संतोष कुमार श्रीवास्तव, अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर
*"अंतर मंथन"*
आना - जाना रीत यहीं है।
हार जहां है जीत वहीं है।।
सुख-दुःख अच्छा-बुरा एक सा।
जीवन का संगीत यहीं है।।
केवल कर्म हमारा साथी।
सबसे अच्छा मीत यही है।।
जाने पर भी याद करें सब।
सफल जन्म का कृत यही है।।
नियम है उत्थान-पतन का।
धूप यहीं है शीत यहीं है।।
अंतर मंथन करते जाओ।
देखोगे नवनीत यहीं है।।
जीवन हो आसान सभी का।
सत्य सनातन नीत यहीं है।।
प्रिय-अप्रिय सभी अपनाओ।
मीठा है तो तीत यहीं है।।
कल जो बीता सीख दे गया।
है जीवंत अतीत यहीं है।।
अपने जैसा समझो सबको।
इस धरती पर प्रीत यहीं है।।*"अनंग"*
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