नशे के खिलाफ निर्णायक अभियान से जुड़ें युवा : सीएम योगी

नशे के सौदागरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को सरकार कमर कसकर तैयार

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रथम स्थापना दिवस समारोह में बोले


मुख्यमंत्री


गोरखपुर, 28 अगस्त।

मुख्यमंत्री एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी

आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ कार्ययोजना बनाकर

निर्णायक लड़ाई शुरू कर दी है। नशे के सौदागर वर्तमान पीढ़ी के भविष्य से

खिलवाड़ न कर सकें, इसके दृष्टिगत ड्रग व जहरीली शराब के माफियाओं पर

सख्ती के लिए कमर कस ली गई है। सभी युवा सरकार के इस अभियान का

हिस्सा बनकर प्रदेश को नशामुक्त करने में, सबको स्वस्थ रखने में अपना

योगदान दें।

सीएम योगी रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय,

आरोग्यधाम बालापार गोरखपुर के प्रथम स्थापना दिवस समारोह व इस

उपलक्ष्य में 22 अगस्त से चल रहे युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी

महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज स्मृति सप्तदिवसीय

व्याख्यानमाला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर

चुनौती को हमें अवसर के रूप में लेना चाहिए और परिणाम की तात्कालिक

चिंता किए बगैर चुनौती से निपटने की कार्ययोजना बनाकर शुरुआत कर देनी

चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रायः हम 'अथ' पर ध्यान देने की बजाय 'इति' की

चिंता करने लगते हैं। अर्थात कार्य प्रारंभ करने से पूर्व ही उसके परिणाम की

चिंता करने लगते हैं। कठिनाई यहीं से शुरू होती है। लक्ष्य की ओर अग्रसर होते

समय कार्य की शुरुआत कैसे करनी है, इसका ध्यान आवश्यक है न कि इसके लिए

चिंतित हो जाना कि परिणाम क्या होगा। सीएम ने कहा कि यदि हम भगवान

श्रीकृष्ण के दिए ज्ञान 'कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन:' का अनुसरण करते

हुए कार्य की अच्छी शुरुआत करेंगे तो उसकी शानदार सफलता कार्य प्रारंभ होने

के साथ ही परिलक्षित होने लगेगी। कार्य की अच्छी शुरुआत होगी तो कोई भी

बाधा, कोई भी ताकत सफलता हासिल करने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा

कि इसी धारणा को अंगीकार कर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने अपने


कदम बढ़ाए और चुनौतियों के बावजूद सफल परिणाम एक साल के कम समय में

ही दिख रहा है।

शिक्षा व चिकित्सा में हासिल करनी है ग्लोबल नम्बर वन रैंक

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में रिसर्च के काफी अवसर

हैं। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना का यह भी एक प्रमुख

उद्देश्य है कि शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में रिसर्च को आगे बढ़ाया जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भी यही मंशा है।

भारत को शिक्षा व चिकित्सा के।क्षेत्र में ग्लोबल नम्बर वन रैंक हासिल करनी है।

सभी विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षा संस्थान शोध के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते

हुए यह रैंक हासिल कर सकते हैं।

कार्य करने की दृढ़ इच्छशक्ति का प्रमाण है शानदार कोविड प्रबंधन

सीएम योगी ने कहा कि कोई भी कार्य संभव नहीं है बस उसे करने की

इच्छा शक्ति होनी चाहिए। देश व प्रदेश का शानदार कोविड प्रबंधन इसका

प्रमाण है। हमारे कोविड प्रबंधन की सर्वत्र सराहना हुई। उन्होंने बताया कि उत्तर

प्रदेश में जब कोरोना का पहला केस आया तो यहां कोरोना जांच लिए एक भी

लैब नहीं थी। पहला सैंपल हमें पुणे भेजना पड़ा। लेकिन, आज उत्तर प्रदेश के

पास प्रतिदिन चार लाख कोविड टेस्ट की क्षमता है। यह अच्छी शुरूआत का

अच्छा परिणाम है।

इंसेफेलाइटिस वैक्सीन आने में लगे सौ साल, नौ माह में बनाई कोरोना वैक्सीन

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश 40 साल तक इंसेफेलाइटिस से त्रस्त

रहा। पूर्व की सरकारों ने उपचार की गंभीरता नहीं दिखाई। इससे पूर्वी उत्तर

प्रदेश में 50 हजार बच्चों की मौत हो गई। जापान ने तो इंसेफेलाइटिस वैक्सीन

वर्ष 1905-06 में ही बना ली लेकिन इसे भारत आने में सौ साल लग गए। इसके

लिए भी सदन में मुद्दा उठाने के साथ सड़क पर आंदोलन करना पड़ा। जबकि

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में देश ने महज नौ माह में कोरोना की वैक्सीन बना

ली। वैक्सीन की देश में 200 करोड़ डोज तथा प्रदेश में 36 करोड़ डोज लगाई जा

चुकी है। कोरोना के संकटकाल में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में जीवन के साथ

जीविका की भी रक्षा की गई। प्रवासी कामगारों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक

पहुंचाया गया, हर गरीब के लिए फ्री राशन, भरण पोषण भत्ता की व्यवस्था की


गई। देश मे 80 करोड़ तथा प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया।

सबको मुफ्त कोरोना जांच, इलाज व वैक्सीन की सुविधा दी गई।

शिक्षा के साथ स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे रहा है महायोगी गोरखनाथ

विश्वविद्यालय

सीएम योगी ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय अपने

संस्थाओं के बताए रास्ते पर चलते हुए शिक्षा के साथ स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे

रहा है। यहां के परिसर में स्थित चिकित्सालय लोगों की चिकित्सा सेवा कर रहा

है। इसी सिलसिले में विश्वविद्यालय द्वारा उन बीमारियों पर भी शोध किया जा

रहा है जिनके कारण अकस्मात मौतें होती हैं। विश्वविद्यालय में हाल ही में एक

शोध अध्ययन से चूहे के मूत्र से होने वाली गंभीर बीमारी का पता लगाया है।

आयुर्वेद के क्षेत्र में असीम सम्भावनाएं

मुख्यमंत्री ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के बीएएमएस पाठ्यक्रम

का उल्लेख करते हुए कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। आयुर्वेद

के विद्यार्थी नए शोध कर उन्हें पेटेंट करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संयोगवश

आज ही प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस है। 28 अगस्त

2021 को एक ही दिन तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महायोगी

गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्घाटन व गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय

का शिलान्यास किया था। आयुर्वेद के छात्र चिकित्सा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के

साथ ही औषधीय पौधों के क्षेत्र में भी कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई

भी ऐसी वनस्पति नहीं है जिसमें औषधीय गुण न हों। आयुर्वेद के छात्र शोध के

जरिए उन वनस्पतियों को आरोग्यता के अनुकूल बना सकते हैं।

तैयारी के लिए प्रदेश के बाहर नहीं जाएंगे युवा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए युवाओं को

प्रदेश के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए सरकार ने अभ्युदय कोचिंग की

शुरुआत की है। फिजिकली और वर्चुअल कोचिंग के साथ ही युवाओं को टेबलेट

फॉर स्माटफोन दिए जा रहे हैं ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए। कोरोना

के चलते सेमीकंडक्टर का उत्पादन प्रभावित होने के बावजूद अगले पांच वर्षों में

प्रदेश सरकार दो करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन व टेबलेट उपलब्ध कराने के लिए

दृढ़ संकल्पित है। अब हर युवा तकनीकी रूप से सक्षम बनेगा और पूरी दुनिया की

जानकारी उसकी जेब व हाथ में उपलब्ध रहेगी।


युगदृष्टा थे महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन

गोरक्षपीठाधीश्वरद्वय युगपुरुष महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज व राष्ट्रसंत महंत

