मथुरा ।। वृन्दावन।पानीघाट-परिक्रमा मार्ग स्थित स्वामी करपात्र धाम में अखिल भारत वर्षीय धर्मसंघ व स्वामी करपात्री फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में जगद्गुरु शंकराचार्य
व गोवर्धन पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन स्वामी निरंजन देव तीर्थ महाराज का 26 वां तिरोभाव महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए आचार्य त्रयंबकेश्वर चैतन्य महाराज ने कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निरंजन देव तीर्थ महाराज भारतीय संस्कृति के सशक्त प्रचारक थे।वह गाय,गंगा और गीता के उन्नयन व संरक्षण हेतु आजीवन संघर्षरत रहे।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व आचार्य गंगाधर पाठक ने कहा कि स्वामी निरंजन देव तीर्थ महाराज ने सन 1966 - 1967 में गौ रक्षा आन्दोलन के दौरान गौ हत्या के खिलाफ तत्कालीन केंद्र सरकार के विरुद्ध नई दिल्ली में निरन्तर 73 दिन तक ऐतिहासिक आमरण अनशन किया था।
शास्त्रार्थ महारथी आचार्य पुरुषोत्तम शरण शास्त्री व रंगलक्ष्मी संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य आचार्य रामसुदर्शन मिश्र ने कहा कि स्वामी निरंजन देव तीर्थ महाराज का सारा जीवन सनातन धर्म के प्रचार - प्रसार व उसके संवर्धन के लिए समर्पित था।उन्होंने अपने जीवन के अंतिम चार वर्ष काशी में गंगा किनारे ही व्यतीत किए थे।
उमाशक्ति पीठाधीश्वर स्वामी रामदेवानन्द सरस्वती व बुलंदशहर से आए प्रकांड विद्वान आचार्य दिवाकर वशिष्ठ ने कहा कि स्वामी निरंजन देव तीर्थ महाराज का सनातन संन्यास परम्परा को जीवंत रखने में प्रमुख योगदान है।उन जैसी विभूतियों से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है।
संत-विद्वत संगोष्ठी में भरतपुर (राजस्थान) स्थित वेद विद्यालय के आचार्य धरणीधर महाराज, आचार्य पवन कृष्ण महाराज, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा व प्रमुख समाजसेवी सुरेश जोशी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
राजकुमार गुप्ता
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