जबतक दुनिया से नहीं होता पोलियो का अंत, हमें सचेत रहना होगा : योगी
आदित्यनाथ
यूपी में शुरू हुआ पल्स पोलियो अभियान
मुख्यमंत्री योगी ने 10 बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाकर की अभियान की
शुरुआत
अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा दुनिया के कई देशों में अभी भी मिल रहे
संक्रमित
पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों में बचा है पोलियो संक्रमण, इसलिए हमें
सतर्क रहना होगा
पहले चरण में यूपी में 77 हजार बूथों पर नौनिहालों को पिलायी जाएगी
पोलियो ड्रॉप्स
यूपी में पिछले 12 साल से नहीं मिला पोलियो का एक भी संक्रमित मरीज
सामूहिक प्रयास, विभागीय समन्यव और क्लोज मॉनीटरिंग से हार जाता है बड़े
से बड़ा रोग
लखनऊ, 18 सितंबर।
उत्तर प्रदेश में पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने रविवार को किया। अभियान में प्रदेश के 50 जनपदों के 2.27
करोड़ बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलायी जाएंगी। इसमें पहले दिन 77 हजार बूथों
पर, जबकि दूसरे दिन से छठे दिन तक 15 हजार पर्यवेक्षकों के नेतृत्व में 48
हजार टीमें घर घर जाकर 5 साल तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाएंगे।
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में 10 बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स
पिलाकर अभियान की शुरुआत करने के बाद सीएम ने कहा कि जबतक दुनिया
से इस खतरनाक संक्रामक बीमारी का अंत नहीं हो जाता हमें सतर्क रहना होगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों में आज भी पोलियो का
संक्रमण मौजूद होने के कारण हमारे देश के लिए भी खतरा मौजूद है, इसलिए
हमें सतर्क रहने के साथ ही इस बीमारी के खिलाफ सामूहिक प्रयास करते रहने
होंगे। मुख्यमंत्री ने पल्स पोलियो अभियान में विभिन्न धर्म गुरुओं और सामाजिक
संगठनों को भी जोड़ने की बात कही है।
12 साल से यूपी में नहीं मिला पोलियो संक्रमित
मुख्मयंत्री ने कहा कि पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन जब
सामूहिक रूप से प्रयास होते हैं तो उसका भी हम समाधान निकाल देते हैं। पल्स
पोलियो अभियान देश के अंदर उसी सामूहिक ताकत का अहसास कराता है। हमें
याद है कि इसके लिए गांव गांव में बूथ लगाने और अवेयरनेस के बृहद कार्यक्रम
को साथ में लेकर तमाम संगठनों ने सहभागी बनकर इसे सफल बनाया, उसके
परिणाम आज हमारे सामने हैं। 12 साल से यूपी में कोई भी पोलियो से संबंधित
मामला देखने को नहीं मिला है।
हमने इंसेफेलाइटिस, कालाजार, मलेरिया पर भी प्रभावी नियंत्रण लगाया है
सीएम ने कहा कि आज 135 करोड़ लोग पोलियो जैसी संक्रामक बीमारी
से मुक्त हुए हैं। मगर, संक्रामक होने के कारण ये बीमारी आसानी से एक जगह से
दूसरी जगह संक्रमित हो सकती है, इसलिए दुनिया के कुछ ऐसे चुनिंदा देश बचे
हैं, जहां इसपर नियंत्रण नहीं हुआ है। इस सतर्कता के लिए प्रतिवर्ष पोलियो
उन्मूलन के लिए अभियान शासन स्तर पर संचालित हो रहा है। दो बूंद पोलियो
ड्रॉप पिलाने से बच्चे को स्वस्थ रखा जा सकता है। छोटी सी लापरवाही भी किसी
बच्चे को शारीरिक रूप से दिव्यांग बना सकती है। ये एक राष्ट्रीय क्षति है। हमने
एक दशक पहले इस बीमारी के साथ ही इंसेफेलाइटिस, कालाजार, मलेरिया पर
भी प्रभावी नियंत्रण लगाया है।
उपचार से महत्वपूर्ण बचाव होता है
सीएम योगी ने कहा कि उपचार से महत्वपूर्ण बचाव होता है अगर
प्रारंभिक स्तर पर ही हमने इसके लिए उचित कदम उठा लिए तो हम बड़ी
जनहानि को रोक सकते हैं। इन्सेफलाइटिस की सफलता की कहानी इस दिशा में
