उतरौला(बलरामपुर) जैसे जैसे मोहर्रम का दिन करीब आ रहा है वैसे वैसे ताजियों की खरीदारी तेज हो गई है।कारीगरों द्वारा तीन माह पहले से ताजिया का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाता है पूरे परिवार समेत ताजिए के निर्माण में दिन रात जुटे रहते हैं।
इस काम छोटे बच्चों के साथ महिलाओं का काफी योगदान रहता है।कस्बे के मोहल्ला रफी नगर में ताजिए का निर्माण काफी लोगों द्वारा किया जाता है।क्षेत्र के गैंड़ास बुजुर्ग,रानी पुर,महदेइया बाजार,चमरूपुर,बनगवा,पांचू डीह,हुसेनाबाद में लाखों रूपये के कीमती ताजिए रखे जाते हैं।
इन ताजियों के निर्माण के लिए बाहर से कारीगरों को बुलाया जाता है जो अपने समूह के साथ तीन माह पहले ही ताजिया बनाने का काम शुरू कर देते हैं।
असग़र अली
उतरौला
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