पुलिस लाइन में एसटीएफ का एक कार्यालय अभी भी है। लेकिन अब इसे पूरी तरह हाईटेक किया जाना है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पुलिस के आला अफसरों के साथ भवन का लेआउट तैयार करा रहे हैं। प्रस्तावित एसटीएफ का कार्यालय चार मंजिला होगा। ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग की व्यवस्था होगी। वहीं पहले फ्लोर पर एसटीएफ के अधिकारियों के चेंबर होंगे। दूसरे फ्लोर पर हाईटेक व्यवस्था होगी। जिसमें अत्याधुनिक मशीनें अपराध नियंत्रण के लिए लगाई जाएंगी।
करीब 2.53 करोड़ से तैयार होने वाले भवन को लेकर पीडब्ल्यूडी ने टेंडर जारी कर दिया है। सिर्फ नौ महीने में भवन बनकर तैयार हो जाएगा। गोरखपुर से ही पूरे जोन के अपराध पर नियंत्रण किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि एसटीएफ के भवन के लिए टेंडर निकाल दिया गया है। 30 सितम्बर को टेंडर खुलेगा। भवन के लेआऊट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। नौ महीने में निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
*गोरखपुर के माफिया श्रीप्रकाश के लिए बनी थी एसटीएफ*
90 के दशक में श्रीप्रकाश शुक्ला आतंक का पर्याय माना जाता था। 25-26 साल की उम्र के इस डॉन से पुलिस के साथ अपराधी भी खौफ खाते थे। जब लोग देशी कट्टे से गुंडागर्दी करते थे, तब श्रीप्रकाश के पास एके-47 थी। श्रीप्रकाश को पकड़ने के लिए ही 4 मई 1998 को यूपी पुलिस के तत्कालीन एडीजी अजयराज शर्मा ने राज्य पुलिस के बेहतरीन 50 जवानों को चुनकर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) बनाई थी। इस फोर्स का पहला टास्क श्रीप्रकाश शुक्ला को जिंदा या मुर्दा पकड़ना था। बताया जाता है कि श्रीप्रकाश ने सूबे के तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह की हत्या की सुपारी ले ली थी।
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