त्यौहार में करे मिठाईयों से परहेज- जाने क्यों?जाने कृतिम आंख विशेसज्ञ डॉ सुमित्रा से
डॉ सुमित्रा अग्रवाल
कृतिम आंख विशेसज्ञ (दो दसको से )
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त्योहारों का समय है, मिठाईयाँ सबका मन मोह लेती है। घर की स्त्रियाँ, चाहे वह माताएँ हो या बहने सब तीज, विरफुली, राखी, जन्मस्टमी, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी ,दिवाली में रंग बिरंगे कपड़े पहन कर पूजा की थाली में नाना प्रकार के पकवान सजाती हैं। गुलाब जामुन, सेवई, खीर, बर्फी, पेड़ा, घेवर, चक्की देखकर भला कौन ख़ुद को रोक पायेगा? मित्रता या मैत्री भाव का सम्बन्ध मीठा से है, तभी तो हम अपने प्रियजन से मिलने जाते हैं तो मीठा लेकर जाते हैं। आपको जान कर आश्चर्य होगा की खाना और खाने का स्वाद सिर्फ़ हमारे जीभ को होता है। खाना नमकीन हैं या मीठा, मिर्च हैं या खट्टा इसका अनुभव न हमारे पेट कर पता है, न हमारी आते। जो हमारी जीभ को स्वाद देता हैं वह भोजन हमारी आंतो को इरिटेट करता हैं। मीठा एक प्रमुख स्वाद हैं तभी तो दुनिया भर में मिठाईयों की इतनी दुकाने हैं और मिठाईयों का व्यापर इतना विस्तारित है। मीठा खाना अपने आप में कई समस्याओं को न्योता देना है। भारत डायबिटीज में अभी नंबर 2 पर हैं विश्व में, पंजाब और चंडीगढ़ डायबिटीज में पूरे भारत में सबसे आगे है। विश्व स्तर पर हर 6 डायबिटिक में 1 डायबिटिक व्यक्ति भारत का है। डायबिटीज के बढ़ने का कारण हमारा लाइफस्टाइल हैं, हमारा खान पान और हमारी कल्चरल हैबिट्स। हम आँखों के अंदर बने एक परदे की वज़ह से कुछ भी देख पाने में सक्षम हैं। इस परदे को रेटिना कहते हैं। इस रेटिना में पतली- पतली कोशिकाएँ हैं जो की डायबिटीज के कारण सबसे ज़्यादा नुक़सान झेलती हैं, एक उदहारण से बताती हूं, एक ग्लास पानी लीजिये एक चम्मच से उसका घनत्व देख लीजिये। अब धीरे- धीरे इस पानी मे 5 चम्मच चीनी डाल दीजिये और मिला दीजिये, जब सारा चीनी घुल जाए तब चम्मच से पानी को उठाये और वापस ग्लास में डाले, पानी का घनत्वा बढ़ जायेगा, अब और चीनी डालिये, एक समय के बाद और चीनी घुल नहीं पायेगा और नीचे जमना चालू हो जायेगा। अब इसी बात को शरीर के अंदर समझते हैं, मान लीजिये किसी को डायबिटीज हैं तो रक्त का घनत्व बढ़ने लगेगा, जब शुगर कंट्रोल नहीं हुआ तब एक समय के बाद ये चीनी ब्लड में और घुल नहीं पायेगी और सौलिड फॉर्म मे रह जाएगी, जगह जगह शुगर जमा होने लगेग। जिन जगहों पर एक ही ब्लड चैनल हैं ब्लड पहुँचने के लिए और ब्लड पहुंच नहीं पा रही है, आगे ब्लड के जाने का रास्ता बाँध हो जाता है। जिन जगहों को एक से ज़्यादा कोशिकाएँ ब्लड पौहचाती हैं वहाँ दिक्कत कम आती हैं, पर जिन जगहों पर सिर्फ़ एक ही ब्लड सप्लाई है, वह ब्लड सप्लाई रुकने से ब्रेन एक विकल्प खोजता है और ये ज़रूरी नहीं की वह विकल्प शरीर के हित में हो। हमारी आँख के रेटिना में जिससे हम देखते हैं उसमे एक ही ब्लड सप्लाई होती हैं, अब शुगर डिपाजिट होने से ब्लड आगे नहीं जा पता तो जिन जगहों पर ब्लड नै पहुँचता हैं उन जगहों के सेल्स ब्लड के आभाव मेह मरने लगते हैं। अब ब्रेन इस समस्या के सलूशन के लिए वह नए ब्लड सप्लाई के कोशिकाएँ बनाता है। ब्लड हमारी शरीर के लिए माँ हैं वह तुरंत वह पहुँचने की कोशिश करती है जहाँ ब्लड नहीं पहुँच पा रहा थ। नए बने हुए कोशिकाएँ कमजोर होती हैं और गधा ब्लड जब उन पतले कोशिकाओ से जाने की कोशिश करता है तो ये कोशिकाएँ फैट जाती है और आँख क अंदर ब्लड लीकेज होता है। ब्लड पर दरसे नहीं है, तो जिन जगहों पैर ये ब्लड गिरता है उन जगहों से दृस्टी ख़तम हो जाती हैं। इसका अर्थ ये हुआ की डायबिटीज में आँखों की रौशनी जा सकती है। ये जो डायबिटीज का कम्प्लीकेशन हैं इसे हम डिले कर सकते हैं सामान्य तरीको से। आए तीज त्यौहारोंके इस मौसम में हम संकल्प करे की पल भर की ख़ुशी के लिए हम अपने प्रियजन को डायबिटीज या उससे जुड़े अंधेपन की ओर नहीं धकेलेंग। नियमित रूप से शुगर टेस्ट कराये, डॉक्टर की परामर्श अनुसार दवाये खाये, मॉर्निंग वाक करे, हर 2 घंटे मेह कुछ खाये, अपने वज़न को नियंत्रण में रखखे, डायबिटीज में शुगर के फ्लक्चुएशन से बार- बार चश्मे का नंबर बदलता हैं उस से चेक कराये और उचित चस्मा पहनें, जैसा की मैंने बताया की शुगर डिपॉजिट्स होता हैं और ब्लड सप्लाई की दिक्कत आती है ये बात हमारी हातो की अंगुलियों और पैरो की उंगलियों पर भी लागू हैं- तो पैरो और हाथो की अंगुलियों की जांच रोज़ करे की उनमे कोई समस्या तो नहीं हो रही। अंगुलियों के टिप्स को रोज़ दबाये ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने के लिए, पैर के toes को भी रोज़ मसाज करे, व दबाये। मूल उद्देश्य ये करने का है कि ब्लड में शुगर बढ़ने से हार्ट पर भी लोड पड़ता है दूर तक ब्लड पहुँचने में, कई बार बॉडी के एन्ड पॉइंट्स तक ब्लड सप्लाई में कमी आती है और कई बार शुगर डिपाजिट होने से इन जगह पर सेंसेशन की कमी आ जाती है। ये शुगर को बहार निकलने में भी किडनी पे दबाव पड़ता है।
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