गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अम्बेडकरनगर। दो दिन से लगातार हो रही बारिश से जिले के 50 से अधिक परिषदीय विद्यालय टॉपू बन गए। स्कूल परिसर में पानी भर जाने से तमाम छात्रों ने विद्यालय जाना बंद कर दिया है। जिन जगहों पर बच्चे पहुंचे भी, वहां उपस्थिति काफी कम रही। इन बच्चों को कक्षाओं तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।अभिभावकों ने इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रशासन को समय रहते जरूरी प्रबंध करने चाहिए। सरकार की तरफ से ऑपरेशन कायाकल्प जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। यह तभी प्रभावी साबित होंगी, जब बारिश के दिनों में भी स्कूल टॉपू जैसे न दिखाई पड़ें। गुरुवार को बारिश के दौरान टीम ने अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित कई स्कूलों का जायजा लिया तो स्थिति कुछ इस तरह दिखाई पड़ी।घुटने तक पानी से होकर गए बच्चे
रामनगर शिक्षा क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय माडरमऊ का मैदान पूरी तरह से जलाशय में गुरुवार को तब्दील हो गया। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था न होने से ही परिसर में जलभराव दिखा। नतीजा यह रहा कि पढ़ाई करने के लिए पहुंचे छात्र-छात्राओं को घुटने तक पानी में घुसकर कक्षा तक जाने को मजबूर होना पड़ा। इसके साथ ही शिक्षक व शिक्षिकाओं को भी पानी से होकर ही आवागमन करना पड़ा। यहां गुरुवार को कुल 276 बच्चों में से मात्र 25 छात्र-छात्राएं ही आए थे। इसके अलावा उच्च प्राथमिक विद्यालय मूसेपुर कला में भी जलभराव जहां रहा तो वहीं प्राथमिक विद्यालय सैदपुर रसीदपुर में बारिश के चलते शौचालय की दीवार टेढ़ी हो गई।
परिसर में भरा पानी, बच्चों को परेशानी
शिक्षा क्षेत्र जलालपुर के प्राथमिक विद्यालय सवरगाह में जब टीम पहुंची तो वहां पर छात्र-छात्राओं को आवागमन करने में मुश्किलें दिखीं। दरअसल परिसर में जलभराव था। चारदीवारी तो थी, लेकिन नाली की समुचित व्यवस्था न होने के चलते ही जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई। प्रधानाध्यापक उमेश कुमार ने बताया कि इस संबंध में पत्र भेजा जा चुका है। स्कूल के बाहर मिले रामप्रकाश व संतराम ने कहा कि बारिश होने पर जलभराव की समस्या हो जाती है। इससे छात्र-छात्राओं को आवागमन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कुछ इसी प्रकार का दृश्य टीम को उच्च प्राथमिक विद्यालय हाजीपुर में भी दिखा। बुधवार रात हुई बारिश से परिसर में जलभराव हो गया था, जिससे इस प्रकार की समस्या हुई।
कीचड़ से होकर आने-जाने को विवश
प्राथमिक विद्यालय हजपुरा का हाल भी बेहाल था। टीम जब विद्यालय पहुंची तो परिसर में जहां-तहां पानी भरा था। कुछ बच्चे कीचड़ से होकर आवागमन कर रहे थे। प्रधानाध्यापिका कलावती ने बताया कि विद्यालय में कुल 170 बच्चे पंजीकृत हैं। इसकी तुलना 22 बच्चे उपस्थित रहे। एमडीएम बनता मिला। अभिभावक सुनील कुमार व मेराज ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए योजनाएं तो तमाम संचालित हो रही हैं, लेकिन जलभराव जैसी समस्या को दूर करने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।किए जा रहे प्रयास विद्यालयों में जलभराव का संकट आगामी वर्ष की बारिश में न हो, इसके लिए शेष रह गए विद्यालयों के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू कराई गई है। बीते दिनों कई विद्यालयों में जरूरी प्रबंध कराए गए थे। सभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को मुश्किल न हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
भोलेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए
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