उत्तर प्रदेश के किसानों को मिलेगी वर्षा की सटीक जानकारी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक विकास खंड में रेन गेज यंत्र बढ़ाने के दिए


हैं निर्देश


मौसम विभाग द्वारा प्रदेश में 300 से ज्यादा रेन गेज यंत्र किए जा रहे हैं


संचालित


निश्चत समय में निश्चित स्थान पर वर्षा की सही जानकारी उपलब्ध कराता है


रेन गेज यंत्र


21 अगस्त, लखनऊ।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कुछ जिलों में अल्प

वर्षा के कारण होने वाली समस्याओं से प्रदेश के अन्नदाता किसानों को निजात

दिलाने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में

कहा है कि अल्प वर्षा के कारण किसी भी अन्नदाता किसान का नुकसान नहीं

होने दिया जाएगा। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को विकास खंड स्तर पर रेन

गेज की संख्या बढ़ाने को कहा है। गौरतलब है कि रेन गेज वर्षा मापने का यंत्र है,

जिससे कम या ज्यादा दोनों तरह की वर्षा का सटीक आंकलन किया जाता है।

इस आंकलन के आधार पर तैयार डाटा की जानकारी किसानों के काफी काम आ

सकती है। वह फसल की बोआई को लेकर चौकन्ना रह सकता है और संभावित

नुकसान को कम कर सकता है। अभी तक तहसील स्तर पर रेन गेज सिस्टम

लगाए थे और अब विकास खंड स्तर पर इन्हें बढ़ाए जाने से ब्लॉक व ग्राम

पंचायतों तक ज्यादा से ज्यादा अन्नदाता किसानों को वर्षा की सटीक जानकारी

मिल सकेगी।

300 रेन गेज हो रहे संचालित

उत्तर प्रदेश मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक प्रदेश में

स्वचालित और मैनुअल दोनों तरह के रेन गेज संचालित किए जा रहे हैं। रेन गेज

के जरिए हम जान सकते हैं कि एक निश्चित स्थान पर कितने मिमी बारिश हुई

है। प्रतिवर्ष किसी खास महीने में कितनी बारिश हुई है, इसका डाटा किसानों के

काम आ सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए वह बोआई कर सकता है। उन्होंने

बताया कि प्रदेश में अनुमानित 300 से 400 के बीच रेन गेज यंत्र संचालित हो

रहे हैं। प्रत्येक ब्लॉक में यंत्र लगाए जाने के लिए हमें देखना होगा कि किन ब्लॉक

में यंत्र लगे हैं और कहां नहीं।


मौसम विभाग जारी करता है अलर्ट

उत्तर प्रदेश मौसम विभाग अलग-अलग नोडल अफसरों के जरिए जिले

स्तर पर प्रतिदिन, साप्ताहिक एवं सत्र स्तर पर मौसम का बुलेटिन जारी करता

है। वहीं, ब्लॉक स्तर पर भी विभाग की ओर से मौसम का पूर्वानुमान जारी किया

जाता है। हालांकि, ब्लॉक स्तर पर रेन गेज बढ़ाए जाने पर एक निश्चित स्थान

पर वर्षा का सटीक आंकलन किया जा सकेगा। इससे स्थानीय किसानों को

फायदा होगा और वो मौसम के अनुसार ही फसल की सुरक्षित बोआई को

सुनिश्चित कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

शनिवार को उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि वर्षा मापन

अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। हमारी किसान हितैषी नीतियां इसके आंकलन पर

निर्भर करती हैं। वर्तमान में तहसील स्तरों पर रेन गेज़ यानी वर्षा मापक यंत्र

लगाए गए हैं, इन्हें विकास खंड स्तर पर बढ़ाये जाने की कार्यवाही की जाए।

अधिकाधिक वर्षा मापक यंत्रों से वर्षा की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा

सकेगी। मौसम का सही अनुमान अलर्ट जनजीवन के व्यापक हित को सुरक्षित

करता है। अधिक सटीक अनुमान और तदनुरूप मौसम अलर्ट के लिए कमिश्नरी

स्तर पर यंत्र स्थापित किए जाएं। उन्होंने किसानों को मौसम की सही जानकारी

देने के लिए राज्य स्तर पर पोर्टल विकसित किये जाने की जरूरत पर भी बल

दिया।

क्या होता है रेन गेज?

जब वर्षा आती है तो सुनने को मिलता है कि इस इलाके में इतने

मिलीमीटर बारिश हुई और दूसरे इलाके में इतनी। दरअसल, दिनभर में होने

वाली बारिश को एक यंत्र के माध्यम से मापा जाता है, जिसे 'रेन गेज' या

वर्षामापी यंत्र कहते हैं। रेन गेज यह बताता है कि एक निश्चत स्थान पर निश्चत

समय में कितने मिमी वर्षा हुई है। एक निश्चित स्थान पर कितनी वर्षा हुई है, ये

जानने के लिए रेन गेज सबसे उपयुक्त यंत्र है।

क्या है रेन गेज का फायदा?

वर्षामापी यंत्र से वर्षा मापने के अनेक फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा

अन्नदाता किसान के लिए है। इसकी मदद से किसी निश्चित स्थान की भौगोलिक

परिस्थितियां मालूम हो जाती हैं। मसलन, अगर साल में किसी स्थान पर 8 इंच


से कम बारिश होती है तो वह स्थान 'रेगिस्तान' कहलाता है। इससे वहां होने

वाली कृषि पैदावार के बारे में अनुमान लगाया जाता है। ऑटोमेटिक रेन गेज से

रियल टाइम डाटा जैसे तापमान, वर्षापात व आर्द्रता आदि आंकड़ों को भी प्राप्त

किया जा सकता है।

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