मथुरा ।।वृन्दावन।छटीकरा रोड़ स्थित श्रीकपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम में ब्रह्मलीन साध्वी गोपी वाला मां का त्रिदिवसीय तिरोभाव महोत्सव का समापन वृहद संत समागम के साथ हो गया है।महोत्सव के समापन पर कोलकाता के चिकित्सकों द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया।
संत समागम में पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान से आए महंत स्वामी गीतानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि हमारी सदगुरुदेव साध्वी गोपी वाला मां परम भजनानंदी एवं दिव्य तपोमूर्ति थीं।उन्होंने श्रीधाम वृन्दावन में साधनामय जीवन जीते हुए योग व तप की शक्ति से अनेकों व्यक्तियों की पीड़ा दूर की।
महामंडलेश्वर साध्वी राधिका साधिका पुरी जटा वाली मां ने कहा कि साध्वी गोपी वाला मां एक ऐसी संत थीं,जो संत सेवा, गौ सेवा एवं निर्धन - निराश्रितों की सेवा को ही नारायण सेवा माना करती थीं।उनके द्वारा स्थापित किए गए सेवा प्रकल्प श्रीकपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम में पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ आज भी चलाए जा रहे हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि साध्वी गोपी वाला मां अनेकानेक सद्गुणों की खान थी।यदि हम लोग उनके किसी एक गुण को भी अपने जीवन में धारण कर लें तो हमारा कल्याण हो सकता है।
महामंडलेश्वर स्वामी राधाप्रसाद देव जू महाराज एवं स्वामी भुवनानंद महाराज ने कहा कि साध्वी गोपी वाला मां ने श्रीधाम वृन्दावन में रहते हुए श्रीकृष्ण भक्ति की लहर को समूचे विश्व में प्रवाहित कर के अनेकों व्यक्तियों का कल्याण किया।
संत समागम में चतु:सम्प्रदायाचार्य महंत फूलडोल बिहारीदास महाराज,महामंडलेश्वर नवलगिरि महाराज, प्रमुख समाजसेवी देवीसिंह कुंतल,रामदेव सिंह भगौर,आशा शास्त्री, साध्वी नमिता साधिका,युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,महंत मोहिनीबिहारी शरण महाराज,संत सेवानंद ब्रह्मचारी, पप्पू सरदार,रामप्रकाश सक्सेना,पूनम उपाध्याय,आचार्य ईश्वरचंद्र रावत आदि की उपस्थिति विशेष रही।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।इसके साथ ही वृहद महायज्ञ एवं अखंड हरिनाम संकीर्तन का भी समापन हो गया।इस अवसर पर संत-विप्र सेवा एवं भंडारा भी हुआ।
राजकुमार गुप्ता
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