया के 30 देशों को हम वक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं।
कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण, सबसे कम मृत्युदर, सबसे अच्छा प्रबंधन और
परिणाम दुनिया ने देखा है। संकट के समय योग्यता की कसौटी क्या होनी
चाहिए दुनिया के सामने हमारे प्रधानमंत्री ने अपने नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन
किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने गरीब जनता के जनधन अकाउंट खोले
तो वो लोग भी सवाल पूछ रहे थे जो अपने राज में एक रुपये में से 85 पैसा
खा जाते थे। अगर कोरोना काल में ये जनधन अकाउंट नहीं होते तो क्या लोगों
को डीबीटी के माध्यम से योजनाओं का लाभ और पैसा पारदर्शी ढंग से मिल
पाता। जनधन अकाउंट ने गरीब को स्ववलंबन के मार्ग पर बढने के लिए मंच
दिया है। यही नहीं 2 अक्टूबर 2014 को जब मोदी जी ने झाडू उठाकर स्वच्छ
भारत योजना अभियान शुरू किया तो लोगों में कौतुहल था। आज स्थिति
समझ में आ रही है। बीमारियां कम हुईं हैं। स्वच्छता अभियान को लोंगों ने
गंभीरता से लिया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के हर घर शौचालय, पीएम आवास योजना, उज्जवला
योजना, फ्री बिजली कनेक्शन, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, डिजिटल इंडिया,
मुद्रा योजना, फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजना, जीवन ज्योति योजना,
मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान को युगांतकारी
बताया। उन्होंने कहा कि ये सभी योजनाएं बिना किसी भेद भाव के साथ चल
रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये दिखा दिया है कि विरासत
को सम्मान कैसे दिया जाता है। आज हमारे योग को दुनियाभर में मान्यता
मिली हुई है। 21 जून को दुनिया के पौने दो सौ देश अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस
मनाते हैं। दुनियाभर में फैले भारतवंशी ये कहते हैं कि आज हमारी पहचान
मोदी जी के नाम से हो रही है। प्रधानमंत्री दुनिया में कहीं भी जाते हैं तो वहां
प्रवासी भारतीयों से मिलते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम हम सबके सामने है। महात्मा गांधी
ने 1916 में काशी में विश्वनाथ मंदिर को लेकर तीखी टिप्प्णियां की थी। गांधी
जी के नाम पर देश में लंबे समय तक सरकार चलाने वालों ने कभी इस ओर
ध्यान नहीं दिया। मगर मोदी जी ने काशी विश्वनाथ धाम दुनिया के सामने
प्रस्तुत कर दिया। यही नहीं अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के लिए 500
वर्ष में ना जाने कितनी पीढ़ियां गुजर गयीं, तरस गयीं। एक समय वो भी था
जब सोमनाथ मंदिर के पुनरोद्धार के रूप में राष्ट्रपति जाते हैं तो देश के प्रथम
प्रधानमंत्री उन्हें रोकते हैं और आज पीएम मोदी स्वयं अयोध्या पहुंचते हैं और
अपने कर कमलों से भव्य मंदिर निर्माण का शुभारंभ करते हैं।
एक वो प्रधानमंत्री थे जिन्हें अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति नहीं थी और
एक नरेन्द्र मोदी हैं जिन्होंने अपनी विरासत के साथ जुड़ कर पूरे भारत को एक
भारत को श्रेष्ठ भारत बनाने का संकल्प लिया हुआ है। आतंकवाद के साथ कैसे
लड़ा जाना चाहिए। भारत विरोधियों के साथ कैसे निपटना चाहिए इसका
उदाहरण सबके सामने है। कश्मीर में आतंकवाद के जड़ को सदैव के लिए
समाप्त करने में भी प्रधानमंत्री ने कोई गुरेज नहीं दिखायी। यही पीएम मोदी के
नेतृत्व की क्षमता है।
मोदी@20 में जिन महानुभावों ने अपने विचार दिये हैं उनमें इंटरनेशनल सोलर
एलाएंस के महानिदेशक अजय माथुर, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत
डोभाल, अमीष त्रिपाठी, अमित शाह, अनुपम खेर, अरविंद पनघड़िया, अशोक
गुलाटी, डॉ देवी शेट्टी, मनोज डडवास, नंदन नीलकेणी, नृपेन्द्र मिश्रा, प्रदीप गुप्ता,
पीवी सिंधू, सदगुरू जग्गी वासुदेव, डॉ समिका रवि, शोभना कॉमलेनी, सुधा मूर्ति,
सुरजीत भल्ला, एस जयशंकर, उदय कोटक, डॉ वी अनंनत नागेश्वरन शामिल हैं।
पुस्तक की प्रस्तावना लिखी है भारत रत्न लता मंगेश्कर ने।
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