यूपी के सफलतम मॉडल के रूप में सबका ध्यान आकर्षित करती है। इसके
अलावा हमारे देश ने कोरोना प्रबंधन का अपना मॉडल दुनिया के सामने रखा।
जहां हमने 200 करोड़ वैक्सीन डोज सबको फ्री में दी है। यूपी में अबतक 38
करोड वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। इसके अलावा तीन करोड़ से अधिक
प्रिकॉशन डोज हम यूपी में देने में सफल हुए।
ये वर्तमान और भविष्य को बचाने के लिए राष्ट्रीय अभियान है
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि ये वर्तमान और
भविष्य को बचाने के लिए राष्ट्रीय अभियान है। हमें इसे सफल बनाने के लिए
सामूहिक प्रयास करने होंगे। कोई बच्चा छूटने ना पाए, ये हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य
होना चाहिए क्योंकि स्वस्थ्य समाज ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।
इंसेफेलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण लगाने में हुए कामयाब
मुख्यमंत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में हर साल कहर मचाने वाले इंसेफेलाइटिस
रोग का उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने पिछले 30 साल तक देखा है कि कैसे
मध्य जुलाई से मध्य नवंबर तक इंसेफेलाइटिस का प्रकोप बच्चों के लिए कहर
बनता था। अभी मैं पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर था। गोरखपुर में मैने
इंसेफेलाइटिस की वर्तमान स्थिति के बारे में अधिकारियों से पूछा। आप आश्चर्य
करेंगे कि इस सीजन में अबतक 40 मरीज आए हैं इसमें जापानी इंसेफेलाइटिस
के 7 हैं और एक्यूट इंसेफेलाइटिस के 33 मरीज हैं। ये बिल्कुल जीरो वाली
स्थिति है, जोकि सामूहिक ताकत का परिणाम है। ऐसा नहीं है कि हमने इसके
लिए कोई अलग से धन का प्रावधान किया हो। ये मौजूदा संसाधन,
अंतरविभागीय समन्यव, क्लोज मॉनीटरिंग, कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू
करने का परिणाम है जो आज हम सबके सामने है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री बृजेश पाठक, विभाग के राज्य मंत्री
मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र मौजूद रहे।
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पल्स पोलियो से जुड़ी प्रमुख बातें
- 27 मार्च 2014 को भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया गया
- उत्तर प्रदेश में पोलियो का अंतिम केस 21 अप्रैल 2010 को फिरोजाबाद में
मिला था
- दुनिया के दो देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आज भी पोलियो वायरस
मौजूद है
- यूपी में 18 सितंबर से एक हफ्ते का पल्स पोलियो अभियान शुरू हुआ है
- प्रदेश के 50 जिलों में 2.27 करोड़ बच्चों को पिलायी जाएंगी पोलियो की
खुराक
- अभियान के पहले दिन 77 हजार बूथों पर पिलायी जाएंगी पोलियो ड्रॉप्स
- दूसरे से छठे दिन तक 48 हजार टीमें घर घर जाकर पिलाएगी पोलियो ड्रॉप्स
- 4300 ट्रांजिट टीमें और 1300 मोबाइल टीमें भी की गयी हैं सक्रिय
- बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और ईंट भट्ठों पर भी बच्चों को दी जाएंगी पोलियो की
खुराक
- प्रदेश में 40 हजार से ज्यादा घुमंतू प्रजाती वाले क्षेत्रों में 9.59 लाख परिवारों
को किया गया चिह्नित
- भारत नेपाल सीमा पर स्थित जनपदों में विशेष निगरानी, यहां साल भर
चलेगा अभियान
- अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सोमालिया, पाकिस्तान, कीनिया, सीरिया,
इथोपिया और कैमरून से आने वाले यात्रियों पर नजर रखने के निर्देश
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