खादी वस्त्रों के मांग की अनुसार उत्पादन बढ़ाया जाय
विभागीय अधिकारी खादी समितियों के साथ नियमित बैठक कर उत्पादन बढ़ाने हेतु उन्हें प्रोत्साहित करें
-श्री राकेश सचान
खादी मंत्री ने 15 दिन के अंदर खादी उत्पादन बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये
लखनऊ: 02 सितम्बर 2022
उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री राकेश सचान ने कहा कि प्रदेश में खादी वस्त्रों के मांग की तुलना में उत्पादन कम है। विगत वर्षों से प्रदेश में खादी वस्त्रों के प्रति लोगों का रूझान काफी तेजी से बढ़ा है। प्रदेश में संचालित सभी खादी संस्थाओं में उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाय। खादी समितियों के साथ बोर्ड के अधिकारी नियमित बैठक कर उत्पादन बढ़ाने हेतु उन्हें प्रोत्साहित करें। उन्होंने अधिकारियां को 15 दिन के अंदर खादी उत्पादन मांग के अनुरूप बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
श्री सचान आज डालीबाग स्थित खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड कार्यालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके अपर मुख्य सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग श्री अमित मोहन प्रसाद भी मौजूद थे। श्री सचान ने कहा कि खादी बोर्ड द्वारा 100 दिने के लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया है। आगामी छः माह के लिए निर्धारित लक्ष्य को भी हर हाल में प्राप्त किया जाना है। उन्होंने निर्देश दिए कि बोर्ड के अंतर्गत प्रदेश में जितनी परियोजनाएं निर्माणाधीन है, उनको निर्धारित समय सीमा में पूर्ण कराया जाय। निर्माण कार्य समय से पूर्ण न करने वाली संस्थाओं पर अर्थदण्ड लगाया जायेगा।
श्री सचान ने खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, पं0 दीन दयाल खादी विपणन सहायता, माटीकला रोजगार योजना तथा भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की गहन समीक्षा की और प्रत्येक योजना में निर्धारित वार्षिक लक्ष्य को प्राप्त करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टूलकिट वितरण योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के चयन की कार्यवाही शीघ्र पूरी कर टूलकिट का वितरण सुनिश्चित कराया जाय। इसके साथ ही जो लाभार्थी अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए ऋण लेने चाहते है, उनकी सहायता कर उनको बैंकों से ऋण दिलाया जाय। उन्होंने कहा कि माटीकला कारीगरों की सुविधा के लिए चार जिलों में माइक्रो फैसेलिटी सेंटर स्थापित कराये गये। अन्य जनपदों में भी इन सुविधा केन्द्रों की स्थापना हेतु ठोस रणनीति के तहत कार्य किया जाय। साथ ही योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया जाय।
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