वाराणसी, संवाददाता। बालू खनन टेंडर का कमीशन न देने पर धमकी देने और साक्ष्य मिटाने के आरोपित पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत गुरुवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपी-एमएलए कोर्ट उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने खारिज कर दी। अदालत में अभियोजन की ओर से एपीओ राघवेंद्र सिंह ने पक्ष रखा।

गोदौलिया निवासी अरविंद कुमार तिवारी ने 30 जून 2018 को दशाश्वमेध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि नौ जून को उसके मोबाइल पर फोन आया था। फोन करने वाले ने स्वयं को गायत्री प्रजापति बताया। वर्ष 2014 के बालू खनन के टेंडर का कमीशन मांगने लगा। अरविंद ने जब कहा कि उसका टेंडर उसी समय रद हो गया था, टेंडर से सम्बंधित कोई कार्य ही जब नहीं हुआ तो कहां से कमीशन दूंगा। इस पर फोन करने वाले व्यक्ति ने टेंडर का कमीशन न देने पर धमकी देने लगा। मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत कई लोग के आरोपित बनाया था। आरोपित पूर्व मंत्री की ओर से मामले में कोर्ट में जमानत अर्जी दी गई। कहा गया कि घटना के समय आरोपित लखनऊ जेल में निरुद्ध थे। राजनैतिक प्रतिद्वंदिता से उन्हें आरोपित बनाया गया है। जिस सिम से धमकी दी गई, वह भी बरामद नहीं हो पाई। कोर्ट ने दोनों पक्ष को सुनने और पत्रावली के अवलोकन के बाद आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने