राम राज्य की आधारशिला को मजबूत करने की प्रथम भूमि है कर्नाटक :
सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेंगलुरु में श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर इंस्टीट्यूट
ऑफ नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंस क्षेमवन (यूनिट) का किया उद्घाटन
सीएम योगी ने कहा- संकट का साथी है कर्नाटक
नेचुरोपैथी में डिग्री लिए कर्नाटक के छात्रों का प्रतिवेदन हम स्वीकार करेंगे-
सीएम
1 सितंबर, बेंगलुरु।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बेंगलुरु में श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर
इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंस क्षेमवन (यूनिट) का उद्घाटन
किया। इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कर्नाटक को संकट का
साथी बताया। कहा कि प्रभु श्रीराम जब कर्नाटक के वनों में सहयोग के लिए
भटक रहे थे तो बजरंगबली मारुतिनंदन हनुमान जी उनकी सहायता के लिए
आगे आए थे। हनुमान जी की सहायता से उस समय जो मजबूत सेतु बंध का
निर्माण हुआ था, वह भारत में रामराज्य की स्थापना का आधार बना। राम
राज्य आधारशिला को मजबूत करने की प्रथम भूमि कर्नाटक है।
सीएम योगी ने भगवान श्री मंजूनाथ परंपरा को नाथ सम्प्रदाय से जोड़ते हुए
कहा कि यह मंजूनाथम गोरक्षम की परंपरा को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि
कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का बहुत घनिष्ठ सम्बंध है। कर्नाटक की परम्परा में
नाथ सम्प्रदाय की शैव परम्परा सुदृढ़ आध्यात्मिक भाव के साथ एक दूसरे को
जोड़ते हैं। सीएम योगी ने कहा कि वीरेंद्र हेगड़े धर्माधिकारी के रूप में भारत की
ट्रेडिशनल मेडिसिन को योग और नेचुरोपैथी के माध्यम से दशकों पूर्व से शांति,
सौम्य और अब बेंगलुरु में क्षेमवन के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि बेंगलुरु को आईटी और बायोटेक्नोलॉजी का हब माना
जाता है। अब यह तेजी के साथ ट्रेडिशनल मेडिसिन के हब के रूप में दुनिया
का मार्गदर्शन करता दिखाई दे रहा है। खासतौर पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन यूएस डॉलर बनाने की ओर अग्रसर हैं,
तब हमें अपनी कार्यपद्धति में टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ते हुए प्रोफेशनलिज्म
लाना होगा। प्रधानमंत्री मोदी के अभियान का हिस्सा बनने के लिए सरकार और
पब्लिक को साथ मिलकर प्रयास करना होगा। सभी सामाजिक, धार्मिक,
आध्यात्मिक और अन्य संस्थान जब इस अभियान के साथ जुड़ेंगे तो इसके
परिणाम उसी रूप में आते हुए दिखाई देंगे।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारत को मज़बूत अर्थव्यवस्था के रूप
में उभारने के लिए संकल्पित हैं। इसे देखते हुए देश में धर्मस्थलों की भूमिका
भी महत्वपूर्ण हो जाती है। इसके लिए ही विश्व योग दिवस पर प्रधानमंत्री ने
मैसूर में आकर योग दिवस का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हम उत्तर प्रदेश
के गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय बना रहे हैं।
कर्नाटक के जिन छात्रों ने नेचुरोपैथी में डिग्री ली है, उन्हें अगर यहां कार्य करने
में कोई परेशानी आती है तो हम उनसे प्रतिवेदन लेंगे। उन्हें वही सम्मान उत्तर
प्रदेश में भी मिलेगा, जो कर्नाटक में मिलता है।
सीएम योगी ने कहा कि भारत की ऋषि परम्परा ने इस बात को माना है कि
'शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्', यानी जितने भी धर्म के साधन हैं ये सभी शरीर
के ही माध्यम से हो पाएंगे। स्वस्थ शरीर ही इन सभी कार्यों को सम्पन्न कर
सकता है। उन्होंने कहा कि योग की ताकत को लोगों ने कोविड-19 के दौरान
स्वीकार किया है। कोविड के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को
सुरक्षित निकालने का रास्ता मिलता गया। आबादी में अगर हम भारत की
यूएस से तुलना करें तो वहां हमसे दोगुनी मौतें हुईं, ये इस बात को प्रमाणित
करता है कि हमारी परम्परागत व्यवस्था, जिसे हम आयुष के रूप में मान्यता
देते हैं ये व्यक्ति को मजबूत बनाती है। क्षेमवन भारत की चिकित्सा पद्धति
को बढ़ाने का बेहतरीन माध्यम साबित होगा।
कार्यक्रम में सीएम योगी के साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई
और पद्म सम्मान प्राप्त धर्मस्थल मंदिर के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े मौजूद रहे।
सीएम योगी के कर्नाटक दौरे के सियासी मायने
सीएम योगी गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं। नाथ संप्रदाय के अनुयायी यहां के
महंत को भगवान का दर्जा देते हैं। इतना ही नहीं, महंत को महादेव का अवतार
भी मानते हैं। कर्नाटक में इस संप्रदाय की जड़ें बहुत गहरी फैली हुई हैं। 2018
के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में नाथ संप्रदाय के लोगों को बीजेपी के खेमे में
लाने की जिम्मेदारी योगी को सौंपी गई थी। उन्होंने ताबड़तोड़ 25 रैलियां और
6 रोड शो किए थे। सीएम योगी ने कुल 33 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था,
जिनमें से अधिकतर पर भाजपा को जीत मिली थी। पिछले चुनाव में भाजपा
और सहयोगी दल को 122 सीटें प्राप्त हुईं थी, उसमें 104 सीटें जीतकर भाजपा
सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। इस मद्देनजर सीएम योगी का गुरुवार का दौरा काफी
महत्वपूर्ण हो जाता है।
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