संतोष कुमार श्रीवास्तव, अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर
"कृष्ण दोबारा आना होगा"
कृष्ण दोबारा आना होगा।
बंशी आज बजाना होगा।।
यमुना नागों के चंगुल में।
फन पर नाच दिखाना होगा।।
कौरव - कंस पुनः कुर्सी पर।
जन - हित में टकराना होगा।।
व्यभिचारी हंसते हैं तुम पर।
महारास समझाना होगा।।
हथियारों के दम पर शासन।
गीता - ज्ञान सुनाना होगा।।
गोकुल गोरस हीन हो गए।
फिर से उन्हें बचाना होगा।।
चलो कन्हैया स्वयं बंधा लो।
" मां " महान बतलाना होगा।।
सामर्थी सारथी बना क्यों ?
सेवक - धर्म बताना होगा।।
अन्यायी के साथ रहे तो।
कर्ण - भीष्म सा जाना होगा।।
गाली या अपमान सहन कर।
शांति धरा पर लाना होगा।।
वैभव छोड़ सुदामा जैसे।
मित्र हमें अपनाना होगा।।
आओ कृष्ण धरा पर आओ।
कदमों तले जमाना होगा।।..."अनंग"
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