हिंदीसंवाद ब्यूरो चीफ प्रीतम शुक्ला की रिपोर्ट
*यूपी में 5 और मंत्री पद से दे सकते हैं इस्तीफा, जानें कौन से नाम इस लिस्ट में*
*UP Ministers Resignation :* यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार से पांच और मंत्री अपना त्यागपत्र दे सकते हैं. यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद भूपेंद्र चौधरी पंचायती राज विभाग के मंत्रिपद से त्यागपत्र दे चुके हैं.
*लखनऊ :* यूपी के नवनियुक्त अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी *(Bhupendra Chaudhary)* के त्यागपत्र के के बाद 5 और मंत्री योगी आदित्यनाथ *(Yogi Adityanath)* सरकार से इस्तीफ़ा दे सकते हैं.योगी सरकार मे 5 ऐसे मंत्री हैं जो संगठन और सरकार दोनों में पद पर हैं. पार्टी में एक पद के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए पांच और मंत्री अपना (UP Minister Resign) पद छोड़ सकते हैं.‘एक व्यक्ति-एक पद’ सिद्धांत के तहत सरकार या संगठन में से किसी इस्तीफ़ा एक पद से दे सकते हैं. पश्चिमी यूपी से ताल्लुक रखने वाले भूपेन्द्र चौधरी ने अध्यक्ष पद संभालने के बाद ‘एक व्यक्ति-एक पद’ के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके पास पंचायती राज मंत्री विभाग था.ये पांच मंत्री हैं, जो संगठन के दायित्वों के कारण अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.इनके पास सरकार में मंत्रिपद के साथ संगठन में भी अहम दायित्व है.
1. अरविंद कुमार शर्मा, कैबिनेट मंत्री
( शहरी विकास,ऊर्जा मंत्री)
संगठन- उपाध्यक्ष
2. जेपीएस राठौर,राज्यमंत्री
(सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार)
संगठन- महासचिव
3. दयाशंकर सिंह, कैबिनेट मंत्री
(परिवहन मंत्री)
संगठन- उपाध्यक्ष एंव प्रभारी,ओबीसी सेल,यूपी बीजेपी
4. नरेंद्र कश्यप, राज्यमंत्री
(पिछड़ा वर्ग कल्याण एंव दिव्यांगजन अधिकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार)
संगठन- अध्यक्ष,ओबीसी मोर्चा,यूपी बीजेपी
5. बेबी रानी मौर्य
महिला एंव बाल कल्याण मंत्री
संगठन- पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
गौरतलब है कि बीजेपी में स्वतंत्र देव सिंह के त्यागपत्र के बाद यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद करीब पांच माह खाली रहा था. इसके बाद मिशन 2024 को ध्यान में रखते हुए जाट नेता भूपेंद्र चौधरी को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश इकाई की कमान सौंपी है. माना जा रहा है कि चौधरी जल्द ही अपनी टीम का ऐलान कर सकते हैं. ऐसे में संगठन में जिन मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी मिलती है या बरकरार रहती है, वो सरकार में मंत्रिपद छोड़ सकते हैं.लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अब दो साल से भी कम वक्त बचा है. बीजेपी अभी से इसके लिए कमर कसने की रणनीति पर काम कर रही है.
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