गांव आत्मनिर्भर होगा तो बापू का सपना साकार होगाः योगी
स्मार्ट ग्राम पंचायत की राष्ट्रीय कार्यशाला का सीएम ने किया उद्घाटन
4 अवधारणाओं का मूलमंत्र दिया
स्ट्रीट लाइट से जगमगाते हैं सारे गांव
डबल इंजन की सरकार ने इंसेफेलाइटिस से होने वाली मृत्यु दर को शून्य तक
पहुंचाया
लखनऊ। 15 सितंबर।
भारत को पीएम मोदी के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करना है तो
इसकी नींव को आत्मनिर्भर बनाना होगा। भारत की आत्मा गांवों में निवास
करती है। गांव आत्मनिर्भर होगा तो बापू के सपने को साकार करने में मदद
मिलेगी। उन्होंने ग्राम स्वराज की परिकल्पना की थी, जो आत्मनिर्भर गांव की ही
की थी। आत्मनिर्भर गांव ही स्मार्ट गांव की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में काफी प्रयास किए हैं।
ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। वे गुरुवार को इंदिरा गांधी
प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय स्मार्ट ग्राम पंचायत राष्ट्रीय कार्यशाला के
शुभारंभ पर बतौर मुख्य अतिथि अपनी बात रख रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास सब कुछ मौजूद है। थोड़े से प्रयास की
आवश्यकता है। देश में ढाई लाख व 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतें यूपी में हैं।
इनके अनुपात में 23 फीसदी यूपी में हैं। पीएम ने देश की अर्थव्यवस्था को 5
ट्रिलियन डालर बनाने का संकल्प लिया है। स्वाभाविक रूप में इसमें प्रदेशों का
भी भूमिका होगी। यूपी शासन ने यहां की अर्थव्यवस्था को 5 साल में 1 ट्रिलियन
डालर की इकोनॉमी के रूप में बदलने की कार्ययोजना को बढ़ाया है। यह तभी
संभव है, जब ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर होंगी।
ग्राम पंचायतों में संभावनाएं हैं। तकनीक का उपयोग कर गांव को स्मार्ट
बनाकर आत्मनिर्भरता का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। जीडीपी में एक प्रतिशत से
अधिक की बढ़ोतरी करनी है तो हाईस्पीड इंटरनेट व वाईफाई की सुविधा ग्राम
पंचायत में बढ़ानी होगी। इसे 10 प्रतिशत बढ़ा दें तो 1.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी
होती है। यूपी के गांवों में इंटरनेट व वाईफाई की सुविधा अभी 32-33 फीसदी
है। इसका उपयोग 85-90 फीसदी करेंगे तो यूपी की जीडीपी में 7-8 फीसदी की
बढ़ोतरी होगी। इससे यूपी आसानी से लक्ष्य हासिल करने में सक्षम होगा।
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हेल्थ एटीएम से 5 मिनट में करा रहे 55 जांचें
ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 4600 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2017 से पहले
चिकित्सक नहीं थे। आयुष के साथ जोड़कर चिकित्सकों की उपलब्धता कराई।
2020 में हर रविवार को 4-6 विशेषज्ञ चिकित्सक वहां जाएं। फिर मुख्यमंत्री
आरोग्य मेला लगाया। हर रविवार को प्रदेश के 3-4 लाख लोग जाकर स्वास्थ्य
सुविधा का लाभ लेते थे। फिर हेल्थ एटीएम का कॉन्सेप्ट आया। हेल्थ एटीएम से
5 मिनट में 55 जांचें करा सकते हैं। टेलीकंसल्टेशन के माध्यम में डॉक्टरी
परामर्श ले सकते हैं। कहीं-कहीं तो हेल्थ एटीएम से दवा भी मिल रही है। घर
बैठे-बैठे यह सुविधा मिल सकती है। पहले चरण में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों
को हेल्थ एटीएम से जोड़ रहे हैं। सीएसआर से हेल्थ एटीएम लगने जा रहे हैं।
उद्योगों की भी सहभागिता सुनिश्चित हो रही है।
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24 हजार गांवों में ग्राम सचिवालय बन चुका
58 हजार में से 24 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय
बन चुका है। 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक (कंप्यूटर
ऑपरेटर) तैनात किया गया है। बीसी सखी की सुविधा दी गई है। इनमें से 33
हजार ने जॉइन किया है। एक वर्ष में 5500 करोड़ का लेनदेन व साढ़े 14 सौ
करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया। एक सखी ने तो एक वर्ष में 3 लाख रुपये शुद्ध
मुनाफा कमाया। कुछ ग्राम पंचायतें 243 सेवाएं दे रहीं, कुछ शीघ्र देना प्रारंभ
करेंगी। हर के पास आवास, शौचालय हो। रात में हर ग्राम पंचायत एलईडी
स्ट्रीट लाइट से जगमगाता है। किसी गांव में खुले में शौच नहीं किया जाता।
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पूर्वी यूपी में यह सीजन पहले खौफ का होता था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी यूपी में पहले यह सीजन
खौफ का होता था। जापानी इंसेफेलाइटिस से बहुत जान जाती थी। पहले
प्रतिवर्ष 1200 से 1500 मौत होती थी। 40 वर्ष में 50 हजार बच्चों ने जान
गंवाई। जेई-एईएस के इस वर्ष सिर्फ 40 मरीज आए। 7 सिर्फ जेई के थे। मौत
शून्य थी। हर वर्ष गोरखपुर जिले में 500-600 मौतें होती थीं। 5 वर्ष में प्रयास ने
जमीनी धरातल पर काम दिखाना प्रारंभ कर दिया। एक से 15 वर्ष के बच्चे चपेट
में आते थे। लोगों में भय था पर डबल इंजन की सरकार के प्रयास से जेई से होने
वाली मौत दर को शून्य तक पहुंचाने में सफलता पाई। इस बीमारी से बचे बच्चे
आज देश व समाज के लिए अपनी ऊर्जा का लाभ दे पाएंगे। यह भी स्मार्ट
पंचायत का नमूना है।
अमृत सरोवर गांव के जलस्तर को ऊंचा करने में मददगार
अमृत सरोवर आजादी के अमृत महोत्सव से तो जोड़ता है और गांव के
जलस्तर को ऊंचा करने में मदद करेगा। गांव की आमदनी का माध्यम बनाकर
इसे मत्स्य पालन से जोड़ सकते हैं। अतिरिक्त भूमि का प्रयोग कॉमर्शियल उपयोग
कर सकते हैं। हर घऱ नल योजना लागू हो रही है, लेकिन इसके लिए ग्राम
पंचायतों को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। आधी से अधिक बीमारी का समाधान
स्वच्छ जल कर देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्नत नस्ल के गोवंश के माध्यम से 2019 में झांसी
के महिला स्वयंसेवी समूह बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर ने 2021-22 में साढ़े 14
करोड़ लाभ कमाया। ग्राम पंचायत की भूमि गोआश्रय स्थल, नेचुरल फॉर्मिंग,
बायोफ्यूल, सोलर एनर्जी आदि के साथ जोड़कर अच्छा कार्य कर सकती है।
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चार अवधारणाओं का दिया मंत्र
1- ढांचागत विकास व सुविधाओं को ग्राम पंचायत तक पहुंचानाः पेयजल,
स्वच्छता, बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प के जरिए
स्कूलों का जीर्णोद्धार, बालक बालिकाओं को अलग टायलेट, स्मार्ट क्लास,
लाइब्रेरी, खेल मैदान की सुविधा दी गई। इसमें जनभागीदारी है। पुरातन छात्र
परिषद को जोड़ना पड़ेगा। ग्राम सचिवालय में कंप्यूटर, वाईफाई, पंचायत
सहायक की सुविधा उपलब्ध कराई गई। अब उन्हें अधिकांश सुविधाएं गांवों में
ही मिल सकती है। इसके लिए सरकार सभी ग्राम पंचायतों में सुविधा बढ़ा रही
है।
2- कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लानाः जनसहभागिता के माध्यम से वार्षिकी
कार्ययोजना बनाना। जीपीडीपी तैयार करना, भारत सरकार के ई स्वराज पोर्टल
पर अपलोड करना।पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से वेंडर को
ऑनलाइन भुगतान करना।
3- जनशिकायतों का त्वरित निस्तारण व सर्विस डिलिवरी मजबूत करने के
लिए पंचायत सहायक को बीएलई के रुप में पंजीकृत करने का निर्णय। ग्राम
पंचायतों को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में इस सुविधा से जोड़ना। सरकार ने यह
कार्रवाई बढ़ा दी है। खसरा-खतौनी, छात्रवृत्ति, पेंशन, बिल भुगतान, जन्म-मृत्यृ
प्रमाण पत्र को इससे जोड़ सकते हैं।
4- ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन सर्विस की बाधा रहित ऑनलाइन शिक्षा,
टेलीमेडिसिन, ई-शिक्षा, ई-कॉमर्स की कार्रवाई को बढ़ाना।
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