मुहर्रम की नौवीं तारीख का जुलूस पुरानी रवायत के अनुरूप उठाया गया ।
आफताब हुसैन की देखरेख में जुलूस उठाया गया। जुलूस उठने से पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने कर्बला की जंग के बारे में बताया। कर्बला में शहीद इमाम हुसैन और उनके साथियों को याद कर मजलिस में बैठे लोग रोने लगे।
मुहर्रम की नौवीं तारीख का जुलूस पुरानी रवायत के अनुरूप उठाया गया।
मुहर्रम की नौवीं तारीख का कदीमी अलम, दुलदुल व ताबूत का जुलूस गोलाघाट स्थित मस्जिद समसुन बीबी से सैयद आफताब हुसैन की निगरानी में निकला। इस दौरान सय्यद दानिश हुसैन व उनके साथियों ने सवारी पढ़ी। जुलूस अपने कदीमी रास्तों गोलाघाट, किला रोड, सब्ज़ी मंडी, चौक, नमक बाज़ार, साहित्यानाका होते हुए देर रात टेंगरा मोड़ स्थित हसन बाग इमामबाड़े पहुंचा। रास्ते भर अंजुमन अब्बासिया के सदस्य नौहा मातम व जंज़ीरज़नी व कमाज़नी करते हुए चल रहे थे। इसके बाद अलम, दुलदुल व ताबूत का कदीमी जुलूस हसन बाग इमामबाड़े पहुंचकर समाप्त हुआ।
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