अवेद्यनाथ जी महाराज की पुण्य स्मृति को नमन किया। उन्होंने कहा कि

ब्रह्मलीन महंतद्वय युगदृष्टा थे। महंत दिग्विजयनाथ जी ने 1932 में महाराणा

प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा की अलख जगाई

थी। 1956-57 में गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उन्होंने शिक्षा

परिषद के दो कॉलेज दान में दे दिए थे। सदैव उनके ही मार्ग का अनुसरण महंत

अवेद्यनाथ जी ने किया। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की परिकल्पना

ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी ने ही की थी।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा की कमी को दूर किया सीएम योगी ने : पंकज

चौधरी

समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने

कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा की कमी महसूस की जा रही थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसे दूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ

का शिक्षा से सदैव लगाव रहा है और पीठ के संरक्षण में महाराणा प्रताप शिक्षा

परिषद की तरफ से संचालित दर्जनों संस्थाएं इसका प्रमाण है। केंद्रीय वित्त

राज्यमंत्री ने कहा कि कायाकल्प योजना से आज सीएम योगी ने पूरे प्रदेश में

प्राथमिक शिक्षा की तस्वीर बदल दी है। इस योजना की ही देन है कि उनका गृह

जिला प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में 73वें स्थान से 7वें स्थान पर आ गया

है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश केंद्र की लगभग सभी

योजनाओं में देश में नम्बर वन है। श्री चौधरी ने महराजगंज में पीपीपी मॉडल

पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए सीएम योगी के प्रति आभार जताया।

अगले वर्ष तक एमबीबीएस की 150 सीटों के साथ शुरू होगा मेडिकल कॉलेज

:कुलपति

स्वागत संबोधन में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर

जनरल डॉ अतुल वाजपेयी ने विश्वविद्यालय की प्रगति और यहां संचालित

पाठ्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय अपने

कुलाधिपति, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में गोरखपुर को ज्ञान की

नगरी बनाने के संकल्प को पूरा करने के जुटा है। इसी मंशा को आगे बढ़ाते हुए

अगले वर्ष तक 150 एमबीबीएस सीटों के साथ यहां मेडिकल कॉलेज भी प्रारंभ


हो जाएगा। ज्ञान, अनुसंधान व रोजगार आदि के लिए विश्वविद्यालय ने सालभर

में ही कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ आदान-प्रदान किया। समारोह में आभार

ज्ञापन गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्या डॉ डीएस अजीथा

ने किया।

समारोह में प्रदेश सरकार के शिक्षा सलाहकार एवं यूजीसी के पूर्व

चेयरमैन प्रो डीपी सिंह, प्रदेश सरकार के फार्मा सलाहकार एवं पूर्व औषधि

महानियंत्रक जीएन सिंह, राज्य आपदा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल

आरपी शाही, गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह,

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जेपी पांडेय,

महापौर सीताराम जायसवाल, विधायक श्रीराम चौहान, महेन्द्रपाल सिंह,

विपिन सिंह, डॉ विमलेश पासवान, राजेश त्रिपाठी, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष

एवं एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, राज्य महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष श्रीमती

अंजू चौधरी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश कुमार, बीएचयू के

प्रो रामचन्द्र रेड्डी, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप

कुमार राव आदि की विशिष्ट भागीदारी रही।

मेधावियों को सम्मानित कर सीएम ने बढ़ाया उत्साह

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रथम स्थापना दिवस समारोह में

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न पाठ्यक्रमों व गतिविधियों में उत्कृष्ट

स्थान प्राप्त करने वाले मेधावियों को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने उनसे

आत्मीय संवाद करते हुए उनका उत्साह भी बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने महायोगी

गोरखनाथ विश्वविद्यालय परिसर में पौधों की देखभाल करने वाले तथा परिसर

में 501 पौधे लगाने वाले नागेंद्र पांडेय को भी सम्मानित किया।

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