खुटहन। ईश्वर का जीवंत स्वरूप है पर्यावरण – वेदनिधि महाराज
कम्मरपुर में चल रहा श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ
जौनपुर,खुटहन। धरती के प्रति राजा पृथु ने पर्यावरण को ईश्वर का जीवंत स्वरूप मान इसके संरक्षण को लेकर किए गए कल्याणकारी कार्यों के चलते ही धरती का नाम पृथ्वी रखा गया। हर व्यक्ति का कर्तव्य बनता है कि वह धरती को हरा भरा बनाए। उक्त बातें कम्मरपुर गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के व्यासपीठ से बोलते हुए प्रख्यात कथावाचक आचार्य वेदनिधि महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते कही। उन्होंने कहा आज संपूर्ण विश्व पर्यावरण को लेकर चिंतित है। संसार की सबसे प्राचीनतम ग्रंथ वेदों में भी पर्यावरण को लेकर लोगों को प्रेरित किया गया है। वृक्ष और बेटे को समान महत्व दिया गया है। कार्यक्रम के आयोजक जटाशंकर पांडेय ने बताया कि 2 सितंबर से प्रारंभ श्रीमद् भागवत कथा का समापन 8 सितंबर को होगा। मुख्य यजमान गौरी शंकर पांडेय ने आगुन्तकों के प्रति आभार प्रकट किया। इस मौके पर राष्ट्रपति से पुरस्कृत शिक्षक कृष्णदेव दुबे, पूर्व थानाध्यक्ष सत्यनारायण तिवारी, डॉ श्रीपाल पांडेय, रामानंद पांडेय ,काशीनाथ तिवारी, मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडे आदि मौजूद रहे।
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