अम्बेडकरनगर: जनपद के नटवरलाल पर उत्तराखंड पुलिस ने लगाया गैंगेस्टर और ₹25000 का इनाम किया घोषित
सादिक मूसा के रातों रात अमीर बन जाने का काला सच आया सामने
गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अम्बेडकरनगर। जनपद मुख्यालय के जुड़वा शहर शहजादपुर निवासी सादिक मूसा के रातोंरात अमीर बन जाने का काला सच अब सामने आया है। महंगी बाइकों, कारों व चश्मा के शौकीन सादिक मूसा के पास अचानक अकूत राशि व संपत्ति आ जाना समूचे नगर में लंबे समय से चर्चा का विषय बना था।हर कोई आय के स्रोत की जानकारी करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही थी। अब उसका नाम उत्तराखंड की प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों को लीक करने के मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आया है। गिरोह का सरगना मानते हुए उत्तराखंड पुलिस ने न सिर्फ उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है वरन 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है।
जिला मुख्यालय के शहजादपुर का रहने वाला सादिक मूसा कई वर्षों से अचानक सुर्खियों में था। दरअसल उसके पास दो ऐसी बाइकें लंबे समय तक थीं, जिनकी अलग-अलग कीमत करीब 15-15 लाख थी। तीन बेशकीमती कारों से अक्सर चलने वाले सादिक का पारिवारिक बैक ग्राउंड भी इतना मजबूत नहीं था कि उसकी इस हैसियत पर सवाल न खड़ा हो सके। इसीलिए उसका यह शौक लगातार चर्चा में था।
स्थानीय नागरिकों के लिए यह उत्सुकता का विषय था कि बिना किसी मजबूत पारिवारिक पृष्ठभूमि या प्रत्यक्ष के तौर पर कोई बड़ा व्यापार किए बगैर महंगी कारों व बाइक से चलना संभव कैसे हो पा रहा था। आम जनमानस में यह बात लंबे समय से चली आ रही थी कि कोई न कोई अनुचित काम जरूर सादिक मूसा की ओर से किया जा रहा है।
हालांकि इसका सही आकलन हो पाना अब तक संभव नहीं हो पाया था। उसके परिवार के अन्य सदस्य भले ही साधारण जीवन व्यतीत कर रहे थे, लेकिन उसका रहन-सहन लग्जरी किस्म का था।
इस बीच आम लोगों की आशंकाएं अब सच साबित हुई हैं। उसकी काली कमाई का भांडा फूट गया है। खबर यह सामने आई है कि वह उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कराने में वर्ष 2015 से ही लिप्त था।
दरअसल उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए जिस आउटसोर्सिंग कंपनी आरएमएस साल्यूशन को संबद्ध कर रखा था। उसके मालिक से सादिक मूसा की दोस्ती थी। वहीं से सादिक को तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र मिल जाते थे, जिसे लीक कर सादिक व उसके गैंग के अन्य सदस्य मालामाल हो रहे थे।
कभी भी पहुंच सकती एसटीएफ
सादिक की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ लगी हुई है। उसके कभी भी अंबेडकरनगर जिले में पहुंचने की संभावना है। हालांकि रविवार देर शाम तक जिला मुख्यालय पर एसटीएफ टीम नहीं पहुंच सकी थी। उधर, एसपी अजीत कुुमार सिन्हा ने कहा कि किसी बाहरी टीम के आने की कोई सूचना नहीं है। उसकी तलाश कराई जा रही है।
रायफल शूटिंग का भी था शौक
प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक करने का मास्टरमाइंड सादिक मूसा एक और महंगे शौक शूटिंग के लिए भी जाना जाता था। काले कारनामों से अकूत कमाई होने के चलते उसने रायफल शूटिंग जैसे महंगे शौक भी पाल रखे थे। उसने अक्सर देश के विभिन्न हिस्सों में शूूटिंग के अलावा घुड़सवारी को भी उसने अपना एक बड़ा शौक बना रखा था। इस पर वह अक्सर लाखों रुपये खर्च किया करता था।
सफेदपोशों से भी रहे हैं संबंध
सादिक के संबंध कई छोटे-बड़े सफेदपोशों से रहे हैं। एक पूर्व मंत्री के बेटे से उसकी दोस्ती लंबे समय तक चर्चा में रही। पूर्व मंत्री के कई करीबी भी उसके दोस्तों में शामिल रहे। अलग-अलग राजनीतिक दलों में मौजूद कई पदाधिकारी व नेताओं से उसकी करीबी जाहिर तौर पर रही है।
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