जौनपुर। जन्म के एक घंटे के अंदर बच्चे को स्तनपान कराएं
जौनपुर। बाल विकास परियोजना कार्यालय सिरकोनी के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक से सात अगस्त तक संभव अभियान के अंतर्गत विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। बाल विकास परियोजना अधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि इस दौरान धात्री माताओं को स्तनपान कराते समय तीन बातों का ध्यान रखने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। पहली बात दूध पिलाते समय मां की पोजीशन सही होनी चाहिए, दूसरा मां और बच्चे के बीच जुड़ाव होना चाहिए, तीसरा कामकाजी महिलाओं को काम पर जाने से पहले बच्चे के लिए दूध निकालने का सही तरीका जानना चाहिए। उन्होंने बताया कि दूध पिलाते समय मां को सहारा लेकर बैठना चाहिए और बच्चे को भी नीचे से सहारा देकर दूध पिलाना चाहिए। दूसरा मां को एक बार में एक ही स्तन का दूध पिलाना चाहिए। दूसरी बार में दूसरे स्तन का दूध पिलाना चाहिए। दूध पिलाते समय स्तन के आगे का काला भाग बच्चे के मुंह में पूरा जाना चाहिए। दूध निकालने का सही तरीका यह है कि पहले स्तन को हल्के से मालिश करें। फिर स्तन के काले भाग के ऊपर अंगूठा और नीचे अंगुलियों को रखकर धीरे-धीरे दबाएं। इसके साथ ही नीचे बड़े मुंह वाली कटोरी रखें। मां के इस दूध को गर्म नहीं किया जाता है और आवश्यकतानुसार पिलाया जाता है। इस बार के स्तनपान सप्ताह की थीम है “स्तनपान शिक्षा और सहयोग के लिए बढ़ाएँ कदम” है। स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र मोथही की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता परमिला ने गर्भवती के घर जाकर संस्थागत प्रसव कराने के बारे में सलाह दी। उन्होंने बच्चे के जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराने के बारे में बताया। सहमलपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीरज ने गर्भवती व धात्री को बोतल का दूध पिलाने तथा डिब्बे के दूध से बच्चे के स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया। मनहन की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गीता यादव ने गर्भवती व धात्री को छह माह तक केवल स्तनपान कराने और छह माह बाद ऊपरी आहार देने के लिए प्रेरित किया। कुद्दूपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूनम ने श्सुनो, समझो, सलाह दोश् की पद्धति अपनाते को कहा। उन्होंने महिलाओं को बच्चों की पसंद का खाना खिलाने के बारे में जागरूक किया। कोतवालपुर की संगीता ने महिलाओं को मां के दूध के महत्व के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि मां के दूध से बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छा होता है। रोग प्रतिरोधक झमता बढ़ती है। मां का दूध बच्चे को बीमारियों से बचाता है। इसी तरह से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किरनबाला ने जफराबाद, साधना ने कबूलपुर, गीता ने नेवादा में महिलाओं को जागरूक किया। सीडीपीओ ने बताया कि इस तरह से सिरकोनी के सभी 226 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 219 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों को जागरूक कर रही हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डॉ आर बी सिंह ने बताया कि जनपद में कुल 5321 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिनपर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती व धात्री माताओं को स्तनपान के बारे में जागरूक कर रही हैं।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know