रायबरेली, 6 सितंबर 2022
बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और बाल एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में नियमित टीकाकरण की अहम भूमिका होती है | नियमित टीकाकरण बच्चों को जहाँ 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता है वहीँ उनको सुपोषित भी बनाता है | बीमारी की जद में आने से पहले ही उससे बचाव कर लेने से जीवन, धन, समय और ऊर्जा की बचत होती है | यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह का |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि यदि बच्चा बार-बार बीमार होगा तो वह कुपोषण की जद में पहुँच जाएगा | इसलिए शीघ्र और छह माह तक केवल स्तनपान सहित अन्य हस्तक्षेपों के साथ बच्चे का नियमित टीकाकरण बहुत जरूरी है |
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अरुण वर्मा का कहना है कि वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी बनाते हैं जो संक्रमण से शरीर का बचाव करते हैं और संक्रामक रोगों से रक्षा करते हैं |
नियमित टीकाकरण से बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों- काली खांसी, गलघोंटू, खसरा, टिटेनस, टीबी, पोलियो, मेनिनजाइटिस, वायरल डायरिया, निमोनिया, रूबेला, हेपेटाइटिस और जापानी इंसेफेलाइटिस से बच्चों को बचाया जाता है | इसके अलावा गर्भवती को टिटेनस एवं वयस्क डिप्थीरिया(टीडी) का टीका लगाया जाता है |
जनपद में सात सितंबर से 15 अक्टूबर तक विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा जिसके माध्यम से बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा | टीकाकरण बुधवार और शनिवार को आयोजित सत्रों पर किया जाएगा |
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस.अस्थाना का कहना है कि टीका लगने के बाद बच्चे में कुछ विपरीत प्रभाव दिखाई दे सकते हैं जैसे हल्का बुखार या टीका लगने वाले स्थान पर दर्द लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है | यह अपने आप ही ठीक हो जाएगा | सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क टीकाकरण किया जाता है | जन्म के समय लगाए गए टीके के अलावा टीकाकरण सारणी के अनुसार बच्चों को पहले जन्मदिन तक चार बार टीकाकरण के लिए ले जाना चाहिए |
टीकाकरण हल्के बुखार, खांसी और दस्त में किया जा सकता है | तेज बुखार होने की स्थिति में नियमित टीकाकरण नहीं किया जाना चाहिए |
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