मुख्यमंत्री ने जनपद वाराणसी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया
बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया, प्रभावितों को राहत सामग्री वितरित की
मोटर बोट से गंगा जी के विभिन्न घाटों एवं मोहल्लों में
जाकर बाढ़ की स्थिति तथा गंगा घाट पर जल स्तर को देखा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया, मुमुक्ष भवन में रह रहे
वृद्ध लोगांे से मिलकर उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा अंग वस्त्र एवं पुस्तकें भेंट कीं
श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के कार्यों का निरीक्षण किया
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की, अधिकारियों को बाढ़ राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जाने के निर्देश दिए
आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावित लोगों के साथ: मुख्यमंत्री
राहत शिविर में रह रहे लोगों के रहने, खाने-पीने
तथा सुरक्षा इत्यादि की सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं
एन0डी0आर0एफ0, जल पुलिस सहित अन्य
प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह सतर्क एवं सजग रहें
मोबाइल चिकित्सा दल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तरह सक्रिय और भ्रमणशील रहें
जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन मिलकर बाढ़
पीड़ितों की सहायता एवं हर संभव सहयोग करें
राहत शिविरों में समुचित साफ-सफाई एवं प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए
बाढ़ का पानी उतरने के पश्चात बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चलाकर
युद्ध स्तर पर सफाई एवं स्वच्छता के कार्य कराये जाएं,
जिससे क्षेत्रों में संक्रामक बीमारी न फैलने पाए
लखनऊ: 31 अगस्त, 2022
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद वाराणसी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया। श्री जो0म0 गोयनका संस्कृत महाविद्यालय, अस्सी घाट में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया और वहां रह रहे लोगों की कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राहत शिविर में रह रहे लोगों के रहने, खाने-पीने तथा सुरक्षा इत्यादि सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। बच्चों को नियमित रूप से ब्रेड, दूध, बिस्किट उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा शिविर में रह रहे लोगों की उनकी जरूरत एवं आवश्यकतानुसार चिकित्सा व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाए। ज्ञातव्य है कि इस राहत शिविर में 65 परिवारों के लगभग 250 से अधिक लोग आवासित हैं।
मुख्यमंत्री जी ने सभी बाढ़ पीड़ितों को दो कार्टन में 40 किलोग्राम अनाज एवं अन्य खाद्य सामग्री तथा झोले में 10 किलो आलू उपलब्ध कराया। एक कार्टन में 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 2 किलो अरहर दाल, 500 ग्राम नमक, 50 ग्राम हल्दी पाउडर, 50 ग्राम धनिया पाउडर, 250 ग्राम दूध पाउडर एवं 2 लीटर रिफाइंड तेल तथा दूसरे कार्टन में 5 किलो लाई, 2 किलो भुना चना, 1 किलो गुड़, एक पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्किट तथा 02 बट्टी साबुन उपलब्ध था। इस दौरान उन्होंने बच्चों को चॉकलेट, केला तथा बिस्किट वितरित किए।
मुख्यमंत्री जी ने एन0डी0आर0एफ0 की मोटर बोट से गंगा जी के विभिन्न घाटों एवं मोहल्लों में जाकर बाढ़ की स्थिति को देखा। तदोपरान्त उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया और गंगा घाट पर जल स्तर को देखा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुमुक्ष भवन में जाकर वहां रह रहे वृद्ध लोगांे से मिलकर उनकी कुशलक्षेम पूछी और उन्हें अंग वस्त्र एवं पुस्तकें भेंट कीं। मुख्यमंत्री जी ने श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के कार्यों का निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों/श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
इसके उपरान्त मुख्यमंत्री जी ने सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जाने का निर्देश दिए। उन्होंने एन0डी0आर0एफ0, जल पुलिस सहित अन्य प्रशासनिक महकमे को पूरी तरह सतर्क एवं सजग रहने को कहा। उन्होंने निर्देशित किया कि राहत शिविरों में रहन-सहन, खानपान तथा अतिरिक्त सुरक्षा के इंतजाम के साथ बाढ़ राहत शिविरों में पुलिस की पेट्रोलिंग बढ़ायी जाए। उन्होंने महिला सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मोबाइल चिकित्सा दल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तरह सक्रिय और भ्रमणशील रहें। उन्होंने राहत शिविरों में चिकित्सकों एवं मोबाइल चिकित्सा टीम के पास एंटी स्नेक वेनम एवं एंटी रैबीज इंजेक्शन की उपलब्धता हर हालत में सुनिश्चित किए जाने का निर्देश दिए। जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन मिलकर बाढ़ पीड़ितों की सहायता एवं हर संभव सहयोग करें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कतिपय बीमारी से यदि पशु हानि होती है, तो पशुपालक को आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाए। राहत शिविरों में समुचित साफ-सफाई एवं प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी उतरने के पश्चात बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चलाकर युद्ध स्तर पर सफाई एवं स्वच्छता के कार्य कराये जाएं। क्षेत्रों में संक्रामक बीमारी न फैलने पाए। उन्होंने बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों एवं गलियों की शीघ्र मरम्मत कराए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री एवं प्रभारी मंत्री वाराणसी मंडल श्री स्वतंत्र देव सिंह, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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