जौनपुर। सौ से कम छात्रों पर परीक्षा केन्द्र न बनाए जाने का फैसला
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जहां छात्राओं की संख्या 100 से कम होगी, वहां परीक्षा केंद्र नहीं बनेगा। उन्हें दूसरे केंद्र परीक्षा देनी होगी। केंद्र निर्धारण समिति की बैठक में निर्णय लिया गया। जिससे कॉलेजों में खलबली मच गई। परीक्षा केंद्र निर्धारण समिति की बैठक पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सभागार में हुई। जिसमें सेंटर निर्धारण को लेकर समिति ने चर्चा किया। स्नातक- परास्नातक के प्रथम सेमेस्टर में जो कालेज परीक्षा केंद्र बने थे उसमें कई कालेजों का सेंटर तोड़ा जाएगा। जिसके पीछे का कारण है कि जिनके यहां सेकंड सेमेस्टर में छात्राओं की संख्या में सौ से कम होगी, वहां छात्राओं का सेंटर सेल्फ नहीं रखा जाएगा। बल्कि उन्हें उनके यहां छात्राओं को भी दूर दराज दूसरे परीक्षा केंद्र पर परीक्षाए देनी होगी। इसके अलावा कालेज का स्थाई मान्यता, प्राचार्य, शिक्षक अनुमोदन न होने पर भी सेंटर टूटेगा। जबकि कोविड काल के दौरान कई कालेजों ने स्थाई मान्यता नहीं करा पाए थे, उन पर तलवार लटक गई है। इसके अलावा सेंटर तोड़ने के और भी कई मानक निर्धारण किए गए। मालूम हो कि इसके पूर्व शासन व कोर्ट के निर्देशानुसार छात्राओं का सेंटर स्वकेन्द्र रहता था। जबकि छात्रों का सेंटर दूसरे परीक्षा केंद्र पर जाता था। हालांकि ऐडेड कॉलेज पर यह नियम लागू नहीं किया गया था। परीक्षा केंद्र निर्धारण समिति में महज तीन सदस्यों सदस्यों की उपस्थिति में यह निर्णय लिया गया। जिसकी जानकारी होते ही कालेज प्रबंधकों में खलबली मच गई। परीक्षा केंद्र निर्धारण समिति की बैठक में शिक्षक संघ के अध्यक्ष विजय सिंह, महामंत्री डॉ0 राहुल सिंह, मड़ियाहूं पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुरेश पाठक मौजूद रहे।
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