जौनपुर। राजा यादवेन्द्र दत्त दूवे (राजा जौनपुर) की 23वीं पुण्यतिथि मनाई गई
जौनपुर। जौनपुर के 11वें नरेश राजा श्रीकृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जौनपुर के संस्थापक राजा यादवेन्द्र दत्त की 23वीं पुण्यतिथि वैदिक विधि विधान व शांति पाठ के साथ महाविद्यालय के सभाकक्ष में मनाई गई। जिसमें महाविद्यालय के समस्त शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। तत्पश्चात वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए राजा साहब से जुड़े हुए संस्मरण सुनाएं। प्रो0 अवधेश कुमार द्विवेदी, विभागाध्यक्ष, भौतिक विज्ञान ने राजा साहब का जीवन परिचय प्रस्तुत करते हुए बताया कि राज डिग्री व इण्टर कालेज के अतिरिक्त भी राजा साहब नेे बहुत सारे शिक्षण संस्थाओं को स्थापित करने मेंयोगदान किया, जिससे बहुत सारी शिक्षण संस्थाओं के लोग स्वीकार करते है कि भूमि एवं धन राजा साहब के द्वारा प्रदान किया गया। हवेली में राजा साहब का निजी पुस्तकालय भी उनके विद्यानुरागी होने का प्रमाण है। प्रो0 मयानन्द उपाध्याय, विभागाध्यक्ष, शिक्षाशास्त्र ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जब राजा साहब से एक बार मिल लेता था तो दूसरी बार मिलने पर राजा साहब नाम से पुकारते थे, उनकी स्मरण शक्ति एवं व्यक्ति को पहचानने की क्षमता अभूतपूर्व थी।
प्रो0 अखिलेश्वर शुक्ला, पूर्व प्राचार्य व विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान ने बताया कि राजा साहब जौनपुर की, राजनीति के क्षेत्र में जो योगदान रहा उसका परिणाम केवल भारत ही नहीं विश्व देख रहा है जौनपुर हवेली स्थित राजमहल में राष्ट्रीय स्तर के बडे़-बड़े राजनीतिक धुरंधरों के उपस्थिति में भारतीय राष्ट्रीय जनसंघ की स्थापना का मंसौदा तैयार हुआ था, जिसे 21 अक्टूबर 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिल्ली में घोषित किया था। आज वहीं संस्था भारतीय जनता पार्टी के रूप में केवल केन्द्र में ही नहीं ब्लकि अधिकांश राज्यो में सत्ता संभाल रही है, तथा भारत की तकदीर का निर्णय कर रही है। एक समय था जब पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 कल्याण सिंह राजा साहब के निजी सचिव हुआ करते थे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के पश्चात राजा साहब के भेजे पत्रों को सिर माथे से लगा लेते थे, तथा त्वरित कार्यवाही कर महाराज को सूचित भी करते थे।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 शम्भूराम ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहाकि राजा साहब गरीबों के मसीहा थे, उन्होनें यह शिक्षण संस्था ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लिए स्थापित किया, जिसका उद्देश्य था कि इनके बच्चे सरल, सुलभ शिक्षा प्राप्त कर सकें। हम प्राध्यापकों का दायित्व है कि हम सभी मिलकर उनके सपनों को साकार करें, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 श्याम सुन्दर उपाध्याय ने किया।
इस अवसर पर, डाॅ0 अजय मिश्रा, डाॅ0 राजेश तिवारी, डाॅ0 विजय प्रताप तिवारी, डाॅ0 यदुबंश कुमार, डाॅ0 अविनाश कौल, डाॅ0 सुधाकर शुक्ला, डाॅ0 धर्मवीर सिंह, डाॅ0 विवेक कुमार, डाॅ0 जितेन्द्र दूबे, डाॅ0 मनोज कुमार तिवारी, डाॅ0 आशीष शुक्ला, डाॅ0 अनिल मौर्य, डाॅ0 रजनीकांत द्विवेदी, डाॅ0 गंगाधर शुक्ला, डाॅ0 मृत्युन्जय मिश्रा, डाॅ0 ज्योत्सना श्रीवास्तव, डाॅ0 अनामिका सिंह, डाॅ0 सुधा सिंह, डाॅ0 सुनीता गुप्ता, डाॅ0 गगनप्रीत कौर, डाॅ0 गुंजन मिश्रा, डाॅ0 रमेश चन्द्र सोनी, डाॅ0 राजेन्द्र सिंह, डाॅ0 सुशील कुमार गुप्ता, डाॅ0 धर्म साहू, डाॅ0 निशीथ कुुमार सिंह, डाॅ0 विष्णु कान्त तिवारी, संजय कुमार सिंह कार्यालय अधीक्षक, सुधाकर मौर्य लेखाकार, रामफेर यादव, ओमप्रकाश, विकास सिंह, स्वयं यादव, परमजीत विश्वकर्मा व शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।
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