‼️*"बहुत ही प्यारी कविता"*‼️
*ऐ "सुख" तू कहाँ मिलता है*
*क्या तेरा कोई पक्का पता है* ‼️
*क्यों बन बैठा है अन्जाना*
*आखिर क्या है तेरा ठिकाना।*‼️
*कहाँ कहाँ ढूंढा तुझको*
*पर तू न कहीं मिला मुझको*‼️
*ढूंढा ऊँचे मकानों में*‼️
*बड़ी बड़ी दुकानों में*‼️
*स्वादिष्ट पकवानों में*‼️
*चोटी के धनवानों में*‼️
*वो भी तुझको ही ढूंढ रहे थे*‼️
*बल्कि मुझको ही पूछ रहे थे*‼️
*क्या आपको कुछ पता है*
*ये सुख आखिर कहाँ रहता है?*⁉️
*मेरे पास तो "दुःख" का पता था*‼️
*जो सुबह शाम अक्सर मिलता था*‼️
*परेशान होके शिकायत लिखवाई*‼️
*पर ये कोशिश भी काम न आई*‼️
*उम्र अब ढलान पे है*‼️
*हौसला अब थकान पे है*‼️
*हाँ उसकी तस्वीर है मेरे पास*‼️
*अब भी बची हुई है आस*‼️
*मैं भी हार नही मानूंगा*‼️
*सुख के रहस्य को जानूंगा*‼️
*बचपन में मिला करता था*‼️
*मेरे साथ रहा करता था*‼️
*पर जबसे मैं बड़ा हो गया*‼️
*मेरा सुख मुझसे जुदा हो गया।*‼️
*मैं फिर भी नही हुआ हताश*‼️
*जारी रखी उसकी तलाश*‼️
*एक दिन जब आवाज ये आई*‼️
*क्या मुझको ढूंढ रहा है भाई*‼️
*मैं तेरे अन्दर छुपा हुआ हूँ*‼️
*तेरे ही घर में बसा हुआ हूँ*‼️
*मेरा नहीं है कुछ भी "मोल"*‼️
*सिक्कों में मुझको न तोल*‼️
*मैं बच्चों की मुस्कानों में हूँ*‼️
*पत्नी के साथ चाय पीने में*‼️
*"परिवार" के संग जीने में*‼️
*माँ बाप के आशीर्वाद में*‼️
*रसोई घर के पकवानों में*‼️
*बच्चों की सफलता में हूँ*‼️
*माँ की निश्छल ममता में हूँ*‼️
*हर पल तेरे संग रहता हूँ*‼️
*और अक्सर तुझसे कहता हूँ*‼️
*मैं तो हूँ बस एक "अहसास"*‼️
*बंद कर दे तू मेरी तलाश*‼️
*जो मिला उसी में कर "संतोष"*‼️
*आज को जी ले कल की न सोच*‼️
*कल के लिए आज को न खोना*‼️
*मेरे लिए कभी दुखी न होना*‼️
*मेरे लिए कभी दुखी न होना*
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