नालों के पानी को सिंचाई के उपयोग में लाएगी योगी सरकार


प्रदेश के 848 नालों की मॉनीटरिंग की जाएगी


हर नाले की मॉनीटरिंग करेगी 5 सदस्यीय कमेटी


नालों के आसपास रहने वाले व समाज के लोगों को बनाया जाएगा सदस्य


लखनऊ। 7 सितम्बर। खुशहाल हो किसान, मुस्कुराएगा प्रदेश और हिंदुस्तान।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इसी अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए

सरकार नालों के पानी को सिंचाई योग्य बनाने की अभिनव योजना बना रही है।

राज्य सरकार इस योजना को जल्द जमीन पर उतारने की तैयारी कर रही है।

नमामि गंगे के इंजीनियरों को खाका तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। नदियों

में गिरने वाले नालों के पानी को शोधित (ट्रीट) कर सिंचाई के उपयोग में लाया

जा सके, ऐसी तैयारी की जा रही है। इससे नदियों को भी प्रदूषित होने से

बचाया जा सकेगा। नालों के पानी को नदियों में गिरने से पहले संयंत्रों के

माध्यम से ट्रीट कर जल स्वच्छ कर पानी को सिंचाई में इस्तेमाल किया

जायेगा।

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848 नालों की हो सकेगी मॉनीटरिंग

योजना के तहत नदियों में गिरने वाले नालों को रोक कर उनके दूषित पानी को

ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए शोधित किया जाएगा। इससे न केवल सिंचन क्षेत्र का

विस्तार होगा, बल्कि नदियों को प्रदूषित होने से भी बचाया जा सकेगा। इसके

जरिए कम लागत में सिंचाई की व्यवस्था भी होगी। प्रयोग के तौर पर इस


योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। इस नालों के आसपास की कृषि भूमि

को जल मिलेगा, जिससे सिंचाई में प्रयुक्त जल का भी संरक्षण हो सकेगा। प्रदेश

में बहने वाले 848 नालों की मॉनीटरिंग की जाएगी। हर नाले की निगरानी के

लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनेगी। नालों के आसपास रहने और समाज से जुड़े

लोगों को कमेटी का सदस्य बनाया जाएगा। सरकार की सोच है कि आसपास के

लोगों की नजर रहेगी तो इसकी मॉनीटरिंग भी ठीक से होगी।

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सभी एसटीपी संचालन की होगी जांच

नमामि गंगे विभाग प्रदेश के सभी एसटीपी( सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) संचालन की

जांच भी करेगा। जल संरक्षण और जल संवर्धन की दिशा में नए प्रयोग किए

जाएंगे। सीसीटीवी (क्लोज सर्किट टीवी) से गंगा की निगरानी की योजना को

जमीन पर उतारने और हर एसटीपी की कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी की

योजना भी इस माह से तैयार होगी। उत्तर प्रदेश में नमामि गंगे की संचालित

परियोजनाओं से नदियों की स्वच्छता में अभूतपूर्व परिवर्तन आए हैं।

वर्जन

गंगा समेत प्रदेश की छोटी-बड़ी सभी नदियों को अविरल और निर्मल करने के

लिए योगी सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। नालों के पानी को नदियों

में गिरने से रोक कर उसका उपयोग सिंचाई में करने की योजना तैयार करने के

निर्देश दिए हैं। नदियों को स्वच्छ बनाने के साथ ही किसानो के लिए भी ये

उपयोगी होगी। गंगा से जुड़े सभी एसटीपी के संचालन की भी ऑनलाइन

निगरानी भी की जाएगी।

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